लखनऊ। कई बार त्वचा के नीचे फूली और घुमावदार नसें होती हैं और ये सूजी और मुड़ी हुई नसें अधिकतर पैरों में देखी जाती हैं। ये नसें हरी, गहरी बैंगनी या नीली हो सकती हैं लेकिन इनके कारण जो पैरों में दर्द या भारीपन महसूस होता है वो तबियत हरी कर देता है। आइए सहारा हॉस्पिटल के डॉ यशपाल सिंह से जानते है कि ये फूली और घुमावदार नसें क्यों होती हैं? और कहीं ये किसी गम्भीर बीमारी का लक्षण तो नहीं।
डॉ यशपाल सिंह (Dr Yashpal Singh of Sahara Hospital) ने कहा कि वैरिकोस नसें (varicose veins) पैरों में दिखाई देने वाली फूली और घुमावदार हरे रंग की नसें होती हैं, जिनका आकार छोटे से लेकर बड़े तक कुछ भी हो सकता है। समय के साथ ये नसें कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकती हैं, जैसे कि रक्तस्राव (bleeding), थक्के (clots) और अल्सर (ulcers) आदि। इस तरह इन नसों से जीवन में परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
सहारा हॉस्पिटल के डॉ यशपाल सिंह ने बताया भारत में पहली बार आधुनिक और एफडीए (FDA) द्वारा अनुमोदित गोंद चिकित्सा (adhesive therapy) शुरू हुई है। वैरिकोस नसों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फॉर्मूलेशन पहले से उपलब्ध अन्य मेडिकल सुपर ग्लू की तुलना में अधिक चिपचिपा होता है।
डॉ यशपाल सिंह ने कहा कि साथ ही इसमें लक्ष्य स्थल से बाहर निकलने और सामान्य नसों (normal nerves) को प्रभावित करने की संभावना कम होती है। यह वैरिकोस नसों के लिए एक प्रकार का गैर-थर्मल, गैर-ट्यूमेसेंट उपचार है। गोंद चिकित्सा आशाजनक है और पारंपरिक लेजर (laser or RFA treatments) या आरएफए उपचारों की तुलना में इसके कई फायदे हैं।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों का कहना है कि वैरिकोस नसों की समस्या से परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि हर मरीज अलग होता है, लेकिन अपने डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा तरीका है ताकि यह तय हो सके कि कौन सा वैरिकोस नस उपचार आपके लिए सही रहेगा।
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