जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये कार्रवाई दिवस’ के अवसर पर अपने साझीदारों के साथ मिलकर, इस स्वास्थ्य चुनौती को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिये, ज़रूरी जाँच, वैक्सीन व उपचार की न्यायसंगत उपलब्धता की पुकार लगाई है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण हर वर्ष तीन लाख महिलाओं की मौत होती है। सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के कारण होने वाली मौतों में, उच्च-आय और निम्न-आय वाले देशों के बीच एक बड़ी विसंगति है। एक अनुमान के अनुसार, इस कैंसर से होने वाली हर 10 में से 9 मौतें, निम्न व मध्य आय वाले देशों में होती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “सर्वाइकल कैंसर से असीम पीड़ा होती है, मगर इसकी पूरी तरह रोकथाम की जा सकती है। अगर इसके बारे में जल्द जानकारी हो जाए, तो यह उन कैंसर के उन रूपों में है, जिनका सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है।
“सर्वाइकल कैंसर को गुज़रे समय की घटना बनाने के लिये, हमारे पास औज़ार व उपाय मौजूद हैं, मगर तभी, जब हम ये औज़ार सभी ज़रूरतमन्द लोगों को उपलब्ध कराएँ।”
डॉक्टर टैड्रॉस ने उन देशों की सराहना की है, जिन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान भी, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिये, आवश्यक सेवाएँ व टैक्नॉलॉजी की उपलब्धता जारी रखे।
पिछले एक वर्ष में, एचपीवी वैक्सीन, (HPV vaccine) कैमरून, केव वर्डे, ऐल सैल्वाडोर, मॉरिटेनिया, क़तर, साओ टोम एण्ड प्रिन्सिपी, और तुवालू में उपलब्ध कराई गई है, और अब ऐसे देशों की संख्या बढ़कर 115 पहुँच गई है।
लेकिन, सर्वाइकल कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। अनेक महिलाओं के लिये, जाँच सेवाओं की सुलभता में कमी आई है।
गहरी विषमता
वैश्विक महामारी कोविड-19 (covid-19) के दौरान, जिस प्रकार से जीवनरक्षक (life saving) औज़ारों की सुलभता के लिये विषमता नज़र आई, वैसे ही सर्वाईकल कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में नज़र आती है।
निर्धनतम देशों में महिलाएँ और किशोर लड़कियाँ, स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्क्रीनिंग की सुविधा, ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन (vaccine) और उपचार से वंचित हैं। एचपीवी वायरस, सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के लगभग सभी प्रकार के मामलों के लिये ज़िम्मेदार है। इसके विपरीत, सम्पन्न देशों में इनकी सुलभता आम है, जिनकी ओर पिछले एक दशक में, विनिर्माताओं ने आपूर्ति का रुख़ मोड़ा है।
वर्ष 2020 में, 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग में, विश्व भर में केवल 13 प्रतिशत लड़कियों का, एचपीवी से रक्षा के लिये टीकाकरण किया गया। क़रीब 80 देशों को, वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के कुल मामलों के दो-तिहाई बोझ का सामना करना पड़ता है, मगर वहाँ, ये जीवनरक्षक टीके उपलब्ध नहीं हैं। बताया गया है कि एचआईवी के साथ रह रही महिलाओं के लिये, सर्वाइकल कैंसर की आशंका छह गुना बढ़ जाती है, मगर अनेक के पास, जाँच या टीकाकरण की सुलभता नहीं होती है।
हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 43 प्रतिशत देशों में, कोविड-19 महामारी के दौरान कैंसर उपचार में व्यवधान दर्ज किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं में आए व्यवधानों और स्कूलों में तालाबन्दी के कारण, एचपीवी टीकाकरण की दर वर्ष 2019 में 15 प्रतिशत से कम होकर, 2020 में 13 प्रतिशत हो गई है।
नई पहल
यूएन एजेंसी ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम व उपचार की दिशा में प्रगति व महत्वपूर्ण खोजों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। इनमें चौथी एचपीवी वैक्सीन की प्री-क्वॉलिफ़िकेशन (pre qualification) भी है, जिससे टीकों की आपूर्ति बढ़ाना व उनमें विविधता ला पाना सम्भव होगा।
प्री-क्वॉलिफ़िकेशन यानि पूर्व-योग्यता प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ, गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता के वैश्विक मानकों पर खरी हों।
कृत्रिम बुद्धिमता आधारित जाँच टैक्नॉलॉजी में, शोध को आगे बढ़ाने के लिये, नई सिफ़ारिशें जारी की गई हैं, जिनसे कैंसर के मामलों का जल्द से जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।
यूएन एजेंसी ने सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये, पहला चिन्हित WHO सहयोग केन्द्र स्थापित किये जाने की भी घोषणा की है, जोकि अमेरिका में मयामी विश्वविद्यालय में स्थित होगा। इस केन्द्र को शोध व तकनीकी सहायता के नज़रिये से अहम बताया गया है।
इसके अलावा, निदान के लिये, FIND नामक एक वैश्विक गठबन्धन ने, निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में, नवाचारी टैक्नॉलॉजी की मदद से, सर्वाइकल कैंसर के परीक्षण व जाँच की एक नई पहल की घोषणा की है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 35298
एस. के. राणा March 07 2025 0 35187
एस. के. राणा March 08 2025 0 34299
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 28305
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 24531
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 23754
सौंदर्या राय May 06 2023 0 82128
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86744
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86430
admin January 04 2023 0 87369
सौंदर्या राय December 27 2022 0 76419
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65878
आयशा खातून December 05 2022 0 119880
लेख विभाग November 15 2022 0 89356
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105618
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87902
लेख विभाग October 23 2022 0 73016
लेख विभाग October 24 2022 0 75122
लेख विभाग October 22 2022 0 81954
श्वेता सिंह October 15 2022 0 88452
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82349
आंखों के प्राकृतिक लेंस के धुंधले पडऩे को ही कैटरेक्ट या आम बोलचाल की भाषा में मोतियाबिंद कहा जाता ह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान आज से शुरू हो हो
ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी स्थिति है जो हड्डियों को कमजोर कर देती है। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को इस बीमार
देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 4,45,91,112 तक पहुंच गया है। सक्रिय केसों का आंकड़ा घटकर 38,29
क्षय रोग से ग्रसित बच्चे हमारे समाज के लिए चिन्ता का विषय हैं, इनकी देख-भाल करना हम सभी की नैतिक जिम
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने के बाद धनी देशों ने गरीब देशों से नर्सों की भर्ती को तेज
रविवार को सिविल अस्पताल में पीएम मोदी के जन्मदिन पर आयोजित सेवा सप्ताह पखवाड़ा के अन्तर्गत विशेष कैम्
NIRF की रैंकिंग टीचिंग, लर्निंग और संसाधन, रिसर्च और प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन के परिणाम, धारण
जिला अस्पताल में बच्चों का वार्ड भी भरा हुआ है। इस कारण अब कोरोना के मरीजों के लिए तैयार किए गए पीआई
सीबीएमआर के डीन डॉ. नीरज सिंह ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्
COMMENTS