देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

धूम्रपान फेफड़े की बीमारी का प्रमुख कारण।

डा. बीपी सिंह के अनुसार, ‘‘यदि आपको सीओपीडी है, तो आपको अपने फेफड़ों की रक्षा करने एवं सीओपीडी के लक्षणों को बिगड़ने से बचाने के लिए धूम्रपान एवं किसी भी रूप में तम्बाकू के इस्तेमाल को त्याग देना चाहिए। इससे आप ज्यादा चुस्त जीवन का आनंद ले सकेंगे।

धूम्रपान फेफड़े की बीमारी का प्रमुख कारण। प्रतीकात्मक

लखनऊ। तम्बाकू का इस्तेमाल फेफड़ों की बीमारी सहित अनेक क्रोनिक बीमारियों के लिए बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है। भारत में तम्बाकू के इस्तेमाल के चलते हर साल लगभग 1.35 मिलियन यानि 13.5 लाख लोगों की जानें जाती हैं। यह बीमारियों एवं मौत के मुख्य कारणों में से एक है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया (गैट्स) 2016-17 के अनुसार, लगभग 267 मिलियन व्यस्क (15 साल या उससे अधिक उम्र), यानि भारत के 29 प्रतिशत व्यस्क तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं1। गैट्स-2 के आंकड़े दर्शाते हैं कि हर 8 युवा भारतीयों (15 से 24 साल की आयु वर्ग) में से 1 किसी न किसी रूप में तम्बाकू का इस्तेमाल करता है।

भारत में तम्बाकू का सबसे ज्यादा इस्तेमाल धूम्रपानरहित तम्बाकू के रूप में होता है। तम्बाकू के आमतौर से इस्तेमाल किए जाने उत्पादों में खैनी, गुटखा, तम्बाकू और जर्दायुक्त पान हैं। धूम्रपान के रूप में ली जाने वाली तम्बाकू में बीड़ी, सिगरेट और हुक्का हैं1। धूम्रपान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष, दोनों तरह की सीओपीडी के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है। बचपन में अप्रत्यक्ष धूम्रपान के संपर्क में आने से भविष्य में क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिस्ऑर्डर (सीओपीडी) होने की संभावना रहती है।

विश्व नो टोबैको दिवस के अवसर पर, डा. बीपी सिंह, एमडी चेस्ट, मिडलैंड हॉस्पिटल ने तम्बाकू के उपयोग एवं सांस की बीमारी के बीच संबंध के बारे में बताया। तम्बाकू का सबसे आम इस्तेमाल धूम्रपान के रूप में होता है। उन्होंने धूम्रपान के नुकसान एवं धूम्रपान त्याग करने के फायदों में बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘धूम्रपान जैसे रिस्क फैक्टर के संपर्क में जितना जल्दी आते हैं, फेफड़ों को उतना ही ज्यादा नुकसान होता है। यदि आपको सीओपीडी जैसी कोई सांस की बीमारी है, तो धूम्रपान करते रहने से फेफड़ों की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। अच्छी बात यह है कि धूम्रपान या किसी भी रूप में तम्बाकू का इस्तेमाल बंद कर देने और अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करने से फेफड़ों के खराब होने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम हो जाती है। जितना जल्दी धूम्रपान त्यागा जाएगा, आप बीमारी को उतनी जल्दी नियंत्रित कर पाएंगे और फेफड़ों को ज्यादा नुकसान होने से बचा पाएंगे।’’

सीओपीडी सांस की एक आम बीमारी है, जो भारत में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। साल 20197 में यह भारत में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण थी। आंकड़े बताते हैं कि भारत में सीओपीडी के मरीज अपनी आय का औसत 15 प्रतिशत खर्च धूम्रपान के उत्पादों पर और 30 प्रतिशत खर्च बीमारी के प्रबंधन पर करते हैं4। ग्लोबल इनीशिएटिव फॉर क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिज़ीज़ (गोल्ड) 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘धूम्रपान‘ सीओपीडी के मुख्य कारणों में से एक है और यह सीओपीडी पीड़ित मरीजों में तेजी से लक्षणों को गंभीर करने में मुख्य भूमिका निभाता है। धूम्रपान से फेफड़े इतने ज्यादा खराब हो जाते हैं कि हवा का अंदर जाना और बाहर आना भी मुश्किल हो जाता है, जिससे सीओपीडी में सांस फूलने लगती है एवं अन्य लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। इसलिए धूम्रपान का त्याग कर देना चाहिए।

