देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

कोविड-19 संक्रमण के बाद एकल परिवार के लोगों में मानसिक समस्याएं ज़्यादा: शोध  

शोध में पाया गया कि संक्रमण के बाद लोगों को तनाव, अवसाद, शरीर में दर्द व चुभन (stinging), भूलने की बीमारी, सोचने की क्षमता प्रभावित होना, बिना योजना के काम शुरू करना, नशे की आदत बढ़ना, ज्यादा गुस्सा आना जैसी समस्याएं देखी गईं। ये लक्षण भी सभी में समान नहीं था।

हुज़ैफ़ा अबरार
January 20 2023 Updated: January 20 2023 01:00
0 11456
कोविड-19 संक्रमण के बाद एकल परिवार के लोगों में मानसिक समस्याएं ज़्यादा: शोध   प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ। केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग ने कोविड 19 संक्रमण के बाद मरीजों में मानसिक समस्याएं पर एक शोधपत्र प्रकाशित किया है। शोध में पाया गया है कि एकल परिवार में रहने वालों को संक्रमण के बाद मानसिक समस्याएं ज्यादा हुईं। महिलाओं (women), शहरी आबादी (urban population), शादीशुदा (married) और ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों में अन्य के मुकाबले ये समस्याएं अधिक देखने को मिलीं। इस शोध को क्लीनिकल एपिडमोलॉजी एंड ग्लोबल हेल्थ (Clinical Epidemiology and Global Health) में प्रकाशित किया गया है। शोध में 224 लोग शामिल हुए, जो कोविड-19 से संक्रमित हो कर ठीक हो चुके थें। 

मुख्य शोधकर्ता डॉ. पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि कोविड से ठीक होने के बाद भारी संख्या में लोग समस्याओं को लेकर अस्पताल में आते रहे हैं। इसे ध्यान में रखकर शोध की योजना तैयार की गई। एक जून दिसंबर 2020 से शोध के शुरुआत आइसोलेशन वार्ड में रहे 243 मरीजों पर किया गया। हालांकि, इनमें से 224 से ही रिपोर्ट मिल सकी। 

शोध में पाया गया कि संक्रमण के बाद लोगों को तनाव (stress), अवसाद (depression), शरीर में दर्द (body pain) व चुभन (stinging), भूलने की बीमारी (forgetfulness), सोचने की क्षमता प्रभावित होना, बिना योजना के काम शुरू करना, नशे की आदत बढ़ना, ज्यादा गुस्सा आना जैसी समस्याएं देखी गईं। ये लक्षण (symptom) भी सभी में समान नहीं था। मरीजों में सबसे ज्यादा समस्या डिप्रेशन की ही देखने को मिली। इसके साथ ही चिंता (anxiety), सनक (craze) और अनिद्रा (insomnia) वाले मरीज भी काफी ज्यादा थे। लिंग, वैवाहिक स्थिति, निवास, परिवार और शिक्षा जैसे कारकों ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई।

इस शोध में प्रश्नोत्तरी (questionnaire) का उपयोग किया गया। इसे पांच भागों में बांटा गया। पहले भाग में अध्ययन का उद्देश्य और मरीज की सहमति को शामिल किया गया। दूसरे में उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थित, परिवार की प्रकृति, शिक्षा और व्यवसाय जैसी सामाजिक विशेषताओं को शामिल किया गया। तीसरे में तनाव के स्तर को मापने के लिए 10 सवाल रखे गए। चौथे में तनाव के स्तर मापने के लिए 14 अन्य सवाल शामिल किए गए। पांचवें भाग में मानसिक विकारों की स्थिति और सांख्यिकी आकलन के लिए 10 सवाल रखे गए। हर भाग में चार वैज्ञानिक मॉडल के आधार पर संक्रमितों को नंबर दिए गए। इन चारों मॉडल में एकल परिवार, महिलाओं, शहरी आबादी, शादीशुदा और ज्यादा पढ़े-लिखे का स्कोर ज्यादा निकला। इसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई।

शोध में शामिल डॉक्टर्स - Doctors involved in research
शोध में केजीएमयू (KGMU) के डॉ. पवन कुमार गुप्ता, डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. पूजा महौर, डॉ. बंदना गुप्ता, डॉ. मनु अग्रवाल, डॉ. पीके दलाल, डॉ. विवेक अग्रवाल, डॉ. अनिल निश्चल, डॉ. आदर्श त्रिपाठी, डॉ. डी हिमांशु, डॉ. अमित आर्या, डॉ. सुधीर वर्मा, डॉ. दीपांशु मिश्रा और डॉ. विशाल गुप्ता शामिल हुए।

