लिवर सबसे बड़ा आंतरिक अंग है। यह आपके दाहिने फेफड़े के नीचे दाईं ओर की पसलियों के बीच स्थित होता है। लिवर कैंसर की शुरुआत लिवर में होती है। हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) व्यस्कों में पाया जाने वाला सबसे आम लिवर कैंसर है। भारत में हर साल 34,000 से ज्यादा मरीजों में लिवर कैंसर पाया जाता है, जबकि लिवर कैंसर के कारण लगभग 33,000 मौत का शिकार होते हैं। लिवर कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा आम है और यह 40 वर्ष से 70 वर्ष के आयु समूह को प्रभावित करता है।
डॉ. विभोर महेंद्रु, कंसल्टैंट कैंसर सर्जन, लखनऊ के अनुसार, ‘‘लिवर कैंसर का जोखिम कई कारणों से बढ़ सकता है। इसका सबसे आम कारण है लंबे समय तक हेपेटाईटिस बी वायरस (एचबीवी) या हेपेटाईटिस सी वायरस (एचसीवी) से संक्रमित रहना। इसके अन्य कारणों में उम्र, सिरोसिस, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा, टाईप 2 डायबिटीज़ आदि हैं।
लिवर कैंसर का जोखिम कम करने के लिए -
1) हेपेटाईटिस बी और सी के संक्रमणों से बचें व इनका इलाज कराएं;
2) तम्बाकू व शराब का सेवन न करें;
3) वजन को नियंत्रण में रखें,
4) कैंसर करने वाले कैमिकल्स के संपर्क में न आएं और
5) उन बीमारियों का इलाज कराएं, जिनसे लिवर के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
लिवर कैंसर को समय पर पहचानना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसके लक्षण व संकेत तब तक प्रकट नहीं होते, जब तक यह विकसित चरण में न पहुंच जाए। इसलिए जिन लोगों को लिवर कैंसर का जोखिम है, उनको परीक्षण का सुझाव दिया जाता है। लिवर कैंसर के लक्षण अनिश्चित हो सकते हैं
इनमें से किसी एक या ज्यादा लक्षण होने का मतलब यह नहीं कि आपको लिवर का कैंसर है। लेकिन फिर भी यदि आपको इनमें से कोई लक्षण है, तो जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर उसका इलाज कर लें।
लिवर कैंसर के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं।
सर्जरी : लिवर कैंसर के इलाज का सबसे अच्छा तरीका सर्जरी या लिवर का प्रत्यारोपण है।
एबलेशन : इस प्रक्रिया में लिवर ट्यूमर को बाहर निकाले बिना उसे नष्ट कर दिया जाता है।
एंबलाईज़ेशन : इस प्रक्रिया में सीधे लिवर की नस में पदार्थ डालकर लिवर में मौजूद ट्यूमर को खून पहुंचाने का रास्ता बंद कर दिया जाता है।
रेडियेशन थेरेपी : इस प्रक्रिया में उच्च ऊर्जा की किरणों (या कणों) द्वारा कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है।टारगेटेड ड्रग थेरेपी : कीमोथेरेपी की तरह ही, ये ड्रग खून के बहाव में प्रवेश करते हैं और शरीर के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच जाते हैं, जिसके कारण ये शरीर के मुश्किल पहुंच वाले हिस्सों में फैले कैंसर के खिलाफ प्रभावशाली हैं।
इम्युनोथेरेपीः इस प्रक्रिया में उन दवाईयों का इस्तेमाल होता है, जो व्यक्ति की खुद की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं, ताकि वह कैंसर की कोशिकाओं को तलाशकर खत्म कर दे।
इलाज का विकल्प इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितना फैला है और मरीज का प्रोफाईल क्या है। यह विकल्प इलाज करने वाले ऑन्कोलॉजिस्ट के विवेक पर भी निर्भर है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 60372
सौंदर्या राय March 09 2023 0 70871
सौंदर्या राय March 03 2023 0 68670
admin January 04 2023 0 67833
सौंदर्या राय December 27 2022 0 55329
सौंदर्या राय December 08 2022 0 46786
आयशा खातून December 05 2022 0 100677
लेख विभाग November 15 2022 0 70042
श्वेता सिंह November 10 2022 0 70209
श्वेता सिंह November 07 2022 0 65813
लेख विभाग October 23 2022 0 54146
लेख विभाग October 24 2022 0 52145
लेख विभाग October 22 2022 0 61419
श्वेता सिंह October 15 2022 0 66585
श्वेता सिंह October 16 2022 0 65033
COMMENTS