लखनऊ। आजकल देश की लगभग 50% आबादी नींद न आने की समस्या से परेशान है। मनुष्य के शरीर के सुचारू संचालन, स्वास्थ्य एवँ मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त गुणात्मक नींद की जरूरत होती है, यदि व्यक्ति निर्धारित समय से कम नींद लेता है तो उसको तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
नींद संबंधी समस्याओं की गंभीरता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि दुनिया के लगभग 50% लोग नींद की कमी से होने वाली परेशानियों से पीड़ित हैं। नींद की कमी से देश की लगभग 50% आबादी के जीवन की गुणवत्ता को खतरा है । यह जानकारी केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व सदस्य वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनुरूद्व वर्मा ने दिया।
उन्होंने बताया कि नींद पूरी न होने पर होगी अनेक समस्याएं हो सकती है जिनमे सिर दर्द, पेट खराब ,गैस, मोटापा, तनाव ,डिप्रेशन, डायबिटीज, हृदय रोग, थकावट, कमजोर, काम में मन न लगना, हार्मोनल परिवर्तन, थकान, एकाग्रता में कमी, स्फूर्ति में कमी, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, थकान, गुस्सा, एकाग्रता में कमी, प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना, भावनाओं का असामान्य होना, मेटाबोलिज्म प्रभावित होना मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होना, अधिक मृत्यु दर, दुर्घटनाएं जैसी समस्याएँ प्रमुख हैं ।
आजकल की भागदौड़ आपाधापी व भरी जिंदगी में गुणात्मक नींद न आना बहुत बडी समस्या है। नींद की कमी के लिए अनिद्रा, सांस की समस्या, दमा, खर्राटे, स्लीप अपिनिया, तनाव, पौष्टिक भोजन की कमी, डिप्रेशन, कमजोरी, सर्दी जुकाम, अनियमित जीवन शैली, सोते समय पैर हिलाना, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप डिसऑर्डर, एलर्जी, पर्यावरण, शारीरिक मेहनत की कमी, बीमारी, सर्दी जुकाम,फ्लू, दवाइयॉं, हार्मोनल असुंतलन आदि जिम्मेदार होते है। अनियमित जीवन शैली, शारीरिक श्रम की कमी, पर्यावरण, सोने का स्थान, आसपास का वातावरण भी काफी प्रभावित करता है।
उन्होंने बताया कि अच्छी सेहत के लिए कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूरी है। बेहतर नींद के लिए खाने के बाद तुरंत सोने के लिए न जाएं खाना,खाने के बाद टहलें, संतुलित और स्वस्थ आहार लें, भारी भोजन न करें। शराब , सिगरेट, काफी ,चाय, कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, सोने वाला कमरा साफ, शांत, अंधेरा और एलर्जी और गंध से मुक्त होना चाहिए। बिस्तर का गद्दा पतला होना चाहिए । टीवी, कम्प्यूटर, मोबाइल का उपयोग सीमित करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एलोपैथी मेँ नींद की गोली खाने की सलाह दी जाती है जो आपको उसकी आदी बना सकती हैं। नींद से संबंधित विकारों के उपचार में होम्योपैथिक औषधियाँ बिना किसी दुष्परिणाम के पूरी तरह कारगर हैं।
डॉ वर्मा ने बताया कि अनिद्रा के उपचार में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख औषधियों में नक्स वोमिका, नेट्रम म्यूर, इग्नेशिया, कॉफिया, काली फॉस, चायना, पैसिफ्लोरा आदि शामिल हैं परंतु इनका प्रयोग प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक दवाईओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि व्यक्ति इसका आदी नहीं होता है तथा यह दवाइयाँ व्यक्ति को प्राकृतिक नींद प्रदान करती हैं। कुछ सावधनियाँ अपनाकर, जीवन शैली को नियमित कर संतुलित नींद लेकर स्वस्थ एवँ खुशहाल जिंदगी बिता सकते हैं।
डॉ अनुरूद्व वर्मा से लाइफ लाइन होम्यो क्लिनिक, अग्रवाल प्लाजा, सी ब्लॉक, इंदिरा नगर, लखनऊ मोबाइल नंबर 6392090088
एस. के. राणा March 06 2025 0 33855
एस. के. राणा March 07 2025 0 33744
एस. के. राणा March 08 2025 0 32301
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27084
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23754
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22755
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81684
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86411
सौंदर्या राय March 03 2023 0 85986
admin January 04 2023 0 86814
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75864
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119436
लेख विभाग November 15 2022 0 88912
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105063
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87458
लेख विभाग October 23 2022 0 72683
लेख विभाग October 24 2022 0 74789
लेख विभाग October 22 2022 0 81510
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87786
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82016
एसजीपीजीआई में आने वाले रेफरल पर्चों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है जिसका खामियाजा बहुत से मरीजों को
बोले मेडिकल एसेसमेंट बोर्ड के अध्यक्ष, पहली बार देखा नर्सिंग प्रशिक्षुओं की सेवा शपथ समारोह का विशुद
अल्जाइमर्स एक दिमागी बीमारी है,जो व्यक्ति के दिमाग को कमजोर कर मैमोरी पर असर डालती है। पहले ये बीमार
ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं में शुरू होता है, और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है। ह
आज लगभग 2225 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और कुल “08” घरों में मच्छरजनि
प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी लम्बे समय से विभिन्न विभागों के कर्मियों के एकीकरण की मांग कर रहे थे जिसमे
चेहरे पर सूजन आना आम समस्या है। सूजन की ये समस्या समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है और अगर ये समस्या
स्क्रब टायफस के कुछ लक्षण मिलने पर इसका सैंपल आईसीएमआर लैब जबलपुर भेजा गया था। वहां से इसकी पॉजिटिव
कनाडा के बाजार में रेड्डी-लेनलिडोमाइड दवा को पेश करना, वहां के मल्टीपल मायलोमा और मायलोडिसप्लास्टिक
आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय आयुष मंत्री ने मीडिया को 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) का विव
COMMENTS