कुल 224 संक्रमितों में से 132 एकल परिवार वाले लोग थें - Out of total 224 infected, 132 were nuclear family people 
इस अध्ययन में 224 लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी को मानसिक समस्याएं (mental problems) थीं। इनमें से 132 लोग एकल परिवार वाले थे इनकी मानसिक समस्याओं का स्तर ग्रामीण क्षेत्र के संक्रमितों के मुकाबले ज्यादा था। यही स्थिति 148 लोग शादीशुदा लोगों की भी थी। 196 शहरी क्षेत्र के निवासी थे। शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीणों की संख्या सिर्फ 28 ही थी। ग्रामीणों के मुकाबले शहरवासियों की संख्या तो ज्यादा थी ही, साथ ही उनकी मानसिक समस्याएं भी ज्यादा थीं। इसी तरह कुल संक्रमितों में 117 लोग स्नातक तक की पढ़ाई वाले थे, इनकी समस्याएं इससे कम शिक्षा वालों के मुकाबले ज्यादा मिलीं। शोध में भले ही पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 68 ही थी, पर उनकी मानसिक समस्याएं हर तरह से ज्यादा गंभीर थीं।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में आई कमी

विशेष संवाददाता December 13 2022 5329

देश में अब तक दो अरब 19 करोड़ से ज्यादा लोग टीकाकरण करवा चुके हैं। गौरतलब है कि भारत में वयस्क आबादी

शिक्षा

चीनी विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस कर रहे छात्रों ने फिजिकल ट्रेनिंग को मान्यता देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया

हे.जा.स. March 20 2022 9144

कोरोना महामारी फैलने के बाद भारत लौटने को मजबूर मेडिकल छात्र तब से देश और राज्य के सरकारी और निजी अस

राष्ट्रीय

दिल्ली के निजी अस्पताल पर अदालत ने लगाया 10 लाख रुपये का जुर्माना

हे.जा.स. March 07 2022 8514

अस्पताल प्रशासन का कहना था कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई। पीड़ित दिल की बीमारी का मरीज था और

उत्तर प्रदेश

ट्रॉमा सेंटर में होंगी पैथोलॉजी जांचें और रेडियो डायग्नोसिस

आरती तिवारी September 07 2023 10989

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भीड़ का प्रबंधन करने के लिए नई योजना लागू होने जा रही। इसके तहत ट्रॉमा

राष्ट्रीय

कोरोना का नया वोरिएंट डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक, केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड में।

एस. के. राणा November 26 2021 11888

कोरोना वायरस (Corona Virus) का डेल्टा से ज्यादा संक्रामक रूप दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में मिला है

राष्ट्रीय

12 से 14 साल तक के बच्चों का कोरोनारोधी टीकाकरण मार्च से संभावित

एस. के. राणा January 18 2022 14571

देश में 12 से 14 साल तक के बच्चों का कोरोना रोधी टीकाकरण जल्द शुरू करने को लेकर केंद्र सरकार ने अभी

उत्तर प्रदेश

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 50 वर्ष पूरे होने पर मनाया जाएगा स्वर्ण जयंती समारोह

अनिल सिंह October 15 2022 13789

स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हो सकते हैं। उपराष्ट्रपति कार्यालय

अंतर्राष्ट्रीय

वाशिंगटन मोन्यूमेंट पर भारतीय दूतावास ने आयोजित किया योग कार्यक्रम  

हे.जा.स. June 19 2022 7609

अमेरिकी प्रशासन, संसद, उद्योग, राजनयिक कोर, मीडिया और प्रवासी भारतीय सहित विभिन्न क्षेत्रों से लोगों

उत्तर प्रदेश

सेना चिकित्सा कोर: मेडिकल ऑफिसर्स की सेरेमोनियल परेड आयोजित

रंजीव ठाकुर May 31 2022 21663

इस पाठ्यक्रम में 116 नव कमीशन अधिकारी शामिल थे, जिनमें त्रि-सेवा प्रतिनिधित्व के साथ 30 महिला सैन्य

उत्तर प्रदेश

महिलाओं और बच्चों के कल्याण हेतु केंद्र सरकार की नई पहल।

हुज़ैफ़ा अबरार March 15 2021 5361

मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के तहत समाहित होंगी सभी योजनायें वर्ष 2021 -22 के बजट

Login Panel