नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से सरकारी अस्पतालों में कैंसर का इलाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इलाज न मिलने से कई मरीजों का कैंसर अंतिम स्टेज में पहुंच गया, जबकि कई मरीजों की मौत भी हो गई। एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक, 80 फीसदी कैंसर पीड़ितों या उनके परिजनों का मानना है कि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला है। एम्स के आंकड़े बताते हैं कि महामारी के बाद से ओपीडी में पंजीकृत नए कैंसर मरीज 51 फीसदी कम हुए हैं। इतना ही नहीं कैंसर की सर्जरी में भी एक तिहाई की कमी आई है।
80 फीसदी बोले इलाज में देरी हुई
कोरोना महामारी की वजह से कैंसर के मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। एम्स में आने वाले मरीजों और उनके अभिभावकों पर हुए एक अध्ययन में 80 फीसदी लोगों ने यह बात मानी है कि कोरोना महामारी की वजह से उनके इलाज में देरी हुई है। यह अध्ययन एम्स के ऑन्को -एनेस्थेसिया विभाग (Onco-Anesthesia Department) की टीम ने किया था। इसमें कैंसर सेंटर में आने वाले 530 लोगों से सवाल पूछे गए थे।
एम्स की ओपीडी में नए कैंसर मरीज 51.38% कम हुए
कोरोना महामारी के कैंसर की सुविधाओं पर असर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महामारी के बाद से एम्स की ओपीडी में फॉलोअप कैंसर मरीज 55.54 फीसदी कम हो गए, जबकि ओपीडी में नए कैंसर मरीज 51.38% कम हुए हैं। यह जानकारी एम्स के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एस. वी. एस देव के नेतृत्व में हुआ एक ताजा शोधपत्र में सामने आई है। यह शोधपत्र इंडियन जर्नल ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक एम्स की ओपीडी में कोरोना काल से पहले साल 2019 में 179500 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और 13728 नए मरीज पंजीकृत हुए थे, जबकि कोरोना काल के दौरान साल 2020 में ओपीडी में सिर्फ 79800 कैंसर मरीज फॉलोअप के लिए आए और सिर्फ 6675 नए कैंसर मरीज पंजीकृत हुए।
कैंसर : बड़ी सर्जरी 33% और इमरजेंसी सर्जरी 41% कम हुईं
एम्स के हालिया प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक, संस्थान में कैंसर के मरीजों की बड़ी सर्जरी भी कोरोना के बाद से 33.69 फीसदी घट गई। वहीं, कैंसर के मरीजों की इमरजेंसी सर्जरी 41 फीसदी कम हो गई। कोरोना काल से पहले साल 2019 में 1591 बड़ी कैंसर सर्जरी हुई थीं, लेकिन कोरोना आने के बाद अगले साल सिर्फ 1055 बड़ी कैंसर सर्जरी हो सकीं।
एस. के. राणा March 06 2025 0 33855
एस. के. राणा March 07 2025 0 33744
एस. के. राणा March 08 2025 0 32301
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27084
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23754
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22755
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81684
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86411
सौंदर्या राय March 03 2023 0 85986
admin January 04 2023 0 86814
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75864
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119436
लेख विभाग November 15 2022 0 88912
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105063
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87458
लेख विभाग October 23 2022 0 72683
लेख विभाग October 24 2022 0 74789
लेख विभाग October 22 2022 0 81510
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87786
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82016
नृत्य चिकित्सा या डांस थेरेपी भावनात्मक, संज्ञानात्मक, सामाजिक व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ग
गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से हार्ट संबंधी बीमारियां बढ़ती जा रही है। हालांकि हेल्दी डाइट
कॉलेज में पंजीकृत करीब 1200 छात्रों का भविष्य दांव पर है। फर्जी मान्यता दिखाकर इन छात्रों से चार सा
नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि वजन बढ़ने से पाचन तंत्र की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी मास
ओमिक्रोन संक्रमित मरीज का इस समय लोक नायक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है और उसे बीमारी के मामूली ल
सर्दियों मे हर 5 मरीज़ में से एक को अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का अनुभव हो सकता है। इसका का
वोडाफोन आइडिया फाउण्डेशन द्वारा प्रदेश के पांच जिलों बनारस, गोरखपुर, लखनऊ मुरादाबाद तथा उन्नाव की मह
उत्तराखंड में शनिवार को 4 नए कोरोना संक्रमित मामले मिले हैं। इसी के साथ प्रदेश में कुल सक्रिय मामले
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह अलग-अलग पैथी ने एक साथ काम किया, इससे आगे भी स्वा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज का भी 22 बेड बर्न वार्ड फुल हो चुका है। ज्यादातर रोगी अलाव से हाथ-पैर सेंकते जल
COMMENTS