देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों से उठने लगे हैं बूस्टर डोज पर सवाल

दुनिया में बूस्टर डोज की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में मिक्स-एंड-मैच योजना लाने के पीछे दवा नियामक का क्या लक्ष्य है, यह सबसे बड़ा सवाल है। इसके अलावा क्या किसी वैक्सीन की पहली दो डोज और तीसरी डोज के अलग होने से इसकी प्रभावशीलता बढ़ती है?

एस. के. राणा
June 14 2022 Updated: June 14 2022 01:39
0 12018
देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों से उठने लगे हैं बूस्टर डोज पर सवाल प्रतीकात्मक चित्र

नयी दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण कोरोनारोधी वैक्सीन के असर को लेकर सवाल उठने लगे हैं। खासकर कोरोना टीके की दो डोज लगवा चुके लोगों में बूस्टर डोज को लेकर काफी शंकाए हैं। वजह है तीसरी डोज लगने के बाद प्रतिरोधक क्षमता पर इसके अलग-अलग प्रभाव। ऐसे में बूस्टर लगवाने को लेकर जारी बहस लगातार तेज होती जा रही है। इस बारे में अमर उजाला ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है 

इस बीच भारत के दवा नियामक डीजीसीए ने कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को देश की पहली मिक्स-एंड-मैच बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दे दी। यह पहला मौका था, जब भारत में हेटरोलॉगस यानी तीसरी डोज के तौर पर वैक्सीन डोज बदलने पर किसी केंद्रीय एजेंसी की मुहर लगी। 

हालांकि, दुनिया में बूस्टर डोज की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में मिक्स-एंड-मैच योजना लाने के पीछे दवा नियामक का क्या लक्ष्य है, यह सबसे बड़ा सवाल है। इसके अलावा क्या किसी वैक्सीन की पहली दो डोज और तीसरी डोज के अलग होने से इसकी प्रभावशीलता बढ़ती है? इस योजना को लेकर एक सवाल यह भी है कि क्या देश में इससे जुड़ी कोई स्टडी हुई है? अगर हुई है तो इसके नतीजे क्या रहे हैं?

 

पहले जानें- बूस्टर डोज पर क्या है सरकार का पक्ष?
केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को जल्द से जल्द बूस्टर डोज दिए जाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल देश में बूस्टर के तौर पर जिन वैक्सीन की डोज दी जा रही हैं, वह वही हैं जिन्हें पहली और दूसरी डोज के तौर पर लोगों को दिया गया था। यानी कोविशील्ड लगवाने वालों को कोविशील्ड और कोवाक्सिन लगवाने वालों को कोवाक्सिन की बूस्टर डोज। 

 

क्या बूस्टर डोज में वैक्सीन बदलने से कोई फायदा है?
वैज्ञानिकों ने बूस्टर डोज की प्रभावशीलता परखने के साथ ही इससे जुड़े एक्सपेरिमेंट भी शुरू कर दिए थे कि पहली-दूसरी और तीसरी वैक्सीन डोज को बदलने से इंसान की प्रतिरोधक क्षमता पर क्या पड़ता है? अब तक इन रिसर्च के जो नतीजे आए हैं, उनसे साफ है कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को बदलने से प्रतिरोधक क्षमता पर जबरदस्त असर पड़ता है। इसे लेकर पिछले दो महीने में ही तीन रिसर्च भी सामने आई हैं...

  1. इसकी सबसे ताजा जानकारी 23 मई की लांसेट डिस्कवरी साइंस की ओर से प्रकाशित ईबायोमेडिसिन मैगजीन में मिलती है। इसमें क्लीनिकल ट्रायल के आधार पर कहा गया है कि एस्ट्रा जेनेका (कोविशील्ड) और बायोएनटेक (फाइजर) के टीकों को बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल करने से इंसानों में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्यून रिस्पॉन्स देखने को मिलता है। मैगजीन में इन नतीजों के बाद मिक्स-एंड-मैच योजना को और विस्तृत ढंग से अपनाने पर भी चर्चा की गई है।
  2. इससे पहले 17 मार्च को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में वैज्ञानिक रॉबर्ट एल एटमार ने लिखा, "मिक्स-एंड-मैच टीकाकरण योजना मौजूदा वैक्सीन से मिलने वाली प्रतिरोधक क्षमता के दायरे को बढ़ा सकती है।" इस स्टडी में भी कोविशील्ड वैक्सीन के ऊपर एमआरएनए वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर टेस्ट करने के बारे में जानकारी दी गई है।

3 लांसेट में ही 23 अप्रैल को प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया कि बूस्टर की क्षमताओं को परखने के लिए पहले से ली गईं वैक्सीन की डोज और एक अलग वैक्सीन डोज का परीक्षण किया गया। इसमें सामने आया कि अगर तीसरी डोज पिछले दोनों टीकों से अलग हो तो कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

 

