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केजीएमयू में आहारनली कैंसर के इलाज पर कार्यक्रम आयोजित

आहारनली का कैंसर एक वीभत्स कैंसर है। इसमें व्यक्ति को खाना निगलने में दर्द होता है। पहले पहले solid खाना फँसने की शिकायत होती है, धीरे धीरे तरल पदार्थ भी अंदर जाना मुश्किल हो जाता है। इस रोग का उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी द्वारा किया जाता है।

हुज़ैफ़ा अबरार
April 24 2022 Updated: April 24 2022 16:58
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केजीएमयू में आहारनली कैंसर के इलाज पर कार्यक्रम आयोजित प्रतीकात्मक

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग ने 23.04.2022 को आहारनली (esophagus) के कैंसर के इलाज के सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ सुभ्रमन्मेशवर राव, हैदराबाद ने दूरबीन के द्वारा आपरेशन के बारे में अपने अनुभव साझा किये । कुलपति ले. जन. (डॉ) बिपिन पुरी ने इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार एवं डॉ. शिव राजन की टीम की सराहना करते हुए कहा कि सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में छाती की दूरबीन विधि द्वारा आहार नली के कैंसर की उच्च गुणवत्ता वाली सर्जरी की जा रही है। इससे छाती में बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है और रोगी की जल्द ही अस्पताल से छुट्‌ट्टी कर दी जाती है।

आहारनली का कैंसर एक वीभत्स कैंसर है। इसमें व्यक्ति को खाना निगलने में दर्द होता है। पहले पहले solid खाना फँसने की शिकायत होती है, धीरे धीरे तरल पदार्थ भी अंदर जाना मुश्किल हो जाता है। इस रोग का उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी द्वारा किया जाता है। इसकी सर्जरी एक बड़ी प्रक्रिया है पर अब दूरबीन विधि से भी यह संभव हो गयी है।

एकतत्व संस्था, जो कैंसर पीड़ित मरीजों के पोषण के लिए काम करती है उनकी कार्यक्रम में महती भूमिका रही।

इस कार्यक्रम के अवसर पर एम्स जोधपुर निदेशक प्रो संजीव मिश्रा, पूर्व विभागाध्यक्ष सर्जरी प्रो0अरुण चतुर्वेदी, पूर्व कुलपति एम.एल.बी भट्ट, डॉ . सुमित रुंगटा, डा0 शेफाली गौतम, प्रो0 कीर्ति श्रीवास्तव एवं डा. सुधीर सिंह राव उपस्थित रहे। विभागाध्यक्ष प्रो . विजय कुमार एवं एसोसिएट प्रो0 शिव राजन द्वारा कार्यक्रम की अगुवाई की गयी।

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