लखनऊ। टीबी हारेगा भारत, जीतेगा! पीएम मोदी (PM Modi) ने सन 2025 तक देश को टीबी मुक्त (TB free India) बनाने की घोषणा कर दी है लेकिन ये होगा कैसे? आइए इसकी एक बानगी देखते है। राजधानी के चारबाग स्थित हरभजराम कृपा देवी धर्मार्थ चिकित्सालय (Harbhajram Kripa Devi Charitable Hospital) को देश के पहले डॉट सेन्टर होने का गौरव प्राप्त है।
शनिवार को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत अस्पताल में संचालित माइक्रोस्कोपिक और डॉट सेंटर पर उपचार ले रहे क्षय रोगियों में अस्पताल ने 10 टीबी के मरीजों (TB patients) को गोद लिया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल टीबी के मरीजों के प्रति बहुत सम्वेदनशील रहती है और लगातार उन्हें गोद लेने के लिए प्रेरित करती रहती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (District Tuberculosis Officer) डॉ कैलाश बाबू ने टीबी के मरीजों को गोद लेने (TB patients adoption) की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की राजनितिक प्रतिबद्धता से जन जागरण हो रहा है और लोग टीबी के मरीजों को गोद ले रहे हैं। उन्होंने कहा टीबी के मरीजों को गोद लेने का मतलब उन्हें अपने घर में रखना नहीं है बल्कि उनको अपने परिवार का एक सदस्य मानते हुए उनकी देखरेख करनी है।
जिला टीबी अधिकारी ने कहा सरकार प्रत्येक मरीज का रिकॉर्ड, उसकी पूरी दवाइयां, 500 रु खाते में देती है और समय-समय पर पूरे घर की काउंसिलिंग की जाती है लेकिन फिर भी ऐसे सामाजिक प्रयासों की नितांत आवश्यकता है। डॉ॰ कैलाश बाबू ने बताया राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय रोग का जांच एवं इलाज स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। लक्षण दिखने पर जांच जरूर कराएं।
हरभजराम कृपा देवी धर्मार्थ चिकित्सालय के चेयरमैन पूर्व मंत्री विद्या सागर गुप्त ने कहा कि आज से लगभग 45 साल पहले डब्लूएचओ ने इस अस्पताल को देश का पहला डॉट सेंटर बनाया था और तब से हम लगातार टीबी के मरीजों की समुचित देखभाल करते आ रहे है। उन्होंने बताया कि टीबी के जिन 10 मरीजों का चयन किया गया है उनको प्रत्येक माह अलग से एक टोकरी भर कर पौष्टिक आहार दिया जाएगा।
टोकरी में चना, सेब, गुड़, संतरा, सत्तू और केला जैसे मौसमी फल तथा पौष्टिक चीजे रहेंगी। श्री गुप्ता ने कहा प्रधानमन्त्री ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त किये जाने का संकल्प लिया है, जिसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास की जरूरत है इसमें समस्त सरकारी, गैर सरकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को अपना योगदान देना होगा।
इस अवसर पर राजेंद्र नगर टीबी अस्पताल (Rajendra Nagar TB Hospital), जिला टीबी कार्यक्रम के कर्मचारी, अस्पताल के ट्रस्टी, वाइस चेयरमैन रमेश अग्रवाल, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (Treatment Supervisor) राजीव कुमार, अभय चंद्र मित्रा, लोकेश कुमार वर्मा, पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक रामजी वर्मा, सौमित्र मिश्रा और टीबीएचवी पवन कुमार, आशा बहुएं (ASHA), समाजसेवी और बड़ी संख्या में टीबी के मरीज मौजूद रहें।
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