नयी दिल्ली। भारत की तीन शीर्ष भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान को अमेरिका 12.2 करोड़ डॉलर (करीब 9 अरब 52 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। यह वित्तीय मदद महामारियों को रोकने, बीमारी के खतरों का जल्द पता लगाने और तेजी के साथ प्रभावी कदम उठाने के लिए दिया जा रहा है।
मदद का ऐलान करते हुए अमेरिका ने कहा कि 12,24,75,000 डॉलर की कुल धनराशि, तीन शीर्ष भारतीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थानों- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (NII) को पांच साल की अवधि में दी जाएगी।
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कोष एक ऐसा भारत बनाने में मदद करेगा, जो संक्रामक रोगों के खतरों के लिहाज से सुरक्षित होगा। सीडीसी के मुताबिक इस मदद से आईसीएमआर संस्थानों को उभरते और फिर से उभरते रोगजनकों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके प्रमुख उद्देश्यों में स्वास्थ्य आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से ‘जूनोटिक’ (zoonotic) रोग के प्रकोप का पता लगाना तथा उसे नियंत्रित करना, टीका सुरक्षा निगरानी प्रणाली का मूल्यांकन करना, महामारी (pandemic) में जन स्वास्थ्य कार्यबल की क्षमता बढ़ाना तथा उससे निपटना आदि शामिल है। ‘जूनोटिक’ रोग, ऐसे रोग होते हैं, जो पशुओं के माध्यम से मनुष्य में फैलते हैं।
सीडीसी ने कहा कि आईसीएमआर इस कार्य को करने के लिए एक बेहतरीन स्थिति में है, क्योंकि इसे मूल रूप से भारत में जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय एवं प्रचार के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में स्थापित किया गया था और हाल के वर्षों में इसने संक्रामक रोगों की प्रयोगशाला-आधारित निगरानी भी की है।
इस कोष को 30 सितंबर 2022 से जारी किया जाएगा, जिसके लिए केवल आईसीएमआर और उसके संस्थान पात्र हैं, जिसमें पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) और चेन्नई स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) शामिल है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भारत में राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों का शीर्ष निकाय है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 33522
एस. के. राणा March 07 2025 0 33411
एस. के. राणा March 08 2025 0 31968
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 26751
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 23643
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 22533
सौंदर्या राय May 06 2023 0 81684
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86411
सौंदर्या राय March 03 2023 0 85986
admin January 04 2023 0 86814
सौंदर्या राय December 27 2022 0 75864
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65545
आयशा खातून December 05 2022 0 119436
लेख विभाग November 15 2022 0 88912
श्वेता सिंह November 10 2022 0 104952
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87458
लेख विभाग October 23 2022 0 72683
लेख विभाग October 24 2022 0 74789
लेख विभाग October 22 2022 0 81510
श्वेता सिंह October 15 2022 0 87786
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82016
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मई और जून के महीनों के दौरान लू चलने की
हम दूसरी लहर की अंतिम अवस्था में है। तीसरी लहर की आशंका उस स्थिति में ही मजबूत होगी जबकि हम कोविड अन
खान-पान में गड़बड़ी या दूसरी कारणों से पेट में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, पेट में दर्द होना भी
अस्पताल में दो मरीजों की मौत के बाद अफसरों की नींद टूटी है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल के मुताबिक, द
बीते तीन दशकों में इंसानों ने प्रकृति के साथ खूब छेड़खानी की है। पेड़ काट डाले। इमारतें बना दी गईं।
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अपने सन्देश में ज़ोर देकर कहा कि सार्वजनिक-निजी सैक्टर के बीच विशाल रचनात
गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित महिलाओं को चिन्हित करते हुए डाक्टर उन शिशुओं की पहचान कर सकते है
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात दौरे पर पहुंचे। जहां गांधीनगर में 750 बिस्तरों वाले आधुनिक
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बनती जा रहा है। 24 घंटे में बीआरडी मेडिकल कालेज में दो बच्चों
बादाम एंटीऑक्सीडेंट विटामिन ई के समृद्ध स्रोत के तौर पर जाने जाते हैं और जरूरी फैटी एसिड्स और पॉलीफे
COMMENTS