मुंबई। नवजात शिशुओं के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। वहीं कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही नवजात शिशुओं के लिए खिलखिलाहट एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। शुरुआत में ये मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में शुरू होगी। इस एंबुलेंस की खास बात ये है कि इसमें सायरन बच्चे की खिलखिलाहट की तरह होगा।
मंत्री प्रभात लोढ़ा (Prabhat Lodha) ने कहा, इन खिलखिलाहट एंबुलेंस को बच्चों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाएगा और इसके पीछे मुख्य मकसद परिवार और बच्चों को खुशी देना है। क्योंकि परिवार में नए सदस्य के रूप में एक नया बच्चा जन्म (child birth) करना परिवार के लिए एक विशेष क्षण होता है।
इन खिलखिलाहट एम्बुलेंस (ambulance) को छोटे बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाएगा और इसके पीछे मुख्य उद्देश्य परिवार और बच्चों को खुशी देना है क्योंकि परिवार में एक नया बच्चा होने के लिए परिवार के लिए यह एक विशेष क्षण है।
बता दें कि पहले गुजरात सरकार (gujarat government) ने 2012 में खिलखिलाहट सेवा शुरू की थी। महाराष्ट्र सरकार का पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) गुजरात सरकार की योजना से ही प्रेरणा लेता है। खिलखिलाहट सेवा का उद्देश्य माताओं और शिशुओं (babies) को मुफ्त में सुरक्षित घर वापसी प्रदान करना है। सायरन (siren) की आवाज के साथ-साथ एंबुलेंस में नवजात के लिए पोषण किट (nutrition kit), नवजात के लिए वैक्सीन चार्ट और आसपास के सरकारी अस्पतालों का विवरण जैसी अन्य सुविधाएं होंगी।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 44388
सौंदर्या राय March 09 2023 0 51779
सौंदर्या राय March 03 2023 0 49800
admin January 04 2023 0 49296
सौंदर्या राय December 27 2022 0 39900
सौंदर्या राय December 08 2022 0 31579
आयशा खातून December 05 2022 0 82806
लेख विभाग November 15 2022 0 52837
श्वेता सिंह November 10 2022 0 49785
श्वेता सिंह November 07 2022 0 48164
लेख विभाग October 23 2022 0 38717
लेख विभाग October 24 2022 0 37493
लेख विभाग October 22 2022 0 47433
श्वेता सिंह October 15 2022 0 48603
श्वेता सिंह October 16 2022 0 51491
शनिवार को ओमिक्रॉन वैरिएंट के 10,059 नए मामलों की पुष्टि की है जोकि शुक्रवार को इस वैरिएंट के सामने
देश के ड्रग कंट्रोलर ने 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों के लिए बायोलाजिकल-E की कोविड वैक्स
अपेंडिसाइटिस तब होता है जब यह अंग संक्रमित होता है, और अधिक संभावना है जब इसे निकाल लिया जाता है। ठी
इस मॉर्डन अस्पताल में 500 से ज्यादा पक्षियों के इलाज लिए वार्डों में पिंजरे लगाए गए हैं। साथ ही 300
रीजेंसी रीनल साइंसेस, कानपुर के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉयरेक्टर और सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ निर्भ
अभी तक जितने भी स्वरूप पता चले हैं उनमें डेल्टा सबसे अधिक संक्रामक है और कम से कम 85 देशों में इसकी
मामला ग्रेटर नोएडा का है जहाँ एक बच्चे की चाहत ने पत्नी की जान ले ली है। दंपती ने बच्चे के लिए जिस आ
केजीएमयू के कलाम सेंटर में कर्मचारी परिषद् चुनाव में चयनित कर्मचारीगणों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित क
झारखंड के धनबाद में 170 करोड़ रुपए से बने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में जल्द ही ओपीडी सेवा शुरू होगी
डर्माफिक बायो सेल्यूलोज चारकोल मास्क प्रदूषकों के डिबेसिंग प्रभाव को कम करने में मदद करता है और त्वच
COMMENTS