लखनऊ। हेल्थ जागरण ने राजधानी में शहीद पथ स्थित मेदांता अस्पताल में एडवांस ट्रामा सेन्टर के उद्घाटन पर डॉ लोकेंद्र गुप्ता से खास बातचीत की। डॉ गुप्ता यूके से ट्रामा का विशेष कोर्स करके आएं हैं। ve गोल्डन आवर तथा अमेरिकी कॉलेज ऑफ सर्जन्स द्वारा स्थापित एडवांस ट्रामा लाइफ8 सपोर्ट (ATLS) के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीजों का उपचार करेंगे।
हेल्थ जागरण - डॉ साहब गोल्डन आवर क्या होते हैं?
डॉ गुप्ता - देखिए किसी भी प्रकार का ट्रामा होने पर शुरुआती एक घंटा गोल्डन आवर कहलाता है और कई बार इतने समय में मरीज को सही उपचार ना मिलने से जिंदगी भर उसकी भरपाई नहीं हो पाती है।
हेल्थ जागरण - डॉ साहब एक्सीडेंट या ट्रामा होने पर मरीज के परिजनों को कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए?
डॉ गुप्ता - मरीज के परिजनों को चाहिए कि खून रोकने के लिए उस स्थान पर कस कर कुछ लपेट दें और मरीज को सही करवट लिटा कर जल्द से जल्द नज़दीक के अस्पताल पहुचाएं।
हेल्थ जागरण - डॉ साहब एक्सीडेंट के बाद डॉक्टर्स की क्या प्राथमिकताएं होती हैं?
डॉ गुप्ता - देखिए डॉ की सबसे पहली प्राथमिकता तो मरीज की जान बचाना ही होता है। ट्रामा की स्थिति में हमारे लिए पहले 5 मिनट, फिर 15 मिनट, फिर आधा घंटा और पहला एक घंटा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिसमें हम अलग-अलग तरीके से मरीज का इलाज करते हैं।
हेल्थ जागरण - डॉ साहब कितना खून बह जाना प्राण घातक हो सकता है?
डॉ गुप्ता - अलग-अलग कंडीशन में यह अलग-अलग होता है लेकिन खून का बहना रोकना ही पहली प्राथमिकता होती।
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