एक हालिया शोध में सामने आया है कि वैक्सीन लेने वाली मां के दूध से उनके बच्चों में भी एंटीबाडी विकसित हो रही हैं। जिससे नवजात कई तरह के रोगों से लड़ने में सक्षम हो रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना का टीका लगाने से एंटीबाडी में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। टीके से उन माताओं के दूध में भी एंटीबाडी की वृद्धि देखी गई, जो अपने नवजात को पिला रही थीं। कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन के तमाम फायदे गिनाए जा रहे हैं।
शोधकर्ता अभी यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि ये एंटीबाडी किस तरह से विकसित हो रही है। शोधकर्ताओं के अनुसार जब बच्चे पैदा होते हैं तो उनमें प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) अविकसित होती है। इस स्थिति में मां का दूध ही बच्चों को संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
लार्किन की प्रयोगशाला में डाक्टरेट की छात्रा लारेन स्टेफोर्ड ने बताया कि हमने टीके की दूसरी खुराक ले चुकी मां के दूध और खून की जांच में सौ गुना तक एंटीबाडी में वृद्धि देखी।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी आफ फ्लोरिडा में शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस पर व्यापक अध्ययन किया है। यह अध्ययन जर्नल ब्रेस्टफीडिंग मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन दिसंबर 2020 और मार्च 2021 में किया गया। जब अमेरिका में हेल्थ वर्करों को फाइजर और माडर्ना के टीके दिए गए थे।
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