नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुआवजे का दावा करने के लिए सरकार द्वारा सुझाई चार सप्ताह की समय सीमा पर्याप्त नहीं है। समय सीमा बढ़ाने और फर्जी दावों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, बुधवार को आदेश की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही संकेत दिया, पिछली मौतों के लिए 60 दिन और भविष्य में होने वाली मौतों के लिए 90 दिन की समय सीमा तय की जा सकती है।
फर्जी दावों के मुद्दे पर पीठ ने संकेत दिया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से शुरुआत में चार राज्यों आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और गुजरात में पांच फीसदी दावों का औचक सर्वेक्षण करने के लिए कहा जा सकता है।
पीठ ने कहा, इन राज्यों में दावों की संख्या व दर्ज मौतों की संख्या में व्यापक अंतर है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) तुषार मेहता ने पीठ को दावों के लिए आवेदन करने के लिए चार हफ्ते की समय सीमा तय करने का सुझाव दिया।
पीठ ने कहा, यह समयावधि कम है। जस्टिस शाह ने कहा, मृत्यु होती है तो परिवार को दुख से उबरने और फिर दावा दायर करने के लिए समय चाहिए। ऐसे में चार हफ्ते की समय सीमा कम है। जिसके बाद मेहता ने भी हामी भरी। केंद्र ने यह कहते हुए आवेदन दायर किया है कि दावे के लिए समय सीमा निर्धारित न करने पर दावा प्रक्रिया अंतहीन होगी।
फर्जी दावों का निरीक्षण प्रदेश पुलिस से नहीं कराने का सुझाव
फर्जी दावों पर केरल के वकील आर बसंत ने सुझाव दिया, मामला राज्य पुलिस को नहीं सौंपा जाना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दावों का सत्यापन करने के लिए कहा जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल ने सूचित किया, आपदा प्रबंधन अधिनियम झूठे दावों पर सजा के लिए वैधानिक शक्ति प्रदान करता है। जिस पर पीठ ने कहा, वह बुधवार को आदेश पारित करेगी।
फर्जी दावों पर कोर्ट ने कहा था, हम सोच भी नहीं सकते दुरुपयोग होगा
शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में फर्जी दावे कर मुआवजे की प्रक्रिया का दुरुपयोग होने पर आश्चर्य जताया था। पीठ ने कहा था, हमने कभी नहीं सोचा था कि इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है। यह एक बहुत ही पवित्र कार्य है और हमने सोचा था कि हमारी नैतिकता इतनी नीचे नहीं गई है कि ऐसे मामलों में भी कुछ नकली दावे होंगे।
एस. के. राणा March 06 2025 0 34965
एस. के. राणा March 07 2025 0 34854
एस. के. राणा March 08 2025 0 33855
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27861
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 24420
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 23532
सौंदर्या राय May 06 2023 0 82128
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86633
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86430
admin January 04 2023 0 87369
सौंदर्या राय December 27 2022 0 76419
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65878
आयशा खातून December 05 2022 0 119880
लेख विभाग November 15 2022 0 89356
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105507
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87902
लेख विभाग October 23 2022 0 73016
लेख विभाग October 24 2022 0 75011
लेख विभाग October 22 2022 0 81954
श्वेता सिंह October 15 2022 0 88452
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82349
कोरोना वारियर्स के लिए 'बीमा योजना' को PMGKP के तहत 30 मार्च 2020 को शुरू किया गया था। इस योजना के
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण (corona infection) के मामले कम जरूर हुए हैं लेकिन मौत के
मिली जानकारी के अनुसार एम्स के आसपास के मेट्रो स्टेशन से ही शटल सेवा मिलेगी, जो मरीजों को ओपीडी एवं
एक दिन में कोविड-19 के 2,67,334 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,54,96
आज गोरखपुर में 17 आक्सीजन प्लांट हैं। हमारे पास 1500 डेडिकेटेड कोविड बेड्स हैं। 800 वेंटिलेटर्स हैं।
लगातार शिकायतों के चलते उन्होंने कड़े कदम उठाए हैं। सहारनपुर के बेहट में रिश्वत लेने के एक प्रकरण मे
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस कर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को राज्य हेल्थ कार्ड
मौसम में अगर गर्मी ज्यादा हो तो प्यास बार-बार लगना लाजमी होता है लेकिन अगर मौसम सामान्य होने के बाद
जब हम खांसते, छींकते, बातें करते हैं या गाना गाते हैं तो हमारे मुंह से पानी की बहुत छोटी बूंदें (एरो
उपवास वैसे तो कई प्रकार के होते हैं। कोई सुबह उपवास रखता है, कोई रात को। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि
COMMENTS