नयी दिल्ली (लखनऊ ब्यूरो)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में एनसीडीसी की शाखाओं की वर्चुअली आधारशिला रखी। साथ ही एनसीडीसी प्रयोगशाला और आवासीय ब्लॉक का भी उद्घाटन किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने एनसीडीसी शाखाओं की आधारशिला रखते हुए कहा कि एनसीडीसी (NCDC) रोगों की निगरानी (disease surveillance), रोगों की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एनसीडीसी की क्षेत्रीय शाखाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ये शाखाएं अविलंब निगरानी, त्वरित पहचान और रोगों पर नजर रखने और इस प्रकार आरंभिक हस्तक्षेपों को समर्थ बनाते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य (public health) के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देंगी।
डॉ मांडविया (Union Health Minister) ने कहा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनसीडीसी शाखाएं (NCDC branches) बीमारियों की समयबद्ध निगरानी और उस पर नजर रखने में राज्यों की सहायता करेंगी। इससे आरंभ में चौकस रहा जा सकेगा, जिससे फील्ड से एकत्र किए गए प्रमाण के आधार पर समय पर हस्तक्षेप किया जा सकेगा। राज्यों की शाखाएं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से आंकड़ों और सूचना को वास्तविक समय के आधार पर साझा करते हुए नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी मुख्यालय के साथ तालमेल कायम करेंगी।
उन्होंने कहा कि एनसीडीसी की शाखाएं अद्यतन दिशा-निर्देशों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी ताकि सटीक वैज्ञानिक आधार वाली सूचना का सुगमता से प्रसार किया जा सके।
वर्तमान में, एनसीडीसी की राज्यों में आठ शाखाएं हैं जो एक अथवा कुछ रोगों पर ध्यान देती हैं, इन्हें पुनरुद्देशित किया जाएगा और एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR), बहु-क्षेत्रीय और कीटविज्ञान संबंधी जांच आदि से संबंधित एकीकृत रोग निगरानी गतिविधियों के लिए नई शाखाओं को जोड़ा जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एनसीडीसी प्रयोगशाला (NCDC Laboratory) ब्लॉक-1, आवासीय परिसर और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग (Vector Borne Disease) नियंत्रण कार्यक्रम के एनआरएल का भी उद्घाटन किया। एनसीडीसी प्रयोगशाला ब्लॉक में सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित बैक्टीरियल, वायरल, फंगल और परजीवी रोगों (parasitic diseases) से संबंधित अत्याधुनिक परीक्षण और रेफरल प्रयोगशालाएं निहित होंगी।
यह प्रयोगशाला 50 उच्च क्षमता वाली प्रयोगशालाओं से सुसज्जित है जिनमें 30 बायो सेफ्टी लेबल 3 प्रयोगशालाएं, 5 आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाएं (RT-PCR laboratories) और 15 अन्य प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इन प्रयोगशालाओं को न केवल परीक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, बल्कि ये देश भर में प्रयोगशालाओं के पूरे नेटवर्क को व्यावहारिक प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और गुणवत्ता आश्वासन सेवाएं भी प्रदान करेंगी।
Updated by Ranjeev Thakur
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