कोरोना काल के दौरान गैजेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट, वीडियो गेम, ऑनलाइन गेम, टीवी जैसे डिवाइसेज के ज्यादा इस्तेमाल से भी आंखों पर असर पड़ रहा है। लेकिन वो कौन से लक्षण हैं, या संकेत हैं जो आंखों की किसी गंभीर समस्या को बता सकते हैं? क्या शुरुआत में ही इनकी पहचान हो सकती है, ताकि आंखों की रोशनी को बचाया जा सके? या खराब होने से बचाया जा सके? हम अपनी आंखों का ख्याल कैसे रख सकते हैं?
किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के डॉ सिद्धार्थ अग्रवाल बतातें हैं कि अगर आंखों में कोई दिक्कत होती है तो आंख के बाहरी और भीतरी हिस्सों में किसी प्रकार की परेशानी के संकेत दिखाई देने लगेंगे। इनमें से प्रमुख रूप से-
आंखों (eyes) में किसी बड़ी परेशानी के संकेत हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि एक या दोनों आंखों में दर्द, ज्यादा लाली, कम दिखना- ये भी ऐसे संकेत हैं, अगर इनमें से कोई दिक्कत हो, तो आंखों वाले डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि आंखों को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। इसलिए थोड़ी सी या सामान्य परेशानी अगर ज्यादा दिनों तक बनी रहे तो भी डाक्टर को दिखाना जरूरी है। आंखे अनमोल हैं इसको लेकर किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहिए। धुंधला दिखना या कम दिखना एज-रिलेटेड मैक्यूलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद या आंखों के दूसरे कई विकारों का लक्षण भी हो सकता है।
लगातार स्क्रीन पर नजर रखने से बचे - Avoid continuously watching screen
कोरोना महामारी के दौरान बच्चों व युवाओं का स्क्रीन टाइम कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है क्योंकि जब उनके घर से बाहर निकलने और आपस में मिलने-जुलने पर रोक लगी हुई है तो जाहिर है कि काम के जरूरी घंटों के अलावा भी मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। जिससे आंखों के बीमार होने का खतरा हमेशा बना रहता है। आंखों में थकावट, पानी गिरने, आंखों में खुजली होना जैसे सामान्य लक्षण जल्दी दिखने लगते हैं। डॉ अग्रवाल बताते हैं कि स्क्रीन के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से आंखों में स्ट्रेन होता है, जिसे हम डिजिटल आई स्ट्रेन कहते हैं।
डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण - symptoms Digital eye strain
ये वो दिक्कतें हैं जो स्क्रीन जैसे टीवी (TV), मोबाइल (mobile), कम्प्यूटर (mobile), लैपटाप (laptop) के ज्यादा इस्तेमाल से होती हैं, इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (computer vision syndrome) भी कहा जाता है।
अगर कम्प्यूटर पर घंटो बैठना मजबूरी हो तो डॉ अग्रवाल कुछ बातों का ख्याल रखने को कहते हैं।
1. घड़ी पर बराबर नजर बनाएं रखेंः सबसे पहले समय को देखना है। जितना कम स्क्रीन को यूज कर सकते हैं, उतना कम करें। जैसे बच्चों को क्लास लेनी ही होगी, ऑफिस का काम करना ही होगा, लेकिन जहां तक ऑनलाइन गेम की बात है, वो जरूरी नहीं है। उससे बचा जा सकता है।
2. बीच बीच में स्क्रीन से ब्रेक लेना न भूलेंः जब भी हम ब्रेक ले सकते हैं, ब्रेक लेना चाहिए। एक 20-20-20 नियम है कि 20 से 25 मिनट काम करने के बाद 30 सेकेंड का ब्रेक लिया जाए। इस दौरान आप दूर रखी किसी वस्तु को देखने का काम कर सकते हैं जिससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिल सके।
3. पॉस्चर सही रखेंः आप किस तरह से बैठे हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी है। लेट के पढ़ने से या लेट के स्क्रीन पर देखने से आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है। कंप्यूटर या लैपटॉप का ऊपरी हिस्सा आंखों के लेवल के ठीक नीचे होना चाहिए और कंप्यूटर आंखों से कम से कम एक फुट की दूरी पर होनी चाहिए।
4. लाइटिंग का भी रखें ध्यानः अंधेरे कमरे में स्क्रीन की लाइट आंखों पर बहुत जोर देती है, इसलिए कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल अंधेरे में यूज न करें और न ही बहुत अधिक लाइट वाली जगह पर इस गैजेट का इस्तेमाल करें।
जो लोग अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर लगातार काम करते हैं उनके लिए डॉ अग्रवाल आंखों की एक्सरसाइज और लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। लेकिन कोई भी दवा लेने से पहले वह डाक्टर से सलाह लेकर ही इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं।
आंखों को आराम देने के कुछ आसान टिप्स – Tips to relax eyes
डॉ अग्रवाल दो टिप्स देते हैं, जिनसे आंखों की थकावट को दूर किया जा सकता है-
आंख अनमोल है रेगुलर चेकअप जरूरी - Eye is precious, regular checkup is necessary
आंखों की कुछ समस्याओं के लक्षण सामने आ सकते हैं, लेकिन कुछ गंभीर दिक्कतें ऐसी भी होती हैं, जिनके कोई लक्षण नजर नहीं आते और आगे चल कर दिखाई देना बंद हो सकता है इसलिए जरूरी है कि आंखों का रेगुलर चेकअप कराया जाए। आंखे अनमोल हैं इसकी देखभाल में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
लेखक - डॉ. सिद्धार्थ अग्रवाल, नेत्र विशेषज्ञ, किंगजार्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ
सौंदर्या राय May 06 2023 0 60372
सौंदर्या राय March 09 2023 0 70760
सौंदर्या राय March 03 2023 0 68670
admin January 04 2023 0 67833
सौंदर्या राय December 27 2022 0 55218
सौंदर्या राय December 08 2022 0 46786
आयशा खातून December 05 2022 0 100566
लेख विभाग November 15 2022 0 69931
श्वेता सिंह November 10 2022 0 70209
श्वेता सिंह November 07 2022 0 65813
लेख विभाग October 23 2022 0 54035
लेख विभाग October 24 2022 0 52034
लेख विभाग October 22 2022 0 61419
श्वेता सिंह October 15 2022 0 66585
श्वेता सिंह October 16 2022 0 65033
COMMENTS