हमारी ख़राब जीवन शैली तथा अन्य वजहों से दिन प्रति दिन हम सभी में गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने की दर बढ़ रही है। आज कल में नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियाँ तेज गति से बढ़ रही हैं। इन्ही बीमारियों में से स्ट्रोक एक ऐसी बीमारी है जिससे बहुत सारे लोग चपेट में आ रहे हैं। रीजेंसी हॉस्पिटल कानपुर के न्यूरोसर्जन डॉ जयंत वर्मा के अनुसार कोविड महामारी के बाद से ब्रेन स्ट्रोक के केस में लगभग 20% की वृद्धि देखी गयी है। भले ही ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं फिर भी काफी ज्यादा संख्या में लोग इस बात से अनजान हैं कि अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो इसे होने से रोका जा सकता है। 12 भारतीय शहरों में 'अवेयरनेस अबाउट स्ट्रोक इन अर्बन इंडिया' पर एक सर्वे किया गया जिसके आंकड़े काफी चिंताजनक है।
ब्रेन स्ट्रोक का प्रमुख कारण ब्रेन अटैक (brain attack) माना जाता है। जब मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में खून की आपूर्ति बंद हो जाती है तो ब्रेन अटैक होता है। अगर खून का प्रवाह कुछ सेकंड से ज्यादा समय के लिए बाधित होता है, तो मस्तिष्क में खून और आक्सीजन नही जा पाती है। जिस वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं, और मस्तिष्क अपने कामकाज करने की क्षमता को खो देता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो स्ट्रोक से ब्रेन डैमेज (brain damage) हो सकता है या यहाँ तक कि मौत भी हो सकती है।
डा जयंत ने बताया कि दुनिया भर में हर 3 सेकंड में एक व्यक्ति को स्ट्रोक होता है, साल भर में इस आंकड़े के मुताबिक़ 12.2 मिलियन स्ट्रोक से लोग पीड़ित होते हैं। विश्व स्तर पर 25 साल से ऊपर के चार लोगों में से एक को स्ट्रोक होने की संभावना है ।
न्यूरोसर्जन डॉ जयंत वर्मा (neurosurgeon Dr Jayant Verma) के अनुसार नींद की कमी, एंग्जाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रोक सहित कई कारणों की वजह से महामारी की शुरुआत के बाद से न्यूरोलॉजिकल बीमारियों (neurological diseases) में ज्यादा वृद्धि हुई है। इससे मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसे ठीक होने में थोड़ा समय लगता है। लाइफ स्टाइल (lifestyle) या जेनेटिक बदलाव (genetic changes) के कारण दुनियाभर में स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं।
पहले 55 साल के लोगों में स्ट्रोक होने की सम्भावना ज्यादा थी लेकिन अब युवा भी इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। युवा आलस भरी लाइफस्टाइल, अस्वस्थ भोजन और कुछ दवाओं के सेवन के कारण स्ट्रोक से पीड़ित हो रहे हैं। स्ट्रोक की रोकथाम के लिए जल्दी कार्रवाई करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर इमरजेंसी में इलाज नहीं किया गया तो मस्तिष्क के कई टिश्यु (ऊतक) नष्ट हो सकते हैं, जो आगे चलकर कभी ठीक नहीं हो सकते हैं। इलाज के लिए 60 मिनट या उससे कम का समय जरूरी होता है। 4.5 घंटे की अवधि को अक्सर स्ट्रोक के लिए "गोल्डन आवर" कहा जाता है। इस 'गोल्डन आवर' के दौरान स्ट्रोक के डायग्नोसिस के लिए अन्य बीमारियों को जांच करके स्ट्रोक की पहचान की जाती है। मेडिकल प्रोफेसनल्स गोल्डन आवर को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। इस समय के दौरान मरीज का हॉस्पिटल में पहुंचना बहुत ही जरूरी होता है। गोल्डन आवर में क्लॉट बस्टिंग दवा टीपीए प्राप्त करने वाले मरीजों के मस्तिष्क (brain damage) के लॉन्ग टर्म डैमेज से बचने की संभावना ज्यादा होती है।"
डॉ जयंत वर्मा ने स्ट्रोक के कुछ कॉमन लक्षण और संकेतों के बारे में बताया है -
गंभीर सिरदर्द होना , चेहरे, पैर और शरीर के एक तरफ सुन्नपन हो जाना, अचानक भ्रम होना,- बोलने या समझने में कठिनाई होना, एक या दोनों आंखों में देखने में अचानक से परेशानी होना , चक्कर आना, शरीर संतुत न रह पाना और चलने में मुश्किल होना , मतली और उल्टी आना।
ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, वजन और हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) को स्ट्रोक के केस में नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है। जब इन चीजों में मरीज की हालत बिगड़ती है तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थितियों से पीड़ित लोगों को नियमित जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लिए बिना किसी भी दवा का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए। धूम्रपान (Smoking) और शराब से ब्रेन स्ट्रोक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। स्वस्थ डाईट खाना चाहिए। डाईट में फल और सब्जियां शामिल करना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज (Regular exercise) करना चाहिए। तली हुई चीजें खाने से परहेज करना चाहिए।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 60372
सौंदर्या राय March 09 2023 0 70760
सौंदर्या राय March 03 2023 0 68670
admin January 04 2023 0 67833
सौंदर्या राय December 27 2022 0 55218
सौंदर्या राय December 08 2022 0 46786
आयशा खातून December 05 2022 0 100566
लेख विभाग November 15 2022 0 69931
श्वेता सिंह November 10 2022 0 70209
श्वेता सिंह November 07 2022 0 65813
लेख विभाग October 23 2022 0 54035
लेख विभाग October 24 2022 0 52034
लेख विभाग October 22 2022 0 61419
श्वेता सिंह October 15 2022 0 66585
श्वेता सिंह October 16 2022 0 65033
COMMENTS