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इंटरव्यू

हाथ साबुन से धुलें, सैनिटाइज़र को विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें- के. के. सचान, चीफ फार्मासिस्ट

आदिकाल से यह मानना  है कि स्वच्छ रहने से स्वच्छ जीवन रहता है।जीवाणु गंदगी से पनपते हैं। स्वच्छ नहीं रहने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। स्वच्छता बनाये रखने से बीमारियां नहीं पनपतीं है।   

हुज़ैफ़ा अबरार
February 17 2021 Updated: February 20 2021 18:25
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हाथ साबुन से धुलें, सैनिटाइज़र को विकल्प के रूप में इस्तेमाल करें- के. के. सचान, चीफ फार्मासिस्ट

हेल्थ जागरण की उपसंपादक हुज़ैफ़ा अबरार ने बलरामपुर अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट के के सचान से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। प्रस्तुत है वार्ता का विवरण।  

हुज़ैफ़ा अबरार- आपकी यहाँ पर क्या जिम्मेदारी है ? 
के के सचान- मैं चीफ फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत हूँ। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहा हूँ। वर्तमान में राष्ट्रीय फार्मासिस्ट महासंघ का अध्यक्ष हूँ। 

हुज़ैफ़ा अबरार- सैनेटाइजर के बारे में बहुत सारी भ्रांतियां है, इसमें अलकोहल कितने प्रतिशत होता है ? 
के के सचान- शुरू में भ्रांतियां थीं। अब धीरे धीरे ख़तम हो रहीं हैं। किसी भी लिक्विड में अगर 70 प्रतिशत अलकोहल तब ही वह कोरोना वायरस के ऊपर असरकारक है। 

हुज़ैफ़ा अबरार- क्या सैनिटाइज़र के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव पड़ता है ?
के के सचान- चूँकि ये अलकोहल है इसलिए ज़्यादा इस्तेमाल से त्वचा पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। ऐलर्जी और जलन की कुछ शिकायतें मिलीं हैं लेकिन आमतौर पर ऐसी शिकायतें बहुत कम मिली है। ICMR ने सलाह दिया था कि हाथ साफ़ करने के लिए ज़्यादा साबुन का प्रयोग करें। जहाँ यह सुविधा नहीं हो वहां पर ही  सैनेटाइजर का प्रयोग करें।     

हुज़ैफ़ा अबरार- क्या हॉस्पिटल में आने वाले मरीज़ों को भी सैनेटाइज करतें हैं?
के के सचान- हाथ की सफाई अलकोहल से करवातें हैं। जो जगह बाहरी व्यक्तियों के सम्पर्क में आती है, उस स्थान को हाइपो क्लोराइड सलूशन से स्प्रे करवातें हैं। पूरे अस्पताल को दिन में दो से तीन बार  हाइपो क्लोराइड सलूशन से सैनेटाइज करातें हैं। मरीज़ों के हाथ धोने के किये गेट पर ही साबुन की व्यवस्था रहती है।      

हुज़ैफ़ा अबरार- किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए स्वच्छता का कितना महत्त्व है ?
के के सचान- आदिकाल से यह मानना  है कि स्वच्छ रहने से स्वच्छ जीवन रहता है।जीवाणु गंदगी से पनपते हैं। स्वच्छ नहीं रहने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। स्वच्छता बनाये रखने से बीमारियां नहीं पनपतीं है।   

 

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