लखनऊ। क्या आप जानते है कि दिमाग में लगातार पानी बनता है जो अधिकतर खून के साथ बाहर निकल जाता है। लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता तब दिमाग में ऑपरेशन द्वारा शंट डाला जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि शंट डालने के बाद भी पानी पूरी तरह दिमाग से बाहर नहीं निकल पाता तब दुबारा ओपन न्यूरो सर्जरी की जरूरत हो जाती है।
दिमाग में ज्यादा मात्रा में सेरिब्रो स्पाइनल फ्ल्यूड (cerebro spinal fluid) (CSF) होने की स्थिति को हाइड्रोसेफेलस (Hydrocephalus) कहते हैं। एसजीपीजीआई (SGPGI) के न्यूरो सर्जरी विभाग (neuro surgery department) में पहली बार हाइड्रोसेफलस के मरीज का उपचार मस्तिष्क में प्रोग्राम्ड शंट डाल कर (programmed shunt in the brain) किया है। इससे दुबारा ओपन न्यूरो सर्जरी (neuro surgery) की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रोग्राम्ड शंट में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स (electromagnetic force) के जरिये बाहर से पानी की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। यह शंट बहुत ही पतला ट्यूब होता है जो दिमाग के अतिरिक्त पानी को पेट में निकाल देता है।
एसजीपीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग प्रमुख प्रो राजकुमार (Prof Rajkumar, Head of Neuro Surgery Department, SGPGI) कहते है कि इस तरह का शंट पहली बार लगाया गया है और इससे मरीज की हालत में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, इस सफल सर्जरी (successful surgery) के बाद हाइड्रोसेफेलस का इलाज सम्भव हो गया है।
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