लखनऊ। प्रतिष्ठित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रत्युष रंजन ने आंखों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और समाज से प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस यानी ऐसे अंधेपन की समस्या को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जिनकी रोकथाम संभव है। डॉ. रंजन सर्जरी के बाद यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति बिना चश्मे के आसानी से जीवन बिता सके।
डॉ. रंजन द अशोका फाउंडेशन एनजीओ के माध्यम से आई केयर को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रयासरतहैं। फाउंडेशन का उद्देश्य आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और समाज से प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस को खत्म करना है। डॉ. रंजन ने नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उस दौरान उन्होंने यूपी और बिहार के ऐसे कई गरीब मरीजों को देखा जो पैसे की कमी के कारण साधारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए कई रातें फर्श पर बिता देते थे। डॉ. रंजन ने गरीब लोगों को यथासंभव निशुल्क नेत्र उपचार उपलब्ध कराने के विचार से इस फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2010 किया। उन्होंने अमेरिका के एनजीओ विटामिन एंगल के साथ भी काम किया है, जो आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं से पीड़ित बच्चों को मुफ्त विटामिन ए कैप्सूल प्रदान करता है।
इस अवसर पर डॉ. प्रत्युष रंजन, एमबीबीएस, डीओ एमएस, डीएनबी, एमएएमएस कंसल्टेंट नेत्र रोग विशेषज्ञ, मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव और ग्लूकोमा विशेषज्ञ ने कहा, “पिछले एक साल में हम सभी ने महसूस किया है कि मानव जाति के लिए अच्छा स्वास्थ्य कितना मूल्यवान है और आपकी आंखें आपके स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए स्क्रीन टाइम (मोबाइल के सामने बीतने वाला वक्त) बढ़ने से आंखों की समस्याओं में वृद्धि हुई है और इसलिए नियमित जांच के जरिये से आपकी आंखों की देखभाल अब और जरूरी हो गई है। जितनी बार आपके डॉक्टर सलाह दें या जब भी आपको आंखों से देखने में कोई भी दिक्कत महसूस हो, आपको आंखों की स्वास्थ्य जांच करा लेनी चाहिए। इससे आपकी आंखें स्वस्थ रहेंगी।
उन्होंने आगे कहा, "आधुनिकतम रिफ्रेक्टिव लेजर करेक्शन जैसे बहुत सारे विकास कार्य आंखों की देखभाल के क्षेत्र में हो रहे हैं, जिनकी मदद से बहुत ज्यादा पावर वाली आंखों का भी इलाज किया जा सकता है। ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जो लोगों को स्थायी रूप से अंधा बना रही है। द साइलेंट थीफ ऑफ साइट कही जाने वाली यह बीमारी 40 साल की उम्र से शुरू होती है और आपको अंधा बना सकती है। यह आनुवंशिक बीमारी भी है। अगर आपके माता-पिता और निकट संबंधियों में कोई इससे प्रभावित हो, तो खतरा 7 गुना बढ़ जाता है। इसलिए 40 साल की उम्र में आंखों की व्यापक जांच की जानी चाहिए, जिससे आपकी नजर को ग्लूकोमा से बचाया जा सके। आपकी दृष्टि को बचाने के लिए 4 साल, 40 साल और 60 साल की उम्र में एक व्यापक नेत्र जांच और इसके बाद हर साल जांच की सलाह दी जाती है।''
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. रंजन ने पिछले 10 वर्षों में 35500 से ज्यादा मोतियाबिंद और रिफ्रेक्टिव, 1000 से ज्यादा ग्लूकोमा, 1000 से ज्यादा रेटिनल लेजर और इंजेक्शन एवं 1000 से ज्यादा ओक्युलोप्लास्टी सर्जरी के सफल इलाज किया है। वे एक लेखक और वक्ता भी हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण जर्नल्स में पैंतीस से अधिक लेख भी लिखे हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में वह अतिथि वक्ता और प्रशिक्षक के रूप में आमंत्रित किये जाते रहें हैं।
उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के न्यूकैसल स्थित फ्रीमैन अस्पताल, नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल तथा उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ्थेल्मोलॉजी एंड सीतापुर आई हॉस्पिटल जैसे प्रमुख अस्पतालों के साथ काम किया है। वह वर्तमान में मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव और ग्लूकोमा विशेषज्ञ के रूप में एएसजी सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल के वाराणसी केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं। एएसजी आई हॉस्पिटल्स पूरे भारत में 34 शाखाओं और कंपाला (युगांडा) और काठमांडू (नेपाल) में नेत्र अस्पतालों की अग्रणी श्रृंखला है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 33966
एस. के. राणा March 07 2025 0 33855
एस. के. राणा March 08 2025 0 32301
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27084
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23865
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22866
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81795
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86522
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86208
admin January 04 2023 0 86925
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75975
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119658
लेख विभाग November 15 2022 0 89023
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105063
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87569
लेख विभाग October 23 2022 0 72794
लेख विभाग October 24 2022 0 74900
लेख विभाग October 22 2022 0 81621
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87897
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82238
सिद्धार्थनगर और गोरखपुर प्रत्येक जिले में 5 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और 2 अशोक लीलैंड निर्मित वेंटिलेटर
ये स्टोर और कारोबारी कोविड-19 मरीजों के लिए फेबिफ्लूटेबलेट, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन बेड, नॉर्मल बेड, स्टी
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक दिन में कोरोना के 1 लाख 94 हजार 720 नए केस दर्ज कि
रविवार को पटना में 343 नये मामले की पहचान हुई है। बता दें कि सबसे अधिक मरीज शहर के पीएमसीएच, आइजीआइए
सिरदर्द की समस्या बहुत आम है। ये किसी भी वक्त आपको परेशान कर सकती है। इसके पीछे कई अलग-अलग कारण हो स
चिकित्सकों ने अपील की है कि घरों की छत पर कबाड़ में पानी जमा ना होने दें। कहीं भी साफ पानी इकट्ठा ना
नए संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोतरी के साथ ही देश में सक्रिय केस बढ़कर 1,04,555 और दैनिक संक्रम
यौन इच्छा, कामोत्तेजना और चरम सुख की प्राप्ति एक जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में पूरा सेंट्रल नर
अदरक के कई सारे गुण हैं। क्या आप यह जानते हैं कि अदरक एक जड़ी-बूटी भी है, और पाचन-तंत्र, सूजन, शरीर
एमवे इंडिया 100% पोस्ट-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्ट का प्रबंधन करने और 100% प्री-कंज्यूमर प्लास्टिक वेस्
COMMENTS