नयी दिल्ली। देशभर में नेशनल वैक्सीनेशन डे (National Vaccination Day) मनाया जा रहा है। 1955 में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया गया था जब भारत सरकार ने देश से पोलियो के लिए आधिकारिक तौर पर पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था। 16 मार्च, 1995 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक पोलियो पहल के हिस्से के रूप में भारत में मौखिक पोलियो वैक्सीन (oral polio vaccine) की पहली खुराक दी गई थी। वैक्सीनेशन कार्यक्रम दो बूंद जिंदगी की के नाम से लोकप्रिय हुआ था।
इस दिन लोगों अपने आसपास मौजूद बैक्टीरिया (bacteria) और वायरस से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है, और इनसे बचने की सलाह दी जाती है। गौरतलब है कि इन बैक्टीरिया के कारण हमारी हेल्थ पर काफी बुरा असर होता है। देश में इस साल राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की थीम, “टीका हर एक के लिए काम करे” रखी गई है। इसके तहत इस बात पर जोर दिया जाएगा कि लोग समझें कि टीका कैसे बनता, उसे कौन लोग बनाते हैं, सभी तक उसे पहुंचाने में किन लोगों की भूमिका होती।
चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों के बाद एक बार फिर से कोविड के दौर में वैक्सीनेशन लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है। हर साल टीकाकरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को वैक्सीनेशन की अहमियत को समझाना है वैक्सीन न सिर्फ बच्चों को बल्कि बड़ों को भी तमाम गंभीर बीमारियों से बचाने में मददगार है। WHOकी मानें तो हर साल टीकाकरण की मदद से करीब 2-3 मिलियन लोगों की जान बचाई जाती है।
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