देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

जानिये पार्किसन रोग के कारण और इसके लक्षण।

यदि किसी व्यक्ति की कार्य क्षमता अचानक से कम हो गई है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को दी चाहिए क्योंकि यह पार्किसन रोग का लक्षण हो सकता है। 

लेख विभाग
November 26 2021 Updated: November 26 2021 23:00
0 6884
जानिये पार्किसन रोग के कारण और इसके लक्षण। प्रतीकात्मक

पार्किसन रोग (Parkinson disease)
पार्किसन रोग से तात्पर्य ऐसे मानसिक रोग से है, जिसमें मानव शरीर में कपकपी, कठोरता, चलने में परेशानी होना, संतुलन और तालमेल इत्यादि समस्याएँ होती हैं। पार्किसन रोग की शुरूआत सामान्य बीमारी की तरह होती है, जो कुछ समय के बाद गंभीर रूप ले लेती है।

पार्किसन रोग के लक्षण (Symptoms of Parkinson disease)
पार्किसन रोग के लक्षण या संकेत अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। अक्सर, ये लक्षण शरीर के एक तरफ नज़र आते हैं, जो उस हिस्से को खराब कर देते हैं।
इसके बावजूद, पार्किसन रोग पर किए गए अध्ययनों से स्पष्ट है कि जिन लोगों के शरीर में ये 5 लक्षण नज़र आए तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए क्योंकि ये पार्किसन रोग के संकेत हो सकते हैं-

कपकपी होना- Tremor
पार्किसन रोग का प्रमुख लक्षण शरीर में कपकपी होना है। इसकी शुरूआत शरीर के छोटे से अंग से जैसे उंगली, हाथ इत्यादि से होती है, जो कुछ समय के बाद पूरे शरीर में फैल जाती है।

कार्य क्षमता को कमज़ोर करना- Slowed movement 
यदि किसी व्यक्ति की कार्य क्षमता अचानक से कम हो गई है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को दी चाहिए क्योंकि यह पार्किसन रोग का लक्षण हो सकता है। 

मांसपेशियों में अकड़न- Rigid muscles
पार्किसन रोग का अन्य लक्षण मांसपेशियों में अकड़न होना है। ऐसी स्थिति में मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है ताकि इसे समय तक नियंत्रण में किया जा सके।

बात करने में परेशानी होना- Speech changes
यदि किसी शख्स को बात करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उसे तुरंत अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए क्योंकि यह पार्किसन रोग का संकेत हो सकता है।

लिखने में दिक्कत होना- Writing changes
पार्किसन रोग का अन्य लक्षण लिखने में दिक्कत होना भी है। इस समस्या को किसी भी शख्स को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह उसे पार्किसन रोग का मरीज़ बन सकती है।

पार्किसन रोग के कारण (Causes of Parkinson disease)
हालांकि,अभी तक पार्किसन रोग के सटीक कारण का पता नहीं चला है। वैज्ञानिकों (Scientist) ने समझने के अनुसार पार्किसन रोग के कारणों की परिकल्पना की है। उनकी परिकल्पनों या इस बीमारी पर किए गए अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है, कि पार्किसन रोग मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से हो सकता है-

जेनेटिक कारण का होना- Genetic
पार्किसन रोग होने का प्रमुख कारण जेनेटिक कारण होना है। यदि किसी शख्स के परिवार में किसी व्यक्ति को पार्किसन रोग है, तो उसे अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उसे पार्किसन रोग न हो।

वायरस के संपर्क में आना- Virus
अक्सर, पार्किसन रोग वायरस के संपर्क में आने की वजह से भी हो सकता है। हालांकि, इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाई के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन फिर भी लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

दिमाग की नस का दबना-
यदि किसी व्यक्ति के दिमाग की नस दब गई है, तो उसे पार्किसन रोग होने की संभावना काफी अधिक रहती है। ऐसे लोगों को जल्द से जल्द अपना इलाज शुरू कराना चाहिए ताकि उन्हें पार्किसन रोग होने की संभावना न रहे।

सिर पर चोट लगना- Head injury
ऐसे लोगों को भी पार्किसन रोग हो सकता है जिनके सिर में कभी चोट लगी हो। ऐसे लोगों को किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करना होने के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

वातावरण का कारण होना- Environment
पार्किसन रोग मुख्य रूप से वातावरण का कारण भी होता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति प्रदूषण, केमिकल युक्त इत्यादि वातावरण में रहता है तो उसे पार्किसन रोग जैसी गंभीर बीमारियाँ होने की संभावना रहती है।

पार्किसन रोग के विभिन्न स्तर (Stages of Parkinson disease)
पार्किसन रोग सामान्य से गंभीर रूप तक पहुंच सकता है, जिसके आधार पर इसे 5 स्तर पर बाँटा जा सकता है-

पहला स्तर- पार्किसन रोग का पहला स्तर वह है जब इस बीमारी के लक्षण नज़र नहीं आते हैं। ऐसी कारण कोई भी व्यक्ति के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि उसे पार्किसन बीमारी हो गई है।

दूसरा स्तर- जब किसी व्यक्ति के शरीर के अंगों में कपकपी होने लगती है, तो उसे पार्किसन रोग का दूसरा स्तर कहा जाता है।

तीसरा स्तर- इस स्तर पर पार्किसन रोग के लक्षण नज़र आने लगते हैं। इसके साथ में इससे पीड़ित लोगों को अन्य समस्याएं जैसे गिलास को पकड़ना, चाय का कप पकड़ने इत्यादि का सामना करना पड़ता है।

चौथा स्तर- पार्किसन रोग का अगला स्तर चलने या खड़े में परेशानी होना है। इस स्थिति में, लोगों को खड़े होने या फिर चलने में किसी न किसी सहारे की जरूरत पड़ती है।

