देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य का अधिकार अभियान।

आचार्य मनीष ने कहा, 'हम पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित  याचिका दायर करके आयुर्वेद को उसका सही स्थान प्रदान करने के लिए न्यायिक सक्रियता की भी योजना बना रहे हैं। ' 

0 8631
आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य का अधिकार अभियान। आचार्य मनीष एवं अन्य

लखनऊ। प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने 'आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य का अधिकार अभियान' नामक एक अनूठी पहल को हरी झंडी दी है। आचार्य मनीष 1997 से आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और आयुर्वेदिक लेबल 'शुद्धि आयुर्वेद ' के संस्थापक भी हैं, जिसका कॉर्पोरेट कार्यालय चंडीगढ़ के पास जीरकपुर में है। आचार्य मनीष ने 'स्वास्थ्य के अधिकार अभियान' की आधिकारिक रूप से घोषणा की।आयुर्वेदिक चिकित्सक- डॉ. गीतिका चौधरी और डॉ. सुयश प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे। इस अभियान की टैगलाइन है-'आयुर्वेद को है अब घर-घर पहुंचाना' । आचार्य मनीष ने कहा,'चरक संहिता के अनुसार, आयुर्वेद का उद्देश्य है व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी के विकारों को जड़ से समाप्त करना। आयुर्वेद का अर्थ ही है आयु को जानने का संपूर्ण विज्ञान। आयुर्वेद  सिर्फ एक चिकित्सा  पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। आचार्य मनीष का मानना है कि आयुर्वेद हर एक भारतीय के 'स्वास्थ्य के अधिकार ' के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। हमने कोविड युग को इस अभियान की शुरुआत के लिए इसलिए चुना, क्योंकि कोविड के खिलाफ प्रभावकारिता के कारण आयुर्वेद इस अभूतपूर्व महामारी के दौरान प्रमुखता से सामने आया है। यह  अभियान आयुर्वेद के प्रति एक सम्मानजनक कदम है। यह अभियान 6 माह तक चलेगा, जिसके तहत हम  मीडिया, विशेष आयोजनों और कार्यक्रमों के जरिये आयुर्वेद एवं  संबद्ध उपचार विधियों के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे। इसका अंतिम उद्देश्य है आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार दिलाना।

आयुर्वेद विशेषज्ञ, आचार्य मनीष ने आयुर्वेदक चिकित्सकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए एलोपैथिक डॉक्टरों की निंदा की प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ, आचार्य मनीष ने 'स्वास्थ्य का अधिकार' नामक एक अनूठी पहल का अनावरण करने के मौके पर, भारत में आयुर्वेद के विकास हेतु सरकार द्वारा घोषित उपायों के खिलाफ एलोपैथिक और यहां तक कि दंत चिकित्सकों से विरोध करवाने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कड़े शब्दों में निंदा की। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को विशिष्ट सर्जरी की अनुमति देने के खिलाफ एलोपैथी डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया था।आचार्य मनीष ने कहा, "विरोध खराब स्तर पर हो रहा है और इसका उद्देश्य आयुर्वेद के खिलाफ झूठ फैलाना है। एलोपैथिक डॉक्टर आयुर्वेदिक चिकित्सकों को अल्पशिक्षित बताने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि सच नहीं है। वास्तव में, आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एमबीबीएस डॉक्टरों से अधिक पढ़ाई करनी होती है। उन्हें एमबीबीएस में पढ़ाए जानी वाली शरीर रचना, शल्य चिकित्सा आदि विषयों के अलावा, अलग से आयुर्वेद का भी अध्ययन करना पड़ता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों को विशिष्ट सर्जरी की अनुमति देने के लिए केंद्र का धन्यवाद करते हुए, आचार्य मनीष ने केंद्र सरकार से आयुर्वेद के सर्वांगीण विकास हेतु एक 'आयुर्वेद परिषद' स्थापित करने का भी आह्वान किया।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य  संगठन (डब्ल्यूएचओ) स्वास्थ्य को 'शारीरिक,मानसिक और सामाजिक  कल्याण की एक संपूर्ण स्थिति के रूप में  परिभाषित करता है, न कि महज बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति। ' अत: डब्ल्यूएचओ की स्वास्थ्य परिभाषा को वास्तविकता में बदलने के लिए,  ऐसी उपचार विधियों की जरूरत है, जो न केवल चिकित्सा स्थितियों का इलाज करें, बल्कि शारीरिक और  मानसिक कल्याण पर भी ध्यान दें। इस अभियान के माध्यम से आचार्य मनीष और उनकी कानूनी टीम संविधान के अनुच्छेद 21 की भी ओर ध्यान खींचना चाहती है, जो प्रत्येक नागरिक को जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देता है। उच्चतम न्यायालय ने भी माना है कि अनुच्छेद 21 में निहित अधिकार, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों से लिए गए हैं, इसलिए अनुच्छेद 21 में 'स्वास्थ्य की सुरक्षा ' भी शामिल है।

