महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स का होना एक प्राकृतिक रूप है। पीरियड्स के दिनों में होने वाले असहनीय दर्द से हर महिला को दो चार होना पड़ता है। इस दौरान होने वाली शारीरिक परेशानियों के बारे में तो महिलाएं जानती हैं लेकिन उससे जुड़े मानसिक बदलावों से वो अनजान रहती हैं। पीरियड्स शुरू होने के दो से तीन दिन पहले से ही महिलाओं में मानसिक बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, गुस्सा, डिप्रेशन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
कई महिलाओं को पीरियड्स (periods) से पहले पीएमडीडी की समस्या होती है। उनके व्यवहार में बदलाव आता है और वो सबसे दूरी बना लेती हैं। ये समस्या (problem) कई बार ख़तरनाक स्तर तक भी पहुंच सकती है।
आखिर क्या है पीएमडीडी - What is PMDD
PMDD (premenstrual dysphoric disorder) में हार्मोनल बदलाव आते हैं जिनका दिमाग़ पर भारी असर पड़ता है। सामान्य तौर पर पीरियड्स के समय शरीर में हल्के-फुल्के परिवर्तन होते हैं, लेकिन पीएमडीडी में सामान्य से ज़्यादा दिमाग़ के अंदर केमिकल (chemical) घटते-बढ़ते हैं। ये असंतुलन भावनात्मक लक्षण पैदा कर देता है। इस दौरान चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन (dipression), तनाव, नींद न आना, बहुत ज़्यादा गुस्सा जैसे लक्षण दिखते हैं।
पीरियड्स के दौरान ये है उदासी की वजह - reason for sadness during periods
पीरियड्स के दौरान उदासी की वजह ज्यादातर हारमोंस (harmones) ही होते हैं। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने की वजह से कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं, जैसे कि तनाव (tension)। इन दिनों में महिलाओं के तनाव में रहने के दो कारण होते हैं, एक तो मनोवैज्ञानिक कारण से कि वो पीरियड्स और उससे जुड़ी असुविधाओं को लेकर बहुत सोचती हैं और दूसरा प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम यानी पीएमएस के कारण।
पीएमएस और PMDD में अंतर - Difference between PMS and PMDD
पीएमएस में पीरियड्स के साइकिल को संतुलित करने वाले हार्मोन में थोड़ा असंतुलन आ जाता है। इससे ब्रेस्ट में दर्द, बुख़ार (fever) और उल्टी (vomiting) हो सकती है लेकिन इसका भावनात्मक और मानसिक (mentally) प्रभाव इतना ज़्यादा नहीं होता कि उसका सामाजिक जीवन पर प्रभाव पड़ जाए। वहीं PMDD के लक्षण पीरियड्स से दो-तीन दिन पहले दिखाई देने शुरू होते हैं। इसमें शारीरिक लक्षणों के साथ भावनात्मक और मानसिक लक्षण भी जुड़ जाते हैं। इसका मानसिक प्रभाव ज़्यादा होता है।
ऐसे करें बचाव - Prevent like this
पीरियड्स के दौरान मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए महिलाएं मैडिटेशन (maditation) यानि ध्यान लगा सकतीं है। इसके अलावा डाइट को हल्का रखें और दिन में एक हल्का व्ययाम भी आपकी मदद कर सकता है। आप चाहें तो किसी तरह की कोई हॉबी (hobby) में अपना दिल लगा सकतीं हैं। अगर महिलाएं इस दौरान किसी तरह की सीरियस मेंटल पेन का सामना कर रहीं हैं तो उन्हें डॉक्टर (doctor) से संपर्क करना चाहिए।
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