लखनऊ। राजधानी में आयोजित टीबी मरीजों को गोद लेने के एक कार्यक्रम में पता चला कि उत्तर प्रदेश के टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पुष्टाहार के लिए मिलने वाले 500 रुपए उनके एकाउंट में नहीं जा रहें हैं। जबकि सरकार द्वारा 2018 से टीबी मरीजों को इलाज के साथ पुष्टाहार उपलब्ध करवाने के लिए ही 500 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। प्रश्न यह है कि ऐसे में पीएम मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को कैसे सफल बनाया जाएगा?
हेल्थ जागरण ने मॉल सीएचसी से लाएं गए कई लाभार्थियों से बातचीत की तो चौंका देने वाली जानकारी सामने आई। लगभग सभी टीबी मरीजों (TB patients) ने बताया कि इलाज के दौरान सरकार द्वारा दिया जाने वाला पुष्टाहार का 500 रुपए उनके एकाउंट में नहीं आ रहा है। उन्होंने मुफ्त दवाएं (free medicines) मिलने की बात स्वीकारी लेकिन एकाउंट में 500 रुपए आने को लेकर इंकार कर दिया। कई टीबी रोगियों को तो इलाज करवाते हुए 5-6 महीने बीत चुके हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि टीबी के मरीजों को दवा खाने के साथ पौष्टिक आहार (nutritious food) की भी बहुत जरुरत होती है, इसीलिए सरकार ने इलाज के दौरान 500 रुपए पुष्टाहार (nutrition) के लिए देने का फैसला 2018 में किया था। अब बारी थी लखनऊ टीबी अधिकारी (Lucknow TB officer) से सच्चाई जानने की।
को 500 रुपए नहीं दिए जा रहे हैं। इसके बाद हेल्थ जागरण ने पूछा कि एक तो इलाज के दौरान पुष्टाहार का पैसा नहीं मिल रहा दूसरे जो मरीज 6 महीने में ठीक हो जाएंगे क्या उनके एकाउंट में सारा पैसा जाएगा? तो कहा गया कि बजट की कमी चल रही है लेकिन जब भी पैसा आएगा उनके एकाउंट में भेज दिया जाएगा।
इसके बाद सम्बंधित अधिकारियों से पूछने पर पता चला कि पुष्टाहार का पैसा एनएचएम (NHM) द्वारा दिया जाता है और बजट की कमी होने के नाते कई राज्यों को टीबी पुष्टाहार के 500 रुपए प्रति माह नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही यह भी पता चला कि बजट की कमी के चलते एनएचएम कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है।
तो देखने वाली बात होगी कि टीबी के मरीजों को गोद लेने का अभियान (campaign to adopt TB patients) तेजी से चल रहा है। आयोजनों में खूब खर्च किया जा रहा है लेकिन मरीज को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। जबकि इलाज के दौरान ही पुष्टाहार की नितांत आवश्यकता होती है। यदि इलाज के बाद मरीज को पैसे मिलते हैं तो उसके पोषण का क्या होगा और कैसे टीबी मुक्त भारत (TB-free India) बनाया जा सकेगा। ऐसे में पीएम मोदी के आवाह्न को, टीबी मुक्त भारत बनाने के अभियान को कैसे सफल बनाया जाएगा?
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