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भारत सरकार की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा 'ई संजीवनी' आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुडी 

एबीडीएम के साथ ई-संजीवनी का एकीकरण एक ऐसा उदाहरण है जहां 22 करोड़ एबीएचए धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं।

विशेष संवाददाता
June 03 2022 Updated: June 03 2022 22:30
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भारत सरकार की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा प्रतीकात्मक चित्र

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अपनी प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) को ई-संजीवनी के जोड़ने की घोषणा की है। दोनों योजनाओं के आपस में जुड़ जाने से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ता आसानी से अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) बना सकेंगें।  

इस सुविधा के द्वारा उपयोगकर्ता डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड (health records) आदि का आसानी से प्रबंधन कर सकेंगे। उपयोगकर्ता ई-संजीवनी (e-Sanjeevani) पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे जो बेहतर नैदानिक ​​निर्णय लेने और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

इस एकीकरण के महत्व के बारे में एनएचए के सीईओ डॉ. आर. एस. शर्मा ने कहा  कि एबीडीएम का लक्ष्य भारत में मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों (digital health solutions) और हितधारकों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए डिजिटल हाईवेज का निर्माण करना है। एबीडीएम के साथ ई-संजीवनी का एकीकरण एक ऐसा उदाहरण है जहां 22 करोड़ एबीएचए धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं। उपयोगकर्ता अपने पहले से जुड़े हेल्थ रिकॉर्ड को ई-संजीवनी पर डॉक्टरों (doctors) के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित हो जाएगी।

ई-संजीवनी सर्विस दो वेरिएंट में उपलब्ध है। पहला ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)- डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है, जिसके माध्यम से एचडब्ल्यूसी में जाने वाले लाभार्थी डॉक्टरों/विशेषज्ञों/अस्पताल/मेडिकल कॉलेज से जुड़ सकते हैं जो तृतीयक स्वास्थ्य सुविधा में हो सकते हैं। यह सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों और पृथक समुदायों में सामान्य और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है। दूसरा वेरिएंट, ई-संजीवनी ओपीडी (OPD) देश भर में मरीजों की सेवा कर रहा है, उन्हें सीधे डॉक्टरों से उनके घरों तक आराम से जोड़ रहा है। दोनों वेरिएंट- ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी को एबीडीएम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है।

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म अब अन्य 40 डिजिटल हेल्थ एप्लीकेशन में शामिल हो गया है, जो एबीडीएम से जुड़े हुए हैं। साथ में, ये स्वास्थ्य तकनीक सेवाएं देश के लिए एक मजबूत, अंतर-संचालित और समावेशी डिजिटल हेल्थ इको-सिस्टम (digital health eco-system) का निर्माण कर रही हैं। 

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