वाशिंगटन। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात (Right to abortion) के संवैधानिक अधिकार को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए अपने ही पांच दशक पुराने फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दलील दिया है कि गर्भपात सम्बैधानिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में, अमेरिका के सभी राज्यों को गर्भपात कानून को लेकर अपने अलग नियम-कानून बनाने की छूट दिया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले से अमेरिका के आधे से अधिक राज्यों में गर्भपात कानून पर रोक लग जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है पांच दशक पहले सुप्रीम कोर्ट में ही एक फैसला सुनाते हुए महिलाओं को अबॉर्शन (abortion) कराने का अधिकार दिया गया था। उन्होंने कहा कि गर्भपात के संबंध में जो फैसला आया है वो गे मैरिज अधिकारों और परिवार नियंत्रण वाले उपायों को प्रभावित करेगा।
राष्ट्रपति बाइडेन: पूरे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति (US PresidentUS President) ने शांति बनाए रखें और हिंसक प्रदर्शन ना करें। बाइडन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुखद बताते हुए यहां तक कहा कि पूरे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है। अदालत ने अमेरिकी जनता को अचानक एक संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया है।
कमला हैरिस: अमेरिका की जनता से संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) ने कहा कि अमेरिका की जनता से संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका में लाखों महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health care) देखभाल तक पहुंच के बिना आज रात बिस्तर पर जाएंगी। यह एक हेल्थ केयर संकट है। कमला हैरिस ने अमेरिकियों से गर्भपात के अधिकारों के रक्षा में एक साथ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये फैसला देश को पीछे की ओर ले जा रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा: अमेरिकियों के आवश्यक स्वतंत्रता पर हमला
पूर्व राष्ट्रपति (former President) ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निंदा की। उन्होंने इसे लाखों अमेरिकियों द्वारा अनुभव की गई "आवश्यक स्वतंत्रता" पर हमला कहा। बराक ओबामा (Barack Obama) ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न केवल लगभग 50 साल की मिसाल को उलट दिया, बल्कि राजनेताओं और विचारकों की सनक के लिए सबसे गहन व्यक्तिगत निर्णय को खारिज कर दिया। लाखों अमेरिकियों की आवश्यक स्वतंत्रता पर हमला किया।
जनता सड़कों पर: माई बॉडी, माई चॉइस
गर्भपात के संवैधानिक अधिकार (constitutional right) को समाप्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का विरोध करने के लिए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारी (Protesters) बड़े शहरों में सड़कों पर उतरे और टाउन पार्कों में इकट्ठा हुए।
सैकड़ों की भावनात्मक भीड़ ने सुप्रीम कोर्ट की सीढ़ियों पर "माई बॉडी, माई चॉइस" के नारे लगाए और नारे लगाए, क्योंकि प्रदर्शनकारी इस खबर से जूझ रहे थे कि लगभग पांच दशकों के बाद ऐतिहासिक रो बनाम वेड का फैसला रद्द कर दिया गया था।
इसी तरह की भीड़ ने सड़कों पर कब्जा कर लिया और लॉस एंजिल्स, शिकागो, फिलाडेल्फिया, डेनवर, सैन फ्रांसिस्को, पोर्टलैंड, सिएटल और न्यूयॉर्क शहर सहित बड़े और छोटे शहरों में मार्च किया।
क्या है ‘रो बनाम वेड’ फैसला?
1969 में 22 साल की जेन रो उर्फ मैककॉर्वी तीसरी बार गर्भवती हुईं थीं। वो अविवाहित और बेरोजगार थीं, इसलिए अपना तीसरे गर्भ को हटवाना चाहती थीं। उस दौरान टेक्सास में गर्भपात पर रोक थी जिस वजह से जेन रो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके विरोध में टेक्सास के डलास काउंटी में सरकारी वकील हेनरी वेड को जिरह करने के लिए भेजा गया। इस तरह कोर्ट में इस मामले को ‘रो बनाम वेड’ से जाना जाने लगा। हालांकि तब सुप्रीम कोर्ट ने जेन रो के पक्ष में एतिहासिक फैसला सुनाते हुए गर्भपात को कानूनी मान्यता दे दी, लेकिन इस फैसले को आने में 2 साल लग गए और जेन रो ने अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया।
एस. के. राणा March 06 2025 0 34965
एस. के. राणा March 07 2025 0 34854
एस. के. राणा March 08 2025 0 33855
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 27861
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 24420
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 23532
सौंदर्या राय May 06 2023 0 82128
सौंदर्या राय March 09 2023 0 86633
सौंदर्या राय March 03 2023 0 86430
admin January 04 2023 0 87369
सौंदर्या राय December 27 2022 0 76419
सौंदर्या राय December 08 2022 0 65878
आयशा खातून December 05 2022 0 119880
लेख विभाग November 15 2022 0 89356
श्वेता सिंह November 10 2022 0 105507
श्वेता सिंह November 07 2022 0 87902
लेख विभाग October 23 2022 0 73016
लेख विभाग October 24 2022 0 75011
लेख विभाग October 22 2022 0 81954
श्वेता सिंह October 15 2022 0 88452
श्वेता सिंह October 16 2022 0 82349
केलराई में एक सुअर में स्वाइन फ्लू का पता चलने के बाद, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने संक्
एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हेयर कंडीशनर से हेयर फॉल की समस्या बिल्कुल भी नहीं होती
2-DG कोरोना वायरस को रोकने में मदद करती है। इसके आधार पर DCGI ने मई 2020 में फेज-II ट्रायल्स करने की
डब्ल्यूएचओ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ऐसे वायरस की खोज की जा रही है, जो आने वाले समय में कोर
बुधवार शाम तक हिमाचल प्रदेश में कोरोना के 144 नए मामले सामने आए और लगभग 108 लोग कोविड संक्रमण से उबर
Important differences were reported in typing proficiency between age groups, professions, and medic
आदिकाल से यह मानना है कि स्वच्छ रहने से स्वच्छ जीवन रहता है।जीवाणु गंदगी से पनपते हैं। स्वच्छ नहीं
कंपनी ने कहा कि वह लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से
केंद्र - राज्य सरकार के 60 - 40 शेयर में बन रहे सिरोही मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष से पहला बैच शुरू हो
लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में फॉयर सेफ्टी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में अस्प
COMMENTS