डा. बीपी सिंह के अनुसार, ‘‘यदि आपको सीओपीडी है, तो आपको अपने फेफड़ों की रक्षा करने एवं सीओपीडी के लक्षणों को बिगड़ने से बचाने के लिए धूम्रपान एवं किसी भी रूप में तम्बाकू के इस्तेमाल को त्याग देना चाहिए। इससे आप ज्यादा चुस्त जीवन का आनंद ले सकेंगे। अपने परिवार एवं दोस्तों से बात कर उन्हें बता दें कि आपका उद्देश्य तम्बाकू का त्याग करना है। उन लोगों व परिस्थितियों से दूरी बना लें, जो आपको धूम्रपान के लिए प्रेरित करते हैं। धूम्रपान त्याग पर एकदम बल देने से लाभ नहीं होगा, इसलिए शुरू में एक एक दिन के लिए इसे छोड़ें। यदि जरूरी हो, तो अपने डॉक्टर से बात करके उनकी मदद लें।’’

धूम्रपान एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के इस्तेमाल का त्याग कोई भी कर सकता है। तम्बाकू का त्याग करने के कारणों की सूची बना लें। इससे कई लोगों को खुद यह समझ आएगा कि वो धूम्रपान का त्याग क्यों करना चाहते हैं और वो अपने दृढ़निश्चय पर कायम रह सकेंगे। लोगों को धूम्रपान का त्याग करने में मदद करने के अनेक तरीके व कार्यक्रम मौजूद हैं। डॉक्टर मदद के अनेक साधन बता सकते हैं, जिनमें 1) दवाईयां, 2) निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और/या 3) सहायता समूह या परामर्श हैं। जरूरत पड़ने पर सही सहायता पाने के लिए पहुंचना आवश्यक है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

व्यापार

डॉ लाल पैथलैब्स का तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 75 प्रतिशत पहुंचा।  

हे.जा.स. February 01 2021 7851

कंपनी ने 31 दिसंबर को समाप्त हुए तिमाही तक शुद्ध लाभ में 75 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 95.9 करोड़ रुपय

स्वास्थ्य

शारीरिक स्टैमिना बढ़ाने के लिए खाने में शामिल करें ये चीजें

लेख विभाग February 14 2023 7716

क्या आप छोटा सा काम काम करके ही थक जाते हैं। सीढ़ियों से चढ़ने-उतरने में सांस फूलने लगता है और वर्कआ

राष्ट्रीय

केरल में एंटीबायोटिक दवाएं डॉक्टर की पर्ची बगैर नहीं बिकेंगी

विशेष संवाददाता December 24 2022 8678

सरकार ने राज्य में एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) गतिविधियों को मजबूत करने के तहत सभी प्राथमिक स्

उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग के समूह ग कर्मचारी महानिदेशालय का करेंगे घेराव

रंजीव ठाकुर July 10 2022 9084

स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर की लगी हुई आग बुझने की जगह भड़कती ही जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग के सम

राष्ट्रीय

जम्मू कश्मीर में हर साल वायु प्रदूषण से मरते हैं 10 हजार लोग

आरती तिवारी December 17 2022 10173

जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े अस्पताल शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. परवेज कौल ने पिछले

उत्तर प्रदेश

रात में सिविल अस्पताल पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, एक मरीज की आर्थिक मदद भी की

रंजीव ठाकुर May 18 2022 7504

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक अचानक मंगलवार रात सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्हो

उत्तर प्रदेश

यूपी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में निकली हजारों भर्तियां, देखें डिटेल्स

रंजीव ठाकुर July 19 2022 13647

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में हजारों मुख्य सेविका पद के लि

स्वास्थ्य

गुर्दा संबंधी विकार: कारण, रोकथाम और इलाज

लेख विभाग February 20 2022 12411

गुर्दे की बीमारियाँ ज्यादातर मधुमेह, उच्च रक्तचाप और धमनियों के सख्त होने के कारण होती है। हालाँकि इ

अंतर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र ने त्वचा कैंसर से बचाव के पेश किया SunSmart Global UV ऐप 

हे.जा.स. June 22 2022 10797

SunSmart Global UV ऐप पाँच दिन तक का UV विकिरण और मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान प्रदान दे सकेगा। यह ऐप उ

उत्तर प्रदेश

फाइलेरिया विश्व में दीर्घकालिक दिव्यांगता का दूसरा प्रमुख कारण

हुज़ैफ़ा अबरार December 04 2022 20555

डॉ वीपी सिंह संयुक्त निदेशक फाइलेरिया एवं राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोगी की देखभ

Login Panel