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यूरोप में मोटापा, महामारी का रूप ले चुका है: डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ के अनुसार लम्बे समय तक वजन अधिक रहना या मोटापा, योरोप में होने वाली मौतों और विकलांगता के मुख्य कारणों में है। मोटापे से ग़ैर-संचारी रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है, जिनमें 13 प्रकार के कैंसर, हृदय व रक्तवाहिका सम्बन्धी बीमारियाँ, और टाइप-टू डायबिटीज़ हैं।  

हे.जा.स.
May 04 2022 Updated: May 04 2022 20:33
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यूरोप में मोटापा, महामारी का रूप ले चुका है: डब्ल्यूएचओ प्रतीकात्मक चित्र

जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के अनुसार यूरोप में मोटापा, महामारी का रूप ले चुका है। यूरोप के लगभग दो-तिहाई वयस्क (59 फ़ीसदी) और क़रीब हर तीन में से एक बच्चे (29 प्रतिशत लड़के व 27 प्रतिशत लड़कियाँ) का वजन या तो अधिक है या फिर उन्हें मोटापा है। इन वजहों से यूरोप में हर वर्ष 12 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है, यानि कुल मौतों का 13 प्रतिशत से अधिक मौतें अकेले मोटापे की वजह से होतीं हैं।  

डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार लम्बे समय तक वजन अधिक रहना या मोटापा, योरोप (Europe) में होने वाली मौतों और विकलांगता के मुख्य कारणों में है। मोटापे (obesity) से ग़ैर-संचारी (non-communicable diseases) रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है, जिनमें 13 प्रकार के कैंसर (cancer), हृदय (heart) व रक्तवाहिका सम्बन्धी बीमारियाँ, और टाइप-टू डायबिटीज़ (type-2 diabetes) हैं।  

मोटापे के कारण - Reason for obesity - Obesity causes other problems
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, मोटापे की वजहें केवल अस्वस्थ आहार या शारीरिक निष्क्रियता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनसे कहीं अधिक जटिल हैं। रिपोर्ट में प्रस्तुत किये गए नवीनतम तथ्यों के मुताबिक़, आरम्भिक जीवन में अस्वस्थ स्तर पर वज़न के प्रति सम्वेदनशीलता से मोटापा बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है। 

अध्ययन में मोटापे का कारण बताते हुए कहा गया है कि यूरोप में बच्चों के लिये अस्वस्थ खाद्य सामग्री की डिजिटल मार्केटिंग और शारीरिक निष्क्रियता की वजह बनने वाले ऑनलाइन गेम्स, मोटापा वाले बढ़ाने वाले अन्य कारण भी मौजूद हैं। अध्ययन में ऐसी सम्भावना जताई गई है कि मोटापा, क्षेत्र में हर वर्ष कैंसर के कम से कम दो लाख नए मामलों के लिये सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है, और आने वाले वर्षों में यह आँकड़ा बढ़ने की आशंका है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि योरोपीय क्षेत्र के 53 देशों में से कोई भी, वर्ष 2025 तक मोटापे की उभरती समस्या पर विराम लगाने के लक्ष्य को पूरा कर पाने की स्थिति में नहीं है। 

मोटापा अन्य समस्याओं का कारण - 

  • कोविड-19 महामारी के दौरान मोटापे और अधिक वज़न की अवस्था में जीवन गुज़ार रहे व्यक्ति, विषमतापूर्ण ढँग से ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। 
  • संगठन ने बताया कि मोटापे वाले मरीज़ों में कोरोनावायरस के कारण स्वास्थ्य जटिलताओं का शिकार होने और मौत होने की सम्भावना अधिक है। 
  • कोरोनावायरस संकट के कारण बहुत से लोगो को मोटापा प्रबन्धन सेवाओं में आए व्यवधान का भी सामना करना पड़ा है। 
  • वैश्विक महामारी के दौरान खाद्य वस्तुओं के सेवन और शारीरिक सक्रियता के रूझानों में बदलाव आने के की वजह से, आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य पर असर होने की आशंका है, जिससे निपटने के लिये मज़बूत प्रयासों की दरकार होगी। 
  • यूएन एजेंसी के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूगे ने बताया कि मोटापा, देशों की सीमाओं को नहीं जानता है और योरोपीय देशों में विविधताओं के बावजूद, हर एक देश, किसी ना किसी रूप में चुनौती का सामना कर रहा है। 

उपायों की अनुशन्सा
मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट में देशों की सरकारों के लिये, मोटापे पर लगाम कसने के इरादे से सिलसिलेवार नीतिगत विकल्प व उपाय प्रस्तुत किये गए हैं।  

डॉक्टर क्लूगे ने कहा कि, “ज़्यादा सामर्थ्यवान माहौल सृजित करने, स्वास्थ्य में निवेश व नवाचार को बढ़ावा देने, और मज़बूत व सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणालियों को विकसित करने से, हम क्षेत्र में मोटापे की दिशा व रुझान को बदल सकते हैं।”

रिपोर्ट में अधिक चीनी वाले पेय पदार्थों पर ज़्यादा कर लगाये जाने, स्वस्थ भोजन के लिये सब्सिडी देने, अस्वस्थ खाद्य वस्तुओं की बच्चों तक मार्केटिंग पर नियंत्रण करने और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में, मोटापा प्रबन्धन सेवाओं की सुलभता को बेहतर बनाना है। 

इसके समानान्तर, जीवन में आहार और शारीरिक सक्रियता को बेहतर बनाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया गया है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान देखभाल, स्तनपान को बढ़ावा देने समेत अन्य उपाय है। 

यूएन एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि मोटापा एक जटिल समस्या है, जिसके कारण, किसी एक उपाय या हस्तक्षेप से इस बढ़ती चुनौती को उभरने से रोक पाना सम्भव नहीं है।  

इसके मद्देऩज़र, राष्ट्रीय नीतियों में उच्चस्तरीय राजनीतिक संकल्प सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया गया है। 

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