देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

फाइलेरिया सपोर्ट ग्रुप को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांगता पर किया प्रशिक्षित

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने मंगलवार को जिले के फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के हरदेव बाबा सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को प्रशिक्षित किया। सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम मोहनलालगंज ब्लॉक के धनुआसांड प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया गया।

रंजीव ठाकुर
July 14 2022 Updated: July 14 2022 00:34
0 13737
फाइलेरिया सपोर्ट ग्रुप को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांगता पर किया प्रशिक्षित फाइलेरिया ग्रसित रोगियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने मंगलवार को जिले के फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के हरदेव बाबा सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को प्रशिक्षित किया। सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम मोहनलालगंज ब्लॉक के धनुआसांड प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया गया। 
 
इस मौके पर मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Mohanlalganj Community Health Center) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि सामूहिक दवा सेवन (MDA) कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया की दवा (medicine of filariasis) का सेवन साल में एक बार और पांच साल लगातार अवश्य करें तभी फाइलेरिया से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव (Prevention of filariasis) ही इसका एकमात्र  इलाज है।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से व्यक्ति की जान तो नहीं जाती है लेकिन यह व्यक्ति को आजीवन अपंग (person crippled for life) बना देती है। लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में जागरूक करें। उन्हें यह समझाएं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, दवा के सेवन से ही इससे बचा जा सकता है। 

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति (person suffering from filariasis) को अपने प्रभावित अंगों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिन में कम से कम दो बार साफ पानी से धुलकर उसे साफ तौलिए से पोंछना चाहिए। उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। इसके साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा बताए गए व्यायाम  करने चाहिए। 

फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेनी चाहिए और बैठते समय पैरों को नहीं मोड़ना चाहिए। फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति सब कुछ खा सकता है। उसे कुछ भी खाने की मनाही नहीं होती है। 

डॉ अशोक ने बताया कि लोगों की यह धारणा  गलत है कि फाइलेरिया भूत प्रेत के साये के कारण या किसी के श्राप के कारण होता है  बल्कि यह एक मच्छरजनित बीमारी (mosquito-borne disease) है और इसे हाथी पाँव (elephant foot) के नाम से भी जाना जाता है। इसके संक्रमण के कारण लसिकातंत्र (lymph node) को नुकसान पहुंचता है जिससे शरीर में सूजन (swelling in the body) आ जाती है।  

इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से दूर रहें, इसके लिए अपने घर व आस-पास साफ़-सफाई रखें, पानी इकट्ठा न होने दें। यदि पानी इकट्ठा भी है तो उसमें मिट्टी का तेल या मोबिल ऑयल की कुछ बूंदें डाल दें। रात में मच्छरदानी (mosquito net) लगाकर सोएं, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें,  मच्छररोधी (anti-mosquito) क्रीम लगायें और सोते समय मच्छररोधी अगरबत्ती का प्रयोग करें। इससे न केवल फाइलेरिया से बचाव होगा बल्कि अन्य मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू (dengue), चिकनगुनिया (chikungunya) और मलेरिया (malaria) से भी बचाव होगा। इन संदेशों के प्रसार में सपोर्ट ग्रुप के सदस्य फाइलेरिया उन्मूलन (eradication of filariasis) में विशेष सहयोग दे सकते हैं। 

हरदेव बाबा ग्रुप (Hardev Baba Group) के बल्लू चौरसिया और विमला यादव ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि फाइलेरिया के कारण जिन मुश्किलों का हम सामना कर रहे हैं, अन्य  किसी व्यक्ति को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए हम सपोर्ट ग्रुप से जुड़े हैं ताकि इस ग्रुप के माध्यम से हम गाँव के अन्य लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित कर सकें। सपोर्ट ग्रुप से जुड़ने के बाद ही हमें पता चला कि यह क्यों होता है। 

सीफार (CFAR) से डॉ एस.के. पांडे ने फाइलेरिया ग्रसित मरीजों में रुग्णता प्रबंधन (MMDP) का प्रदर्शन करके दिखाया,  इसकेसाथ ही उन्होंने कुछ व्यायाम करके भी दिखाए।  

इस मौके पर आशा कार्यकर्ता सुभाषिनी और कुसुमा देवी, सीफार से अमृता और राहुल तथा सपोर्ट ग्रुप के सदस्य उपस्थित रहे। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

स्वास्थ्य

वैश्विक स्तर पर एक अरब अकाल मृत्यु की वज़ह बन सकतें हैं गुटखा जैसे तम्बाकू उत्पाद।

लेख विभाग December 22 2021 14799

गुटखे में 4,000 से अधिक कार्सिनोजेनिक रसायन पाए गए हैं। इसमें क्लोरीन और अमोनियम यौगिकों से जुड़े रस

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश: एक बार फिर बढ़ रही कोविड संक्रमण की दर 

हुज़ैफ़ा अबरार December 16 2021 15353

दिसंबर माह में कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। 30 नवंबर को प्रदेश में 89 एक्टिव केस

स्वास्थ्य

बीपी की समस्या से 60% लोग बेखबर, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती

लेख विभाग May 20 2023 15168

अगर आपकी नाक से खून आ रहा है तो, इसे अनदेखा न करें। ये हाई बीपी की वजह से हो सकता है। दरअसल, जब ब्लड

शिक्षा

नीट (यूजी) 2022 परीक्षा के लिए अधिसूचना जल्द ही जारी करेगा एनटीए

अखण्ड प्रताप सिंह March 24 2022 30521

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानि नीट (यूजी) के लिए अ

सौंदर्य

शरीर को बनायें आकर्षक और सुडौल।

सौंदर्या राय September 02 2021 33407

वैसे तो स्लिम बॉडी और पतला होने की दवा की, बाजार में भरमार है। लेकिन यह काफी हद तक हमारे शरीर को नुक

उत्तर प्रदेश

25 दिसम्‍बर की रात से उत्तर प्रदेश में नाईट कर्फ्यू की वापसी।

हुज़ैफ़ा अबरार December 24 2021 16114

25 दिसम्‍बर से रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक के लिए नाईट कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके साथ ही विवाह

उत्तर प्रदेश

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में मनाया गया विश्व फेफड़ा दिवस।

हुज़ैफ़ा अबरार September 25 2021 8891

सम्पूर्ण विश्व की फेफड़े से जुड़ी संस्थायें ’’विश्व फेफड़ा दिवस’’ यानि ’’वर्ल्ड लंग डे’’ मना रही हैं और

स्वास्थ्य

50 वर्ष से कम उम्र वालों की क्यों हो रही हार्ट अटैक से मृत्यु: डॉ सुमित्रा अग्रवाल

लेख विभाग December 08 2022 8424

आधे से ज्यादा बीमारी नियमित प्राणायाम से दूर होती है। रोजाना 50 मिनट कसरत करनी चाहिए, इसे ज्यादा नही

राष्ट्रीय

देश का पहला 5G कनेक्टेड एम्बुलेंस

विशेष संवाददाता October 04 2022 10220

ये ऐसी एम्बुलेंस है जो मरीज के पहुंचने से पहले उसकी सारी अहम जानकारियां रियल टाइम में अस्पताल को डिज

उत्तर प्रदेश

कानपुर में डेंगू की चपेट में आए प्रशासनिक अधिकारी

श्वेता सिंह November 05 2022 9671

एडीएम सिटी अतुल कुमार और उनकी पत्नी को भी डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया है। हालत बिगड़ने पर रीजेंसी

Login Panel