लखनऊ। बेहतर स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना के लिए मनाये जाने वाले त्योहार धनतेरस, दीपावली, भाई दूज व छठ पूजा की खुशियाँ बरक़रार रखने के लिए जरूरी है कि अब भी हर कोई हर कदम पर कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरते ।
कोविड टीकाकरण नहीं कराएँ हैं तो खुद के साथ घर-परिवार को सुरक्षित बनाने के लिए जल्द से जल्द टीका अवश्य लगवा लें । पहली डोज लग चुकी है और दूसरी डोज का समय आ गया है तो उसे नजरंदाज न करके समय से लगवा लें क्योंकि कोरोना से बचने के लिए दोनों डोज का लगना बहुत जरूरी है । यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. सूर्य कान्त का ।
डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि धनतेरस और दीपावली के साथ ही छठ पूजा की खरीददारी के लिए बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है । ऐसे में हर किसी को यह याद रखना है कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए इन प्रमुख त्योहारों की खुशियाँ हमेशा हमेशा के लिए बरक़रार रखने के लिए उन जरूरी बातों का जरूर ख्याल रखें जो कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक हैं ।
बाजार में खरीददारी के वक्त मास्क से मुंह व नाक अच्छी तरह से ढककर रखना है, एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखना है, दुकान में प्रवेश करते वक्त और निकलते वक्त हाथों को अच्छी तरह सेनेटाइजर करना भी न भूलें । बाजार से लौटने पर जूते-चप्पल बाहर ही उतार दें, बाजार से लाये गए सामान थोड़ी देर के लिए खुले में रख दें और अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथ धुलने के बाद ही घर के किसी सामान को हाथ लगाएं । दुकानदार (विक्रेता) भी इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वह दुकान-शो रूम पर पूरे समय मास्क लगाकर रखें और बीच-बीच में हाथों की स्वच्छता का भी ख्याल रखें क्योंकि वह दिनभर में न जाने कितने लोगों के संपर्क में आते हैं । इसलिए खुद के साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए इसे अपनाना बहुत जरूरी है ।
डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि पटाखों की चंद सेकेण्ड की रोशनी और धमक पूरे जीवन को स्याह बना सकती है, इसलिए दीपावली पर घर-परिवार को पटाखों से दूर रखकर कोरोना से खुद को सुरक्षित बनाने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित बनाने का नेक काम किया जा सकता है । पटाखों से पूरी तरह से तौबा करने में ही सच्ची समझदारी है क्योंकि हम सभी को पता चल गया है कि कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों पर ही असर डालता है । पटाखों का शोर और उसका धुआं हमारी साँसों और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है । इसलिए खुद के साथ, घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित बनाने के लिए इस बार पटाखों से दूर रहें । पटाखों का धुआं व शोर किसी बीमार की स्थिति को गंभीर बना सकता है, उनका भी ख्याल रखना हम सभी की जिम्मेदारी है ।
कोरोना व अन्य संक्रामक बीमारियों को देखते हुए वैसे भी इस बार पटाखों से तौबा करने में ही हर किसी की भलाई है और यदि पटाखे जलाना ही है तो ग्रीन पटाखों का चयन करें । यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है ।
एस. के. राणा March 06 2025 0 33966
एस. के. राणा March 07 2025 0 33855
एस. के. राणा March 08 2025 0 32301
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27084
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23865
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22866
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81795
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86522
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86097
admin January 04 2023 0 86925
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75975
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119658
लेख विभाग November 15 2022 0 89023
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105063
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87569
लेख विभाग October 23 2022 0 72794
लेख विभाग October 24 2022 0 74900
लेख विभाग October 22 2022 0 81621
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87897
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82127
यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के लिए होल्ड्सवर्थ और उनके
त्योहार के मौसम के लिये तैयारी के बीच अभिनेत्री और एक अनुभवी माँ, सोहा अली खान हेल्दी खाने के अपने ह
टीबी मरीज जब भी घर के सदस्यों से मिलें तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें | दवाओं के साथ–साथ ही प
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में आठ विभागों में पीजी की 27 सीटें बढ़ गई हैं। इनमें इसी सत्र से पढ़ाई
73 कोविड संबंधित विज्ञापनों को अनुपालन न करने के कारण मंत्रालय द्वारा आगे की जांच और कार्रवाई की बात
हाई ब्लड प्रेशर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रोकथाम के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मन
अल्जाइमर्स एक दिमागी बीमारी है,जो व्यक्ति के दिमाग को कमजोर कर मैमोरी पर असर डालती है। पहले ये बीमार
इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. उज़ैर अहमद अंसारी ने कहा कि यह सभी लक्षण सामान्य हैं। इस तरीके की समस्याएं
देश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 4,45,91,112 तक पहुंच गया है। सक्रिय केसों का आंकड़ा घटकर 38,29
जहाँ-जहाँ आपकी त्वचा ढ़ीली है, शरीर के ऐसे हिस्सों पर फोकस करें | अपने पेट और नितम्बों को न भूलें |
COMMENTS