लखनऊ। प्रदेश के 43 ज़िलों में ब्लड सेपरेटर यूनिट (Blood separator) स्थापित की जा रही है। इससे मरीज को प्लेटलेट्स सहित खून के दूसरे अवयव मिल सकेंगे। अधिकारियों का दावा है कि अगले 100 दिनों में यह यूनिटें बनकर तैयार हो जाएँगी।
ऐसी आशा है कि अब डेंगू मरीजों (dengue patients) को प्लेटलेट्स के लिए नहीं भटकना पड़ेगा। मरीज को अपने ही जिले में प्लेटलेट्स (platelets) मिलेगा। बीते साल यूपी में 28 हजार लोग डेंगू की चपेट में आए थे। गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ती है। अभी प्रदेश के 28 जिलों में 48 सरकारी ब्लड सेपरेटर यूनिट हैं। लखनऊ में पीजीआई, केजीएमयू, बलरामपुर, सिविल, लोहिया संस्थान में ब्लड सेपरेटर यूनिट हैं।
स्वास्थ्य विभाग महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह के मुताबिक 43 जिलों में भी ब्लड सेपरेटर यूनिट बनेगी। ये यूनिट पहले से स्थापित ब्लड बैंक में बनेगी। इसमें 31 उपकरण होंगे। नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के बजट से उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी उप्र मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन (UP Medical Supplies Corporation) पर है। इस यूनिट में ब्लड को चार अपयव अलग किया जा सकेगा।
इसमें प्लेटलेट्स, प्लाज्मा (plasma), आरबीसी (RBC) व श्वेत रक्त कण (WBC) शामिल है। मरीज को जरूरत के अनुसार रक्त के अवयव दिए जाएंगे। कोरोना की वजह से यूपी की ब्लड बैंकों (blood banks) में खून की किल्लत हो गई थी। पॉजिटिव से लेकर नेगेटिव ग्रुप के कई अवयवों का संकट खड़ा हो गया। ऐसे में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए शिविर लगाने के निर्देश दिये गये हैं। गर्भवती महिलाओं को भी रक्त हासिल करने में सहूलियत होगी।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 44499
सौंदर्या राय March 09 2023 0 51779
सौंदर्या राय March 03 2023 0 50133
admin January 04 2023 0 49407
सौंदर्या राय December 27 2022 0 40011
सौंदर्या राय December 08 2022 0 31801
आयशा खातून December 05 2022 0 83028
लेख विभाग November 15 2022 0 52948
श्वेता सिंह November 10 2022 0 50562
श्वेता सिंह November 07 2022 0 48275
लेख विभाग October 23 2022 0 38939
लेख विभाग October 24 2022 0 37715
लेख विभाग October 22 2022 0 47877
श्वेता सिंह October 15 2022 0 48825
श्वेता सिंह October 16 2022 0 51491
वेदों में इन जैव सूक्ष्माणुओं को पदार्थ विद्या के अंतर्गत मरुत गणों के नाम से बताया गया है। वेदों के
डॉ विनीता दास सीनियर कंसल्टेंट और एडवाइजर ने कहा कि एक साल में 4 हज़ार से ज्यादा पेशंट्स ओपीडी में दे
गर्भवती महिलाओं के लिए मखाना खाना बेहद फायदेमंद होता है। मखाने में मौजूद सभी पोषक तत्व गर्भवती महिला
किसी संक्रमण या चोट के कारण लीवर को क्षति पहुँचती है तब वह बिलीरुबिन को रक्त से अलग नहीं कर पाता है
एक महिला ने अपने 22 वर्षीय बेटे को अपनी एक किडनी दान कर दी। इससे उसे नया जीवन मिला। किंग जॉर्ज मेडिक
मोदी सरकार ने 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। वहीं टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से राष्
अध्यनयकर्ताओं ने बताया कि आमतौर पर बचपन में मीजल्स-मंम्प्स-रूबेला (एमएमआर) के टीके दिए जाते हैं। इसक
नि:शुल्क शिविर में लगभग 1,023 मरीजों ने पंजीकरण कराकर उपचार करवाया जिसमें सभी को नि:शुल्क स्वास्थ्य
नए कोरोना स्ट्रेन की जांच के लिए देश के विभिन्न राज्यों में 10 विशेष प्रयोगशालाओं का समूह गठित किया
डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शहीद पथ स्थित रेफरल सेंटर में भी अब इनफर्टिलिटी का इलाज
COMMENTS