लखनऊ। एक अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना संक्रमण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे दिमागी बीमारियां भी हो सकती है। संक्रमण से ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा हो सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एण्ड स्ट्रोक (National Institute of Neurological Disorders and Stroke) ने एक अध्ययन (Research) में पाया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुआ इम्यून रेस्पांस ब्रेन की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है (coronavirus infection can damage the brain's blood vessels) जिससे शार्ट या लांग टर्म न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स (neurological symptoms) सामने आ सकते हैं।
कोविड-19 संक्रमण से मारे गए लोगों के मस्तिष्क की जांच में शोधकर्ताओं ने पाया कि एंटीबॉडी वायरस के उत्तर में प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा प्रोटीन का निर्माण हुआ जिसने मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर हमला करके वाहिकाओं को चोट और सूजन पहुंचायी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस सीधे ब्रेन को संक्रमित नहीं करता है। शोध में यह जानने का प्रयास किया गया कि संक्रमण मस्तिष्क को कैसे क्षति पहुंचा सकता है। इसके लिए 24 से 73 वर्ष के बीच 9 लोगों के मस्तिष्क का परीक्षण किया गया।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एण्ड स्ट्रोक के डायरेक्टर और इस शोध को करने वाले डॉक्टर अविंद्र नाथ (Dr Avindra Nath) ने बताया कि रोगियों में अधिकतर कोरोना संक्रमण के साथ न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स (orona infection present neurological symptoms) सामने आते हैं। हमने मृतकों के मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं की सूजन और चोट नोटिस की लेकिन इसका कारण नहीं समझ पाएं थे। अब इस अध्ययन से काफी हद यह कहा जा सकता है कि कोविड संक्रमण से मस्तिष्क की बल्ड वेसेल्स को नुकसान पहुंचता है।
डॉ अविंद्र नाथ का कहना है कि कोविड-19 के जवाब में पैदा होने वाली एंटीबॉडी मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और इससे ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) का खतरा बढ़ सकता है। इससे अनिद्रा (insomnia), सिरदर्द (headache), गंध तथा स्वाद की कमी लगना (loss of smell and taste), थकान बनी रहना (fatigue) जैसे रोग भी हो सकते हैं।
हालांकि डॉ नाथ इसके लिए और शोध करने की आवश्यकता पर बल देते हैं लेकिन यह अध्ययन कोरोना संक्रमण के बाद न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स को समझने में मदद करेगा।
लखनऊ। एक अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना संक्रमण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे दिमागी बीमारियां भी हो सकती है। संक्रमण से ब्रेन स्ट्रोक तक का खतरा हो सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एण्ड स्ट्रोक (National Institute of Neurological Disorders and Stroke) ने एक अध्ययन (Research) में पाया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुआ इम्यून रेस्पांस ब्रेन की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है (coronavirus infection can damage the brain's blood vessels) जिससे शार्ट या लांग टर्म न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स (neurological symptoms) सामने आ सकते हैं।
कोविड-19 संक्रमण से मारे गए लोगों के मस्तिष्क की जांच में शोधकर्ताओं ने पाया कि एंटीबॉडी वायरस के उत्तर में प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा प्रोटीन का निर्माण हुआ जिसने मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर हमला करके वाहिकाओं को चोट और सूजन पहुंचायी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस सीधे ब्रेन को संक्रमित नहीं करता है। शोध में यह जानने का प्रयास किया गया कि संक्रमण मस्तिष्क को कैसे क्षति पहुंचा सकता है। इसके लिए 24 से 73 वर्ष के बीच 9 लोगों के मस्तिष्क का परीक्षण किया गया।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एण्ड स्ट्रोक के डायरेक्टर और इस शोध को करने वाले डॉक्टर अविंद्र नाथ (Dr Avindra Nath) ने बताया कि रोगियों में अधिकतर कोरोना संक्रमण के साथ न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स (orona infection present neurological symptoms) सामने आते हैं। हमने मृतकों के मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं की सूजन और चोट नोटिस की लेकिन इसका कारण नहीं समझ पाएं थे। अब इस अध्ययन से काफी हद यह कहा जा सकता है कि कोविड संक्रमण से मस्तिष्क की बल्ड वेसेल्स को नुकसान पहुंचता है।
डॉ अविंद्र नाथ का कहना है कि कोविड-19 के जवाब में पैदा होने वाली एंटीबॉडी मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और इससे ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) का खतरा बढ़ सकता है। इससे अनिद्रा (insomnia), सिरदर्द (headache), गंध तथा स्वाद की कमी लगना (loss of smell and taste), थकान बनी रहना (fatigue) जैसे रोग भी हो सकते हैं।
हालांकि डॉ नाथ इसके लिए और शोध करने की आवश्यकता पर बल देते हैं लेकिन यह अध्ययन कोरोना संक्रमण के बाद न्यूरोलॉजिकल सिम्पटम्स को समझने में मदद करेगा।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 44499
सौंदर्या राय March 09 2023 0 51779
सौंदर्या राय March 03 2023 0 50133
admin January 04 2023 0 49407
सौंदर्या राय December 27 2022 0 40011
सौंदर्या राय December 08 2022 0 31801
आयशा खातून December 05 2022 0 83028
लेख विभाग November 15 2022 0 52948
श्वेता सिंह November 10 2022 0 50562
श्वेता सिंह November 07 2022 0 48275
लेख विभाग October 23 2022 0 38939
लेख विभाग October 24 2022 0 37715
लेख विभाग October 22 2022 0 47877
श्वेता सिंह October 15 2022 0 48825
श्वेता सिंह October 16 2022 0 51491
महाराष्ट्र सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर की मैन्युफैक्चरिंग के लाइसेंस को रद्द कर दिय
पूरा मामला इसलिए गंभीर है कि जो बच्चा जन्म से ही सब कुछ सही देख रहा था, उसकी आंखों की रोशनी धीरे-धीर
आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताते हैं, जिसको नियमित रूप से करने से गर्मी के मौसम में भी
कैंपस में रैगिंग को लेकर सीनियर्स छात्रों को सख्त हिदायत दिया गया है। सोमवार को एक समारोह आयोजित किय
कोरोना वायरस का असर लोगों की शारीरिक और मेंटल हेल्थ दोनों पर पड़ा है। वहीं मनोरोग समेत अन्य समस्याओं
मॉडर्ना ने कहा कि सभी वयस्कों के लिए मंजूरी की खातिर रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र और चिकित्सा प्रदात
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक हेमराज बैरवा ने कहा कि हिमाचल में अभी पर्याप्त कोविशील्ड वैक्सीन
चीन में कोरोना के चलते एक बार हालात फिर से बेकाबू होने लगे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्दे
आजादी के बाद 74 वर्षों तक उत्तर प्रदेश में 20,000 स्वास्थ्य उपकेंद्र थे, जबकि वर्तमान सरकार ने एक दि
इस मॉर्डन अस्पताल में 500 से ज्यादा पक्षियों के इलाज लिए वार्डों में पिंजरे लगाए गए हैं। साथ ही 300
COMMENTS