गोरखपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के गोरखपुर के अध्यक्ष डा. शिव शंकर शाही ने कहा है कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह चिकित्सकों को असामाजिक तत्वों से बचाए, उन्हें किसी कीमत पर मानसिक परेशानी में न आने दे। अगर चिकित्सक परेशान होगा, तनाव में रहेगा तो भला वह इलाज कैसे करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि आए दिन अस्पतालों में इलाज के दौरान मरीज की अवस्था बिगड़ने पर तीमारदार या असामाजिक तत्व उपद्रव करते हैं। यह सब रूकना चाहिए। उन्होंने उच्च न्यायालय के जैकब मैथ्यू केस का संदर्भ देते हुए कहा कि उस प्रकरण में यह आदेशित किया गया कि किसी भी मेडिकल नेगलिजेंस में विशेषज्ञ डॉक्टरों के बोर्ड का गठन जरूरी है और उनके निर्णय के बाद ही डॉक्टर को नोटिस दिया जा सकता है या कोई अन्य विधिक कार्रवाई की जा सकती है।
राजस्थान के दौसा की डा. अर्चना (Dr Archana Sharma) के केस में इसको घोर उल्लंघन हुआ। वह डा. अर्चना सुसाइड केस पर आइएमए, गोरखपुर की तरफ से निकाली गई कैंडल मार्च में अपनी बात रख रहे थे। उत्तर प्रदेश आईएमए के संयुक्त सचिव डा. डी के सिंह ने ऐलान किया कि कल, दो अप्रैल को इस सुसाइड केस के खिलाफ सुबह 9 से 4 बजे तक इमरजेंसी छोड़ कर सभी स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहेंगी।
गोरखपुर ओब्स एंड गायनी सोसाइटी की सचिव डॉक्टर अरुणा छापड़िया ने बताया कि सिजेरियन ऑपरेशन के बाद पोस्ट पार्टम हेमरेज (PPH) में अचानक रक्त स्राव बच्चेदानी से होता है। यह किसी भी मरीज को हो सकता है। इसमें डाक्टर की लापरवाही नहीं खोजी जानी चाहिए क्योंकि ब्लीडिंग प्रायः मरीजों में हो जाती है। इसके पीछे भी अनेक कारण हैं। जैसे, ज्यादा बच्चे होना, ऑपरेशन से पहले खून की कमी, दो प्रसव के बीच कम दूरी होना, मरीज की उम्र कम होना, पहले से सिजेरियन ऑपरेशन होना, पेट में बच्चे का आकर बड़ा होना या फिर पेट में पल रहे बच्चे के इर्द-गिर्द पानी ज्यादा होना, प्रसव का समय लंबा होना या फिर पिछले गर्भावस्था में पीपीएच होना। येमरीज की समस्या होती है। डाक्टर उन चीजों को कंट्रोल करने का प्रयास भी करती है।
जनरल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन की सचिव और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्मिता जायसवाल ने कहा कि डॉक्टर इलाज करते समय प्रशासन या तीमारदारों के भय में आकर इलाज नहीं कर सकते। डॉक्टर भी इंसान होते हैं, भगवान नहीं। इसे सभी को समझना होगा।
इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ सुरहिता करीम ने बताया कि इलाज के दौरान मरीज की हालत का बिगड़ना या मृत्यु हो जाने जैसी घटनाओं को आपराधिक धाराओं से अलग रखना चाहिए। डॉक्टर के ऊपर बिना मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के क्रिमिनल धारा का लगा देना बहुत बड़ा मानसिक आघात होता है। इसी आघात ने डा. अर्चना को हमसे छीन लिया। मेडिकल में प्रत्येक इलाज में कोई ना कोई कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना रहती ही है। डाक्टर उसे खत्म करने की पूरी कोशिश करते भी हैं।
IMA वूमन डॉक्टर विंग की अध्यक्ष डॉक्टर दीप्ति चतुर्वेदी ने बताया कि गर्भावस्था में डॉक्टर के ऊपर मां और बच्चे दोनों को बचाने की चिंता रहती है। कई बार ऐसा होता है कि अस्पताल में मरीज से संबंधित कोई अप्रिय घटना हो जाने पर अराजक तत्व तीमारदारों के बीच में छिप कर डॉक्टरों से मारपीट, मानसिक दबाव, पैसे की वसूली जैसे घिनौने काम करते हैं। कई बार तीमारदार यह नहीं देखते कि मरीज की इलाज से पहले की शारीरिक स्थिति क्या थी। ऐसे लोग हर बार डाक्टरों को ही कटघरे में खड़ा करते हैं। यह कतई ठीक नहीं।
शुक्रवार की शाम आईएमए की तरफ से जिलाधिकारी विजय किरन आनंद को एक ज्ञापन दिया गया जिसकी कॉपी राष्ट्रपति, कानून मंत्री, गृह मंत्री ,पुलिस अधीक्षक, राजस्थान के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी
इसके पूर्व आईएमए गोरखपुर ने शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च सीतापुर आई हॉस्पिटल से चेतना तिराहे तक गया और इसमें लगभग 100 डॉक्टरों ने भाग लिया। प्रमुख चिकित्सकों में डाक्टर अमृता सरकारी, डाक्टर अरुणा छापड़िया, डाक्टर साधना गुप्ता, डाक्टर किरन श्रीवास्तव, डाक्टर सविता अग्रवाल, डाक्टर बबीता शुक्ला, डाक्टर मीनाक्षी गुप्ता, डाक्टर प्रीति अस्थाना मल, डाक्टर मधु गुलाटी, डाक्टर अमृता सक्सेना, डाक्टर रिचा मोदी, डाक्टर शर्मिला पोद्दार, डाक्टर मंजू केडिया, डाक्टर बबीता बासवानी, डाक्टर वी एन अग्रवाल, डाक्टर गगन गुप्ता, डाक्टर डी के सिंह, डाक्टर वाई सिंह, डाक्टर आर एन सिंह, डाक्टर एस सी कौशिक, डाक्टर आनंद छापड़िया, डाक्टर महेंद्र अग्रवाल, डाक्टर दीपक मोदी, डाक्टर कुलदीप सिंह, डाक्टर विशाल सिंह, डाक्टर मधु सिंह, डाक्टर नितिन पोद्दार, डाक्टर अमृता, डाक्टर अमित सिंह, डाक्टर शैलेंद्र कुमार, डाक्टर सुनील कमानी, डाक्टर ए पी गुप्ता, डाक्टर अक्षय प्रसाद, डाक्टर राघव अग्रवाल, डाक्टर अजय शुक्ला, डाक्टर शांतनु, डाक्टर गगन गुप्ता आदि शामिल थे।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 60372
सौंदर्या राय March 09 2023 0 70871
सौंदर्या राय March 03 2023 0 68670
admin January 04 2023 0 67833
सौंदर्या राय December 27 2022 0 55329
सौंदर्या राय December 08 2022 0 46786
आयशा खातून December 05 2022 0 100677
लेख विभाग November 15 2022 0 70042
श्वेता सिंह November 10 2022 0 70209
श्वेता सिंह November 07 2022 0 65813
लेख विभाग October 23 2022 0 54146
लेख विभाग October 24 2022 0 52034
लेख विभाग October 22 2022 0 61419
श्वेता सिंह October 15 2022 0 66585
श्वेता सिंह October 16 2022 0 65033
COMMENTS