जेनेवा। वैश्विक स्तर पर एचआईवी या एड्स के विरुद्ध लड़ाई का नेतृत्व करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, यूएनएड्स (UNAIDS) का कहना है कि वर्ष 2020 के दौरान, बच्चों में एचआईवी संक्रमण के क़रीब डेढ़ लाख नए मामले दर्ज किये गए, जिनमें से अधिकतर संक्रमण मामलों की रोकथाम की जा सकती थी।
यूएनएड्स के विशेषज्ञ बतातें हैं कि एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus / HIV) वायरस एक ऐसा संक्रमण है, जो शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली को कमज़ोर करता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य के नज़रिये से, एचआईवी अब भी एक बड़ी चुनौती है।
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, वर्ष 2020 में लगभग तीन करोड़ 77 लाख लोग, एचआईवी अवस्था के साथ रह रहे थे, जिनमें से दो-तिहाई से अधिक अफ़्रीकी क्षेत्र में हैं। वर्ष 2020 में छह लाख 80 हज़ार लोगों की एचआईवी-सम्बन्धी वजहों से मौत हुई और लगभग 15 लाख संक्रमित हुए।
बच्चों में संक्रमण
यूएनएड्स का विश्लेषण दर्शाता है कि वर्ष 2020 में 65 हज़ार बच्चों में एचआईवी संक्रमण, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी एचआईवी स्थिति के बारे में जानकारी ना होने के कारण हुआ। इस वजह से महिलाओं का समय पर उपचार शुरू नहीं हो पाया।
गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान महिलाओं के एचआईवी संक्रमित होने से, उनमें वायरस की मौजूदगी भी बढ़ गई, जिसके साथ संचारण का जोखिम बढ़ा। इससे 35 हज़ार से ज़्यादा बच्चे संक्रमित हो गए।
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, 38 हज़ार से अधिक बच्चों में संक्रमण इसलिये हुए, चूँकि एण्टीवायरल उपचार शुरू करने वाली महिलाओं ने, गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान उसे जारी नहीं रखा।
क़रीब 14 हज़ार मामले उन महिलाओं में देखे गए, जिनका दवाओं से उपचार तो चल रहा था, मगर वायरस को पूरी तरह से दबाने या बीमारी की रोकथाम में सफलता नहीं मिल पाई।
गुणवत्ता वाली देखभाल
एचआईवी संक्रमण का फ़िलहाल कोई उपचार उपलब्ध नहीं है, मगर, कारगर एचआईवी रोकथाम उपायों, निदान, उपचार व देखभाल की सुलभता बढ़ाकर, इस स्थिति वाले लोगों के लिये दीर्घ व स्वस्थ जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है।
बताया गया है कि एचआईवी के जोखिम का सामना कर रही महिलाओं की रक्षा के लिये, संक्रमण की चपेट में आने से बचाने वाले रोकथाम उपायों, विस्तृत परामर्श सेवा, बारम्बार एचआईवी परीक्षण और अपने संगियों के लिये स्व-परीक्षण किट के प्रावधान की ज़रूरत होती है।
यूएन एड्स एजेंसी के मुताबिक़, एचआईवी संक्रमण के जोखिम का सामना कर रही महिलाओं व लड़कियों तक सक्रियता से पहुँच बनाने की आवश्यकता है। उन्हें एकीकृत प्रसव-पूर्व देखभाल और एचआईवी सेवाएँ मुहैया कराई जानी होंगी, और इस क्रम में, एचआईवी रोकथाम व परीक्षण का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना होगा।
संगठन का मानना है कि ये सेवाएँ स्थानीय स्तर पर ही मुहैया कराए जाने की आवश्यकता है, और यह भी सुनिश्चित किया जाना होगा कि एचआईवी संक्रमण की पुष्टि होने पर, गर्भावस्था से पहले ही उपचार शुरू किया जाए। उपचार व देखभाल की गुणवत्ता बढ़ाए जाने पर भी बल दिया गया है और मौजूदा खाइयों को दूर करने के लिये, गर्भवती महिलाओं को परामर्श देने के लिये अनुभवी माताओं का सहारा लिया जा सकता है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 35298
एस. के. राणा March 07 2025 0 35187
एस. के. राणा March 08 2025 0 34299
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 28305
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 24531
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 23754
सौंदर्या राय May 06 2023 0 82128
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86744
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86430
admin January 04 2023 0 87369
सौंदर्या राय December 27 2022 0 76419
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65878
आयशा खातून December 05 2022 0 119880
लेख विभाग November 15 2022 0 89356
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105618
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87902
लेख विभाग October 23 2022 0 73238
लेख विभाग October 24 2022 0 75122
लेख विभाग October 22 2022 0 81954
श्वेता सिंह October 15 2022 0 88452
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82460
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और स्टाफ का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखने का आदेश देन
गुरुवार रात में रसूलाबाद कस्बे की डेंगू पीड़ित एक महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही डें
मादक पदार्थों के माफिया और अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ 24 अगस्त से प्रदेशव्यापी अभियान
डॉ सुरेखा किशोर ने इन संस्थानों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में बताया। उन्होंने
फाइजर के उन परिणामों की पुष्टि की गई जिनमें कहा गया था कि टीके की दो खुराक बच्चों में लक्षण वाले संक
देशभर में सरकारी अस्पतालों की स्कैन एंड शेयर मॉडल के आधार पर रैंकिंग की गई है जिसमें देश के टॉप टेन
दुनिया में बहुत बड़ी तादाद में लोग लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। ये बीमारी इतनी आम लगती है
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 102 नए
यदि आप अपने हाथों को खूबसूरत और आकर्षक बनाना चाहतीं हैं तो अपने नाखूनों की सेहत का पूरा ध्यान रखें।
डॉक्टर हरित चतुर्वेदी बतातें हैं कि, “शुरुआती चरण में इलाज सस्ता होने के साथ कम समय में पूरा हो जाता
COMMENTS