जिनेवा। बच्चों में तीन महीने से अधिक समय तक बने रहने वाला किसी प्रकार का दर्द एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। यह वैश्विक स्तर पर बच्चों की बीमारी का एक प्रमुख कारण भी है। पुराने दर्द से पीड़ित बच्चे शारीरिक विकलांगता, चिंता, अवसाद, नींद की समस्याओं और खराब शैक्षणिक प्रदर्शन के शिकार हो जातें हैं। उक्त जानकरी एजेंसियों के माध्यम से मिली।
डब्लूएचओ ने नयी गाइडलाइन ज़ारी करके 0-19 वर्ष की आयु के बच्चों को दर्द से राहत देने के लिए शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और औषधीय हस्तक्षेप की सिफारिश किया है। उसने सदस्य देशों को राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर दर्द प्रबंधन प्रोटोकॉल और दर्द से राहत के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने के लिए नीतियाँ बनाने और उसको लागू करने को कहा है।
बच्चों की इस समस्या के बारे में दुनिया को बहुत सीमित जानकारी है। उपलब्ध अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया के लगभग एक-चौथाई या एक तिहाई बच्चे इस समस्या से ग्रसित हैं। ये कैंसर, सिकल सेल रोग, मधुमेह और गठिया के शुरुआती लक्षण भी हो सकतें हैं।
बच्चों और किशोरों को स्वस्थ्य जीवन का अधिकार है इसलिए उनको दर्द से निजात दिलाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उचित उपचार पर ध्यान दिया जाना चाहिए। पुराने दर्द से पीड़ित बच्चों की देखभाल के उपाय बच्चा और परिवार-केंद्रित होनी चाहिए। इसको सभी अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।
नयी गाइडलाइन में ओपिऑइड आधारित दर्द निवारक दवाओं के भंडारण और दुरुपयोग से उत्पन्न होने वाली हानि के बारे में चिंता व्यक्त किया गया है। अप्रयुक्त ओपिओइड के निपटान और प्रबंधन के लिए मार्ग दर्शन दिया गया है।
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