लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की क्वालिटी मैनेजमेंट पर फोकस कर दिया है। संस्थानों में प्रवेश, परीक्षा और प्लेसमेंट को सुधारा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अब बिना मानक पूरे किए नर्सिंग (nursing institutions) व पैरामेडिकल संस्थानों (paramedical institutions) को संचालित करना आसान नहीं होगा। संस्थानों की जाँच की जिम्मेदारी क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया (QCI) को सौंप दी गई है।
चिकित्सा शिक्षा (Medical Education) विभाग ने प्रवेश (Admission), परीक्षा और प्लेसमेंट में बेहतर सुधार के लिए तैयारियां कर ली है। नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की जाँच क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया करेगा जिससे बिना मानक पूरे किए ऐसे संस्थानों को संचालित करना आसान नहीं होगा।
क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया 900 संस्थानों की रेटिंग का कार्य नवंबर 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक पूरा करेगा। भौतिक निरीक्षण पूरा होने के बाद इनकी रेटिंग जारी की जाएगी। काउंसिल संस्थानों में उपलब्ध संसाधन, फैकल्टी (faculty) और पढ़ाई इत्यादि मानकों पर भी पैनी नज़र रखेगा।
क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा मानकों के हिसाब से रेटिंग होने पर सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान सामने आएंगे। हाई रेटिंग वाले नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थान दूसरों के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश के बाद परीक्षा (exams) में भी सख्ती की जाएगी। उड़न दस्ते से निरीक्षण, सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी और दूसरे संस्थान के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाया जाएगा।
प्लेसमेंट (placement) में बेहतर सुधार के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग बड़े कारपोरेट व प्राइवेट अस्पतालों के साथ एमओयू करेगा जिससे कैंपस सेलेक्शन के माध्यम से विद्यार्थियों को अच्छी नौकरियां मिल सके।
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