ओंटारियो। जिस जेनेटिक बीमारी ने आयला बशीर की दो बहनों की जान ले ली, उससे वह खुद पूरी तरह महफूज है। ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि डॉक्टरों ने उसके जन्म से पहले ही उसका इलाज कर दिया था। कनाडा के ओंटारियो में रहने वाली 16 महीने की आयला बशीर ऐसा इलाज पाने वाली दुनिया की पहली बच्ची है।
आयला बशीर के परिवार (Ayla Bashir's family) में ऐसा आनुवांशिक रोग है, जिसकी वजह से शरीर में कुछ या सभी प्रोटीन नहीं बनते और रोगी की जान चली जाती है। जाहिद बशीर और उनकी पत्नी सोबिया कुरैशी इस रोग के कारण अपनी दो बेटियों को खो चुके हैं। उनकी पहली बेटी जारा ढाई महीने में चल बसी थी जबकि दूसरी बेटी सारा आठ महीने में। लेकिन आयला के बारे में बशीर बताते हैं कि वह इस रोग से मुक्त और पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने बताया, "वह किसी भी दूसरे बच्चे जैसी डेढ़ साल की बच्ची है जो हमें खूब व्यवस्त रखती है।
डॉक्टरों ने जिस तरह इस इलाज को अंजाम दिया उसका पूरा ब्योरा बुधवार को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) में प्रकाशित हुआ। शोध पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी (covid-19 epidemic) के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉक्टरों के सहयोग से यह इलाज संभव हो पाया।
कैसे हुआ इलाज? - How was the treatment done?
डॉक्टर कहते हैं कि आयला की स्थिति उत्साहजनक लेकिन अनिश्चित है, फिर भी इस कामयाबी ने भ्रूण-पद्धति से इलाज के नए रास्ते खोले हैं। ओटावा अस्पताल में भ्रूण-दवा विशेषज्ञ (embryo-medicine specialist) डॉ. कैरेन फुंग-की-फुंग बताती हैं कि जन्म लेने के बाद उनका इलाज करना मुश्किल होता है क्योंकि नुकसान हो चुका होता है, इसलिए यह कामयाबी उम्मीद की एक किरण बनकर आई है।
डॉ. फुंग-की-फुंग ने इस इलाज के लिए एक नई पद्धति का इस्तेमाल किया जिसे अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर मेटर्नल-फीटर प्रीसिजन मेडिसन (Maternal-feet Precision Medicine) की सह-निदेशक और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. टिपी मैकिंजी ने विकसित किया है चूंकि महामारी के कारण आयला के माता-पिता ओंटारियो से कैलिफॉर्निया नहीं जा पाए थे इसलिए दोनों डॉक्टरों ने परस्पर सहयोग से यह इलाज किया। मैकिंजी कहती हैं, "इस परिवार के लिए ऐसा कर पाने को लेकर हम सभी पूरे उत्साहित थे।"
वैसे, डॉक्टरों ने पहले भी गर्भस्त बच्चों का इलाज किया है और ऐसा तीन दशक से जारी है। अक्सर सर्जरी के जरिए डॉक्टर स्पिना बिफीडा (spina bifida) जैसे रोगों का इलाज करते हैं। बच्चों को गर्भनाल के जरिए रक्त भी चढ़ाया गया है लेकिन दवाएं कभी नहीं दी गई थीं।
आयला के मामले में डॉक्टरों ने गर्भनाल के जरिए उसे महत्पूर्ण एंजाइम दिए। इसके लिए आयला की मां के पेट में सुई डालकर नस के जरिए उसे गर्भनाल तक पहुंचाया गया। गर्भ धारण करने के 24 हफ्ते बाद हफ्ते में दो बार यह प्रक्रिया तीन हफ्ते तक दोहराई गई।
क्यों अहम है यह इलाज? - Why is this treatment important?
सालों से आयला के परिवार की देखभाल करने वाले डॉक्टर प्रणेश चक्रवर्ती भारतीय मूल के हैं। वह पूर्वी ओंटारियो में बच्चों के विशेष अस्पताल में काम करते हैं। वह कहते हैं, "यहां नई बात दवाई या गर्भनाल (umbilical cord) के जरिए बच्चे तक दवाई पहुंचाना नहीं थी। जो पहली बार हुआ, वह था तब भ्रूण का इलाज करना जबकि वह यूट्रो में है, और जल्दी इलाज करना।"
इस पूरी प्रक्रिया में अमेरिका के डरहम की ड्यूक यूनिवर्सिटी (Duke University in Durham) और सिएटल की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University in Seattle) के वैज्ञानिक भी शामिल हुए, जिन्होंने पॉम्पे रोग का इलाज खोजा है। पॉम्पे रोग से पीड़ित बच्चों का जन्म के फौरन बाद इलाज किया जाता है।इसके तहत एंजाइम रिप्लेसमेंट (Enzyme replacement) किया जाता है ताकि रोग के असर की रफ्तार को धीमा किया जा सके।
हर एक लाख में से एक बच्चे में यह आनुवांशिक रोग (genetic disease) होता है। लेकिन आयला की बहनों जैसे बहुत से बच्चों में स्थिति इतनी गंभीर होती है कि कुछ वक्त बाद शरीर थेरेपी का विरोध करने लगता है और थेरेपी काम करना बंद कर देती है और बच्चों की जान चली जाती है। आयला के मामले में शरीर के प्रतिरोध को धीमा कर दिया गया है। उम्मीद की जा रही है आयला के शरीर का प्रतिरोध गंभीर होने से रोका जा सकेगा।
एस. के. राणा March 06 2025 0 33855
एस. के. राणा March 07 2025 0 33744
एस. के. राणा March 08 2025 0 32301
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27084
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23754
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22755
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81684
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86411
सौंदर्या राय March 03 2023 0 85986
admin January 04 2023 0 86814
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75864
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119436
लेख विभाग November 15 2022 0 88912
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105063
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87458
लेख विभाग October 23 2022 0 72683
लेख विभाग October 24 2022 0 74789
लेख विभाग October 22 2022 0 81510
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87786
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82016
घरेलू हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों को फेस मास्क नहीं पहनने पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगाया ज
बारिश से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात में संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है
स्मार्ट और डिफरेंट लुक पाने के लिए ज्यादातर लोग अलग-अलग हेयर स्टाइल ट्राई करना पसंद करते हैं। वहीं घ
आमतौर पर एड्स संक्रमित साथी के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के कारण होता है। यह एचआईवी संक्र
फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगने के बाद आम लोगों को टीका लगेगा। इसमें 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को
Estimated vaccine effectiveness against SARS-CoV-2 infection was 61.2% (95% confidence interval 56.4
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि ''अपनी तरह की इस अनूठी सेवा की मदद से लोग हरियाली के विस्तार मे
इसे पानी में मिलाकर नहाने से शरीर की चमक बनी रहती है। इसमें मौजूद विटामिन-ई, पालीफेनोल और सायटोस्टेर
ब्रिटेन अपने नागरिकों को बूस्टर डोज लगाना शुरू करने जा रहा है। सोमवार से ब्रिटेन में 30 से ज्यादा के
हेयर पैक के इस्तेमाल से बालों में डैंड्रफ की समस्या दूर होती है। इसके इस्तेमाल से बालों का झड़ना कम
COMMENTS