बूस्टर डोज में वैक्सीन बदलने से कोई और फायदा?
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के पेपर में विशेषज्ञों ने कहा है कि पहली दो डोज के बाद तीसरी डोज के लिए वैक्सीन बदलने का इंसानी शरीर पर कोई प्रभाव नहीं होता। यानी लोगों को अलग-अलग तकनीक से बनी वैक्सीन भी तीसरी डोज के तौर पर दी जा सकती हैं। इसका फायदा यह है कि किसी भी देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर आगे लोगों को सिर्फ एक वैक्सीन देने का दबाव नहीं रहेगा। इतना ही नहीं, चूंकि बाजार में अब तक कई अलग-अलग तकनीक से बनी वैक्सीन आ चुकी हैं, इसलिए इनकी क्षमता को परखा जा सकता है और रिसर्च के नतीजों के हिसाब से लोगों को वैक्सीन बदलने का विकल्प भी मुहैया कराया जा सकता है।

 

मिक्स-एंड-मैच से भारत को क्या फायदा?
भारत में इस योजना को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इससे फायदा होना लगभग तय है। दरअसल, भारत में बड़ी जनसंख्या ने बूस्टर डोज नहीं ली है। इस बीच अगर कोरोना की कोई और लहर आती है तो इससे वैक्सीन निर्माताओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, क्योंकि भारत में अभी मुख्य तौर पर दो वैक्सीन- कोविशील्ड (80 फीसदी लोगों को) और कोवाक्सिन (16 फीसदी लोगों को) ही दी गई हैं। ऐसे में भारत अगर बूस्टर के तौर पर एक जैसी वैक्सीन लगाने की अपनी नीति नहीं बदलता है, तो इससे लहर आने की स्थिति में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के लिए दबाव बढ़ने की आशंका रहेगी। मिक्स-एंड-मैच स्ट्रैटजी के आने से सरकार बाकी टीकों पर भी निर्भरता बढ़ा सकती है।

 

 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू में लेजर तकनीक से होगा डायबिटिक रेटीनोपैथी का इलाज।

हुज़ैफ़ा अबरार December 20 2021 13131

अनियंत्रित डायबिटिक पीड़ित मरीजों को आंख संबंधी बीमारी का खतरा कई गुना अधिक रहता है। चिकित्सा विज्ञा

उत्तर प्रदेश

पल्स पोलियो महाअभियान के तहत 7.33 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो

आरती तिवारी May 27 2023 23740

प्रदेश के चिह्नित सभी जिलों में पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में शून्य से पांच साल तक

उत्तर प्रदेश

वैक्सीनेशन और टेस्टिंग में प्रदेश अव्वल।

हुज़ैफ़ा अबरार July 09 2021 19108

देश में सर्वाधिक 3.61 करोड़ नि:शुल्क वैक्सीन का लाभ देकर प्रदेश सरकार ने बनाया रिकॉर्ड। कोरोना काल म

स्वास्थ्य

समझिये गठिया रोग, बचाव और इलाज़।

लेख विभाग September 26 2021 22695

गठिया के कारण होने वाले इन स्वप्रतिरक्षा क्षति को मोटे तौर पर रुमेटोलॉजिकल रोग कहा जाता है और इनकी प

उत्तर प्रदेश

यूपी के छह लाख से अधिक शिक्षकों को कैशलेस इलाज मिलेगा

रंजीव ठाकुर April 26 2022 13723

सूबे की योगी सरकार शिक्षकों को कैशलेस इलाज का तोहफा देने जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद ने इसके लिए प

उत्तर प्रदेश

डेंगू के बढ़ते मामलों पर सीएम योगी का सख्त निर्देश

आरती तिवारी October 10 2022 11864

यूपी में त्योहारों के सीजन के बीच डेंगू के बढ़ते मामलों ने यूपी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। वहीं लखन

शिक्षा

केजीएमयू और लोहिया नए छात्रों के स्वागत के लिए तैयार, रैगिंग के खिलाफ ज़ोरदार तैयारी।

अखण्ड प्रताप सिंह January 26 2021 10633

दोनों संस्थान रैगिंग के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। सीसीटीवी कैमरों की मदद से  कैंपस के हर गतिविधि पर

उत्तर प्रदेश

यूपी में माध्यमिक शिक्षा के कुछ स्कूल कोविड प्रोटोकाल के साथ खुले।

रंजीव ठाकुर August 19 2021 14035

उत्तर प्रदेश सरकार ने दो अगस्त सोमवार को कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों (माध्यमिक

उत्तर प्रदेश

पीपीपी माडल पर बनने वाले 16 जिलों के मेडिकल कॉलेजों को स्टांप ड्यूटी में छूट

आरती तिवारी September 04 2022 15953

उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप माडल पर स्थापित किए जाने वाले मेडिकल कॉलेजज

राष्ट्रीय

बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियों द्वारा डाक्टरों को मुफ्त में चीजें देना प्रतिबंधित: सुप्रीम कोर्ट

एस. के. राणा February 23 2022 21346

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'यह जनमहत्व और बेहद चिंता का मामला है कि दवा कंपनियों द्वारा मुफ्त में दिए जान

Login Panel