ऋषिकेश। स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में परमार्थ निकेतन में 17 व 18 जून, 2022 को परमार्थ निकेतन एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सेवा महोत्सव के पश्चात यह सप्ताह वेलनेस को समर्पित है। इस सप्ताह दो दिवसीय मर्म चिकित्सा के साथ ही एक दिवसीय योग महोत्सव (Yoga Festival) का आयोजन परमार्थ निकेतन में किया जा रहा है ताकि जनसमुदाय को योग, ध्यान, आयुर्वेद, नाड़ी चिकित्सा, मर्म चिकित्सा के साथ ही शुद्ध, सात्विक शाकाहारी भोजन के प्रति जागरूक किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति (ancient medical system) मात्र चिकित्सा पर आधारित नहीं थी बल्कि यह सम्रग जीवन पद्धति थी। वैसे ही योग केवल आसनों का समूह मात्र नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण जीवन पद्धति है। दैनिक जीवन में कब उठना, कब सोना, क्या करना, कैसे करना सब यौगिक जीवन का ही अंग है। भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने गीता में कहा है कि युक्ताहार विहारस्य युक्त अर्थात् योग का अर्थ है बैलेंस, संयम अर्थात् आहार-विहार, विचार और व्यवहार का संयम बना रहें।
अथ योगानुशासनम् योग का अर्थ ही है अनुशासन। जीवन में अनुशासन होगा तो जीवन स्वस्थ होगा और तनाव भी नहीं होगा। योग और हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति जीवन के लिये रामबाण है; संजीवनी बूटी है, इसलिये इस धरोहर को जानना, जीना और दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करना जरूरी है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Uttarakhand Ayurved University) के कुलपति श्री सुनील जोशी जी ने बताया कि 20 से अधिक मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ और चिकित्सक दो दिनों तक परमार्थ निकेतन मर्म चिकित्सा शिविर में अपनी सेवायें प्रदान करेंगे ताकि सैंकडों रोगियों को एक साथ चिकित्सा सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो सके। 17 जून व 18 जून को 09 बजे से 03 बजे तक जांच और प्रशिक्षण का कार्य किया जायेगा।
योगाचार्य विमल बधावन जी ने बताया कि मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण और चिकित्सा के लिये आज से ही परमार्थ निकेतन कार्यालय में पंजीकरण करवाया जा सकता है। मर्म चिकित्सा असाध्य और पुराने रोगों का शमन करने के लिये अत्यंत कारगर है।
दो दिवसीय मर्म चिकित्सा शिविर में सर्वाइकल (cervical), घुटनों का दर्द (knee pain), फ्रोजन शोल्डर (frozen shoulder), ब्लड प्रेशर (blood pressure) असंतुलन, शुगर (sugar), पेरालिसिस (paralysis), अवसाद-तनाव (depression-stress) सहित कई रोगों का इलाज और इनके शमन के विषय में प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
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