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रंग ला रही खुशहाल परिवार दिवस की पहल।

- नवम्बर से नई पहल के तहत हर माह की 21 तारीख को हो रहा आयोजन - तीन माह में लाखों परिवारों ने अपनाए परिवार नियोजन के साधन - स्थायी और अस्थायी साधनों के प्रति बढ़ रही लोगों की दिलचस्पी

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रंग ला रही खुशहाल परिवार दिवस की पहल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में नवदम्पति को शगुन किट प्रदान करते हुए।

लखनऊ। समुदाय स्तर पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता को बढ़ाने के उद्देश्य से हर माह की 21 तारीख को आयोजित हो रहे खुशहाल परिवार दिवस की नई पहल के प्रति महिलाओं और पुरुषों ने खास दिलचस्पी दिखाई है । नवम्बर 2020 से शुरू हुई इस पहल का लाभ अब तक सूबे के लाखों परिवार उठा चुके हैं और अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार परिवार नियोजन के साधनों को अपना रहे हैं ।

स्वास्थ्य विभाग भी लोगों की इस दिलचस्पी को देखते हुए अधिक से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इस दिवस को आयोजित करने में जुटा है । इसी के तहत रविवार को भी सूबे के सभी जिलों में खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो नवदम्पति को शगुन किट प्रदान कर इसके वितरण कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू) के सहयोग से यह शगुन किट तैयार की गयी है ।    
 
​राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय के नेतृत्व में आयोजित हो रहे खुशहाल परिवार दिवस के आंकड़े बहुत ही उत्साहजनक हैं । पिछले तीन माह के दौरान खुशहाल परिवार दिवस पर परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने वाले लाभार्थियों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो मांग हर माह बढ़ती ही दिखाई देती है । परिवार नियोजन के स्थायी साधन के रूप नसबंदी की सेवा चुनने वाले पुरुषों की तादाद नवम्बर 2020 में 40, दिसम्बर 2020 में 116 और जनवरी 2021 में 115 रही । इसी तरह से नवम्बर में 2865, दिसंबर में 4448 और जनवरी में 5403 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा को चुना । गर्भ निरोधक गोली माला-एन की नवम्बर में 53780 स्ट्रिप्स, दिसंबर में 35211 स्ट्रिप्स और जनवरी में 45638 स्ट्रिप्स का वितरण किया गया । गर्भ निरोधक गोली छाया की नवम्बर में 22690 स्ट्रिप्स, दिसम्बर में 27319 स्ट्रिप्स और जनवरी में 34729 स्ट्रिप्स का वितरण किया गया । त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा की भी इन तीन महीनों के दौरान खूब डिमांड रही, नवम्बर में 7248, दिसम्बर में 8225 और जनवरी में 10,182 डोज लगायी गयी । आईयूसीडी की सेवा नवम्बर में 6174, दिसम्बर में 4565 और जनवरी में 6836 महिलाओं को प्रदान की गयी । इसी तरह नवम्बर में 8956, दिसम्बर में 3136 और जनवरी में 3499 महिलाओं को पीपीआईयूसीडी की सेवा प्रदान की गयी । नवम्बर में 339368 पीस, दिसम्बर में 252651 पीस और जनवरी में 314866 पीस कंडोम का वितरण किया गया । इन सेवाओं के अलावा नवम्बर में 5386, दिसम्बर में 4345 व जनवरी में 6285 शगुन किट नव दम्पति को प्रदान कर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया गया ।

डॉ. शर्मा का कहना है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भी परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है । इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में परिवार नियोजन सेवाओं की समुदाय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए परिवार नियोजन साधनों की ग्राह्यता को बढ़ाना बहुत जरूरी है । इस पहल के तहत लक्षित समूह के परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है । इन लक्षित समूह में शामिल हैं - वह महिलाएं जो उच्च जोखिम गर्भावस्था (एच.आर.पी.) के रूप में चिन्हित की गयीं हों, नव विवाहित दम्पति और वह योग्य दम्पति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं ।  
 
​आशा कार्यकर्ताओं की इस अनूठी पहल में भी महत्वपूर्ण भूमिका है । वह गृह भ्रमण के दौरान लक्षित समूह के उन दम्पति को चिन्हित करती हैं जो परिवार नियोजन के किसी साधन को नहीं अपना रहे हैं, उनकी काउंसिलिंग से लेकर बास्केट ऑफ़ च्वाइस में मौजूद साधनों से अवगत कराती हैं । इसके अलावा इन साधनों को अपनाने को लेकर कोई भ्रान्ति होती है तो उसे भी दूर करती हैं । इसके साथ ही एक वर्ष के भीतर विवाहित नव दम्पति को शगुन किट प्रदान कर परिवार नियोजन साधनों के बारे में विस्तार से बताते हुए मैरिज रजिस्ट्रेशन के बारे में भी अवगत कराती हैं ।

लाभार्थियों के सम्मान की भी अहम् भूमिका :  
​जनपद एवं ब्लाक स्तर पर परिवार नियोजन के स्थाई/अस्थाई विधियों के संतुष्ट लाभार्थी/दम्पति को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा खुशहाल परिवार दिवस पर सम्मानित भी किया जा रहा है । इसके साथ ही इन्हीं संतुष्ट लाभार्थियों या दम्पति के माध्यम से समुदाय में परिवार नियोजन के सन्देश को प्रचारित कराया जा रहा है, जिससे लोग झिझक छोड़कर परिवार नियोजन के साधन अपनाने को आगे खुद से आ रहे हैं । इसके अलावा प्राइवेट नर्सिंग होम, गैर सरकारी संस्था, आशा, एएनएम, प्रोग्राम मैनेजर आदि जो परिवार नियोजन के क्लाइंट को प्रोत्साहित या सेवाएं प्रदान करने में उत्कृष्ट सेवा या योगदान दे रहे हैं, उन्हें भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा रहा है ।  

प्रचार-प्रसार पर जोर :
​ खुशहाल परिवार दिवस पर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पम्फलेट, पोस्टर, रेडियो स्पॉट, जिंगल्स, माइकिंग, सारथी वाहन और मीडिया का पूर्ण सहयोग लिया जा रहा है ।

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