लखनऊ। हेल्थ जागरण ने कानपुर रोड स्थित ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र, बंथरा का दौरा किया। हाल ही में बंथरा में बने नए भवन में इसका संचालन शुरू किया गया है। इस केंद्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है और सामान्य ओपीडी का संचालन भी किया जाता है।
यहां आने वाले मरीजों (Patients) ने बताया कि बिजली की आवाजाही बनी रहती है और कई बार लम्बे समय तक बिजली सप्लाई बंद रहती है। बीडीएस (BDS) के छात्र इंटर्नशिप ट्रेनिंग (internship training) करने मेडिकल कॉलेज तथा अन्य संस्थानों से यहां आते हैं। यदि यहां छात्रावास (hostel) की सुविधा उपलब्ध हो जाए तो मेडिकल छात्रों को सीखने और सेवाएं देने का अतिरिक्त समय मिल सकता है जिससे संस्थान की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।
हेल्थ जागरण ने रुरल हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर में डॉक्टर लक्ष्मीकांत शुक्ला, सीनियर रेजीडेण्ट तथा डेंटिस्ट डॉ विश्वेश कुमार, बीडीएस इंटर्न से खास बातचीत की।
डॉ लक्ष्मीकांत शुक्ला, सीनियर रेजीडेण्ट (Senior Resident) ने कहा कि एमबीबीएस पास करने के बाद यहां तीन महीने की इंटर्नशिप ट्रेनिंग दी जाती है। इस दौरान छात्रों को ग्रामीण स्वास्थ्य (rural health) के विषय में खास प्रशिक्षण दिया जाता है। समय समय पर उन्हें स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों में ले जाया जाता है और आंगनबाड़ी या वैक्सीनेशन (vaccination) कार्यक्रमों में भी ले जा कर प्रशिक्षित किया जाता है। कुछ सर्वे के कार्यक्रम होते हैं और सेमीनार भी होते रहते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य डॉक्टर्स को ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षित करना होता है।
उन्होंने कहा कि यहां पर डेंटल को लेकर सामान्य ओपीडी (OPD) चलती है जिसमें प्रिवेंशन मेडिसिन दी जाती है। इसके अलावा यहां नर्सेज की ट्रेनिंग भी दी जाती है जिसमें मेडिकल कॉलेज सहित अन्य संस्थानों से भी छात्र आते हैं।
डेंटिस्ट (Dentist) डॉ विश्वेश कुमार, बीडीएस इंटर्न, मेडिकल कॉलेज ने बताया कि यहां ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को पहले डायग्नोज किया जाता है फिर उनको ट्रीटमेंट का प्लान बताया जाता है और इसके बाद यदि वे तैयार होते हैं तब उनका ट्रीटमेंट किया जाता है। यहां दांतों की साफ सफाई और फिलिंग, बेसिक ट्रीटमेंट, दांत निकालना (tooth extraction), गालों में छाले या अल्सर का इलाज और बत्तीसी बनाने का प्रारम्भिक कार्य किया जाता है। दांतों में दर्द इत्यादि की दवाएं भी दी जाती है।
समय समय पर मेडिकल कॉलेज (medical colleges) और अन्य संस्थानों से डॉक्टर्स यहां आते रहते हैं जो हमें प्रशिक्षण देते रहते हैं। यहां दांतों के इलाज के लिए वही चार्जेज है जो मेडिकल कॉलेज में लिए जाते हैं।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 43500
सौंदर्या राय March 09 2023 0 51113
सौंदर्या राय March 03 2023 0 49245
admin January 04 2023 0 48741
सौंदर्या राय December 27 2022 0 39234
सौंदर्या राय December 08 2022 0 30802
आयशा खातून December 05 2022 0 82251
लेख विभाग November 15 2022 0 52393
श्वेता सिंह November 10 2022 0 48897
श्वेता सिंह November 07 2022 0 47498
लेख विभाग October 23 2022 0 37940
लेख विभाग October 24 2022 0 36827
लेख विभाग October 22 2022 0 35667
श्वेता सिंह October 15 2022 0 47937
श्वेता सिंह October 16 2022 0 50603
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक, ट्रामा सेंटर में 24 घंटे एंबुलेंस समेत ICU और वेंटिलेटर की सुविधा
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा हैं कि चाइना में 80 फीसदी से अधिक आबादी कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं।
व्रत के दौरान ज्यादातर लोग सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते है कि इसके रोजाना सेवन
यूरोपीय देशों विशेषकर ब्रिटेन में लैंब्डा स्वरूप (सी.37) से संक्रमण के अब तक छह मामले सामने आने की ब
इस स्कैन और शेयर कार्यप्रणाली के माध्यम से ओपीडी पंजीकरण को सहज, सुगम और सटीक बनाया गया है। साथ ही,
आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु
कोरोना को लेकर सरकार अलर्ट मोड में नजर आ रही है। वहीं दिल्लीन के 4 सबसे बड़े अस्पतालों में भी तैयारी
नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशक व अतिरिक्त सचिव विकास शील ने कहा, 'अब सीनियर सिटिजन, फ्रंटलाइन व हेल्थकेय
कम दृष्टि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मधुमेह, आंखों में चोट लग जाना, उम्र के साथ आंखे कमजोर होना.
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने लिखा, "एक ब्यूटी पार्लर में अपने बालों को शैम्पू से धोने के दौरान म
COMMENTS