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अस्थमा को समझे, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अस्थमा एक सांस की बीमारी है जिसको हिंदी में दमा कहते है। इस बीमारी में फेफड़े में जाने वाले हवा के ट्यूब ( ब्रोंकियल ट्यूब में सूजन आ जाती है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट और छाती में जकड़न होती है।

लेख विभाग
May 03 2022 Updated: May 03 2022 16:26
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अस्थमा को समझे, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें प्रतीकात्मक चित्र

विश्व अस्थमा दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है।  GINA का इस वर्ष का थीम है CLOSING GAPS IN ASHTMA CARE अर्थात लोगो में इसके प्रति जागरूकता फैलाना ताकि इससे होने वाली गंभीर स्थिति से बचाव किया जा सके। अतः यह दिवस अस्थमा बीमारी की जागरूकता के विषय में मनाया जाता है।

अस्थमा एक सांस की बीमारी है जिसको हिंदी में दमा कहते है। इस बीमारी में फेफड़े में जाने वाले हवा के ट्यूब ( ब्रोंकियल ट्यूब में सूजन आ जाती है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट और छाती में जकड़न होती है। ये लक्षण आवृत्ति और गंभीरता में भिन्न होते हैं।  सही इलाज से अस्थमा के  लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे दमा से पीड़ित लोगों को पूर्ण जीवन जीने में सक्षम किया जा सके।

 

हमे यह जानना जरूरी है कि अस्थमा के क्या ट्रिगर हो सकते है जिससे हमे बचाव किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण ट्रिगर इस प्रकार हैं।

  • वायुमंडलीय पदार्थ, जैसे पराग, धूल के कण, मोल्ड स्पोर, पालतू डेंडर या तिलचट्टे कचरे के कण
  • श्वसन संक्रमण, जैसे कि सामान्य सर्दी
  • शारीरिक गतिविधि (व्यायाम से प्रेरित अस्थमा)
  • ठंडी हवा
  • वायु प्रदूषक और परेशानियों, जैसे धूम्रपान
  • बीटा ब्लॉकर्स, एस्पिरिन, इबुप्रोफेन (एडविल, मोटरीन आईबी, अन्य) और नैप्रोक्सेन (एलेव) जैसी कुछ दवाएं
  • तनाव (Stress)
  • सल्फाइट्स और संरक्षक (preservatives) कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में शामिल होते हैं, जिनमें झींगा, सूखे फल, प्रोसेस्ड आलू, बियर और शराब शामिल होते हैं, ये भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं
  • गैस्ट्रोसोफेजियल रीफ्लक्स बीमारी (GERD) भी दमे की बीमारी को ट्रिगर कर सकती है।

 

अस्थमा के लक्षण होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए – Contact Doctor immediately

डॉक्टर के द्वारा दिया गया इनहेलर सही तकनीक से इस्तेमाल करना चाहिए और बिना डॉक्टर के सलाह के बंद नही करना चाहिए।

अस्थमा से बचाव के कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए – Preventive steps

  • अस्थमा एक्शन प्लान का पालन करें: अपने डॉक्टर और स्वास्थ्य देखभाल टीम के साथ, दवा लेने और अस्थमा (Asthma) के दौरे को मैनेज करने के लिए एक विस्तृत प्लान बनाएं। फिर अपने प्लान को अच्छे से पालन करें।
  • अस्थमा में नियमित निगरानी और इलाज की जरूरत होती है: आपके दमा के इलाज (Treatment of Asthma) पर नियंत्रण लेने से आप सामान्य रूप से अपने जीवन के नियंत्रण से अधिक महसूस कर सकते हैं।
  • इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के लिए टीकाकरण कराएं: टीकाकरण की सहायता से आप फ्लू और निमोनिया को अस्थमा को ट्रिगर करने से रोक सकते हैं।
  • अस्थमा ट्रिगर्स की पहचान करें और इससे बचें: मोल्ड से लेकर ठंडी हवा और वायु प्रदूषण से लेकर कई आउटडोर एलर्जेंस और परेशानियों – अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं। इन सभी का पता लगाएं कि क्या क्या आपके अस्थमा को खराब कर सकते हैं, और उन ट्रिगर्स से बचने के लिए कदम उठाएं।
  • अपनी साँस लेने की गतिविधि का ध्यान रखें: मामूली खांसी, घर-घर या सांस लेने में तकलीफ होना, इस तरह के संकेतों को पहचानना सीखें। क्योंकि आपके फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता कम हो सकती है इसलिए किसी भी लक्षण से पहले नियमित रूप से अपनी श्वसन की प्रक्रिया को मैप करें।
  • अस्थमा के दौरे को पहचान कर इलाज करायें: यदि आप इसका ध्यान समय से रख लेंगे तो आप इसके गंभीर परिणामों से बच सकते हैं, और आपको इसके लक्षणों को कम करने के लिए अधिक दवाइयों की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  • निर्धारित दवाइयां समय से लें: यदि आपको ऐसा लगने लगे कि आपका दमा सही हो रहा है, बिना डॉक्टर की सलाह लिये इलाज में कुछ बदलाव न करें और न ही कोई दवाई लेना बंद करें। जितनी बार आप अपने डॉक्टर के पास जाएँ अपनी दवाइया साथ लेकर जायें जिससे आपका डॉक्टर यह देख सके कि आप अपनी दवाइया सही से ले रहें हैं या नहीं।
  • त्वरित राहत इन्हेलर के प्रयोग का ध्यान रखें: यदि आपको इन्हेलर की आवश्यकता जल्दी जल्दी पड़ती है तो इसका मतलब यह है कि आपकी बीमारी में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से इलाज कराएं।

 

अस्थमा के बारे में आम गलतफहमियों में शामिल हैं:

  • अस्थमा बचपन की बीमारी है; उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति इससे बाहर निकलेंगे।
  • अस्थमा संक्रामक है।
  • अस्थमा के मरीजों को व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  • उच्च खुराक स्टेरॉयड के साथ ही अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

सच तो यह है:

  • अस्थमा किसी भी उम्र में हो सकता है (बच्चों, किशोरों, वयस्कों और बुजुर्गों में)
  • अस्थमा संक्रामक नहीं है। हालांकि, वायरल श्वसन संक्रमण (जैसे सामान्य सर्दी और फ्लू) अस्थमा के दौरे का कारण बन सकता है। या बच्चों में, अस्थमा अक्सर एलर्जी से जुड़ा होता है, लेकिन अस्थमा जो वयस्कता से शुरू होता है, अक्सर कम एलर्जी होती है।
  • जब अस्थमा को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाता है, तो अस्थमा के रोगी व्यायाम करने में सक्षम होते हैं और यहां तक ​​कि शीर्ष खेल भी कर सकते हैं।
  • कम खुराक वाले इनहेल्ड स्टेरॉयड के साथ अस्थमा को अक्सर नियंत्रित किया जा सकता है

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