'स्वास्थ्य का अधिकार लागू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि समग्र स्वास्थ्य प्रदान करने में आयुर्वेद की शक्ति के बारे में जागरूकता की कमी है। आयुर्वेद ही डब्ल्यूएचओ  द्वारा प्रस्तुत परिभाषा को प्रमाणित कर सकता है, क्योंकि यह न केवल बीमारियों का इलाज करता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा में सुधार भी करता है, जिससे कि बीमारी पैदा ही न हो। यह कोविड महामारी के दौरान इस्तेमाल की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं से प्रतिरक्षा में हो रही वृद्धि से अच्छी तरह साबित हुआ है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि 'स्वास्थ्य का अधिकार ' आयुर्वेद के बिना एक मिथक है। आचार्य मनीष ने आगे कहा, 'एलोपैथी रोगग्रस्त शरीर को ठीक करने में ही सक्षम है और संक्रमण से बचाने के लिए यह उतनी कारगर नहीं है। स्पष्ट है कि 'स्वास्थ्य का अधिकार' एलोपैथी के जरिये  प्राप्त करना संभव नहीं होगा। दूसरी तरफ, आयुर्वेद शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है, ताकि कोई बीमारी हो ही नहीं। इसमें योग, पंचकर्म आदि जैसे पहलू भी शामिल हैं, जो व्यापक स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हैं। आचार्य मनीष ने कहा 'हमारे आयुर्वेदिक लेबल 'शुद्धि ' का अर्थ है 'शुद्धिकर ' और हमारी व्यापक शोध आधारित एवं आयुष द्वारा  अनुमोदित औषधियां डिटॉक्स के सिद्धांत पर ही काम करती हैं। ' हालांकि, प्रमुख चिंता आयुर्वेद के प्रसार को लेकर है। जहां एक ओर संविधान 'स्वास्थ्य के अधिकार ' की गारंटी देता है, जिसे आयुर्वेद के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, वहीं  दूसरी ओर, आयुर्वेद को एलोपैथी की तुलना में कमतर करके देखा जाता है। एलोपैथी को  अभी भी  उपचार में प्रमुखता दी जाती है और आयुर्वेद व आयुर्वेदिक चिकित्सकों के साथ भेदभाव किया जाता है। इस बीच कुछ नये घटनाक्रमों से खुश भी हैं, जैसे कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत में एक पारंपरिक चिकित्सा  केंद्र स्थापित करने का निर्णय और आयुर्वेदिक डॉक्टरों को विशिष्ट सर्जरी की अनुमति मिलना, आदि। फिर भी अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। नये अभियान के तहत शीर्ष सरकारी अधिकारियों को आयुर्वेद बोर्ड की स्थापना करने, और आयुर्वेद को उपचार में प्राथमिकता दिये जाने या कम से कम इसे एलोपैथी के बराबर दर्जा दिये जाने के लिए कहा जायेगा। आचार्य मनीष ने कहा, 'हम पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक जनहित  याचिका दायर करके आयुर्वेद को उसका सही स्थान प्रदान करने के लिए न्यायिक सक्रियता की भी योजना बना रहे हैं। ' 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

बिना इलाज अस्पताल से ना लौटें डेंगू के मरीज: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

admin November 02 2022 13057

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अस्पताल आने वाला डेंगू पीड़ित कोई भी मरीज बगैर उपचार

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ

आरती तिवारी September 19 2022 9818

सीएम योगी ने पल्स पोलियों अभियान की शुरूआत की है। अभियान में प्रदेश के 50 जनपदों के 2.27 करोड़ बच्चों

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग में लापरवाहों पर हो रही गोल-मोल कार्रवाई

आरती तिवारी July 17 2023 18537

राजधानी लखनऊ के कई अस्पतालों के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप है, लेकिन जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश

नि:शुल्क स्वास्थ्य एवं नेत्र शिविर का किया गया आयोजन

आरती तिवारी August 22 2022 12367

जिले में फ्री स्वास्थ्य एवं नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई लोगों का चेकअप

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग का एक और कारनामा हुआ उजागर

विशेष संवाददाता June 11 2023 14894

योगी सरकार एक ओर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा कर रही है। लापरवाही के आलम तो देखि

उत्तर प्रदेश

हर माह 15 तारीख को स्वास्थ्य इकाइयों पर मनेगा निक्षय दिवस

हुज़ैफ़ा अबरार November 23 2022 38659

सेंट्रल टीबी डिविजन के निर्देशों के अनुक्रम में क्षय रोगियों के पूर्ण स्वस्थ होने के लिए गुणवत्तापूर

इंटरव्यू

हर मरीज़ में टीबी के लक्षण एक जैसे नही होतें हैं: डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव

रंजीव ठाकुर July 21 2022 14849

डॉ रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हेल्थ जागरण को बताया कि टीबी हमारे देश में एक गम्भीर समस्या है जिससे हम

राष्ट्रीय

दो महीने में टीके की बड़ी मात्रा होगी उपलब्ध- डायरेक्टर एम्स दिल्ली

एस. के. राणा May 16 2021 13469

स्पुतनिक ने निर्माण के लिए भारत में कई कंपनियों के साथ करार किया है। भारत बायोटेक और एसआईआई द्वारा न

स्वास्थ्य

जानिए वन तुलसी के जादुई फायदे

लेख विभाग August 08 2023 15984

साइनस की समस्या को दूर करने में भी वन तुलसी बहुत काम आ सकती है। वन तुलसी बहुत काम आ सकती है। वन तुलस

उत्तर प्रदेश

राहत; वैक्सीन के बाद आएगी कोरोना वायरसरोधी गोलियां।

रंजीव ठाकुर August 05 2021 16033

कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन के बाद वायरसरोधी गोलियां भी आ सकती हैं। स्वीडन में एंटीवायरल ओरल

Login Panel