पांचवा स्तर- पार्किसन रोग के अंतिम स्तर में इससे पीड़ित लोगों की मानसिक क्षमता पर असर पड़ता है। इस स्थिति में, लोगों की यादशत कमज़ोर होने, दुविधा में रहना इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

पार्किसन रोग की पहचान (Diagnosis of Parkinson disease)
ऐसा माना जाता है कि किसी भी बीमारी की पहचान समय रहते करने पर उससे छुटकारा पाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
यह बात पार्किसन रोग पर भी लागू होती है, इसलिए इसकी पहचान लोगों की ज़िदगी को बेहतर बना सकती है।
इस प्रकार, यदि किसी व्यक्ति को पार्किसन रोग से पीड़ित होने की शंका है, तो वह निम्नलिखित तरीके से इस बात की पुष्टि कर सकता है, कि वह पार्किसन रोग से पीड़ित है अथवा नहीं-

हेल्थ हिस्ट्री या स्वास्थ इतिहास की जांच करना- पार्किसन रोग की पहचान करने का सबसे आसान तरीका हेल्थ हिस्ट्री या स्वास्थ इतिहास की जांच करना है।
डॉक्टर इससे इस बात का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण तो नहीं हैं।

सी.टी स्कैन करना- (CT Scan)
अक्सर, डॉक्टर पार्किसन रोग की पहचान सी.टी स्कैन के द्वारा भी करते हैं। इस टेस्ट में मानव शरीर के अंदरूनी हिस्से की तस्वीर ली जाती है और इस बात का पता लगाया जाता है कि उसमें पार्किसन रोग किस हद तक पहुंच गया है।

एम.आर.आई करना- (MRI)
सी.टी.स्कैन करने के अलावा, पार्किसन रोग की पहचान एम.आर.आई के द्वारा भी की जाती है। इसमें मस्तिष्क की अंदरुनी हिस्से की जांच की जाती है और इस बात का पता लगाया जाता है, कि मस्तिष्क के किस हिस्से में दिक्कत है।

डोपामाइन  ट्रांसपोर्टर (DAT) करना- वर्तमान समय में, पार्किसन रोग की पहचान करने में डोपामाइन ट्रांसपोर्टर (डी.ए.टी) नामक टेस्ट भी काफी लोकप्रिय साबित हो रहा है। हालांकि, यह टेस्ट पार्किसन रोग की सटीक पहचान नहीं करता है, लेकिन इसके बावजूद यह डॉक्टर को यह संकेत दे देता है कि व्यक्ति के मस्तिष्क में कुछ गड़बड़ी है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन: लक्षण, कारण, जाँच, इलाज

admin January 03 2022 14177

UTI एक सामान्य संक्रमण है लेकिन सही इलाज के अभाव में यह गंभीर रूप भी ले सकता है। ऐसे में मरीज को चाह

उत्तर प्रदेश

नामचीन गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय में गंदगी का अम्बार, बजबजा रहें नाले

सनी माथुर April 05 2022 21411

भारत सरकार और यूपी सरकार, साफ-सफाई को लेकर दृढ़प्रतिज्ञ है लेकिन कानपुर जैसे बड़े शहर में गणेश शंकर

अंतर्राष्ट्रीय

कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए खाने वाली गोलियां वैक्सीन का विकल्प नहीं: विशेषज्ञ

हे.जा.स. November 11 2021 9470

शुरुआती परीक्षणों में देखा गया है कि इन गोलियों को खाने से कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षणों को नियंत्

अंतर्राष्ट्रीय

कोरोना संक्रमण से अमेरिका में अब तक नौ लाख लोग मरे

हे.जा.स. February 06 2022 8307

जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी’ के आंकड़ों के अनुसार, मृतकों की कुल संख्या इंडियानापोलिस, सैन फ्रांसिस्को

सौंदर्य

पतली भौंहों पर आईब्रो पेंसिल लगाने का सही तरीका।

सौंदर्या राय September 19 2021 24832

जिन लोगों की आईब्रोज पतली या कम है वो अक्सर भौंहों को मोटा दिखाने के लिए आईब्रो पेंसिल का इस्तेमाल क

उत्तर प्रदेश

लोहिया अस्पताल में ओआरएस जागरूकता सप्ताह का हुआ आगाज़

रंजीव ठाकुर July 28 2022 14805

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विभाग द्वारा भारतीय बाल रोग अकादमी के सहयोग से ब

सौंदर्य

वैक्सिंग से स्किन को बनाएं चिकना और सुन्दर।

सौंदर्या राय October 22 2021 8309

वैक्सिंग करके एक ही बार में काफी बड़े हिस्से से अनचाहे बालों को हटाया जा सकता है। वैक्सिंग करने से ब

उत्तर प्रदेश

यूपी में एक क्लिक में मिलेगी मरीज की मेडिकल हिस्ट्री

अखण्ड प्रताप सिंह December 20 2022 11841

यूपी के किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर अपनी मेडिकल हिस्ट्री ले जाने की जरूरत नहीं हो

उत्तर प्रदेश

पीपीपी माडल पर चलेंगी उत्तर प्रदेश की 15 सीएचसी

श्वेता सिंह October 19 2022 8615

प्रदेश की 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है, जहां पीपीपी मॉडल पर सभी सुविधाएं विकसि

स्वास्थ्य

जानिए खर्राटों का कारण और बचाव के तरीके।

लेख विभाग November 04 2021 8075

तेज खर्राटे कभी-कभी किसी गंभीर समस्या का भी संकेत देते हैं। आइए जानते हैं कि खर्राटे क्यों आते हैं औ

Login Panel