लखनऊ। बनारस के रहने वाले 50 वर्षीय संजीव कुमार सिंह को छाती में दर्द की शिकायत हुई। उन्होंने पास के डॉक्टर को दिखाया परंत उन्हें आराम नहीं मिला।बाद में उन्होंने अपने रिश्तेदार जो स्वयं सहारा हॉस्पिटल लखनऊ के हेड है, उनसे अपनी समस्या बतायी तो उन्होंने बिना देर किए तुरंत उन्हें सहारा हॉस्पिटल (Sahara Hospital) आने की सलाह दी।
यहां आकर जब उन्होंने ह्रदय रोग (heart disease) डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर (doctor) ने स्ट्रेस इको ( stress echo) की जांच करवायी और उनकी एंजियोग्राफी (angiography) भी करवायी। जिसके बाद पता चला कि मरीज की लेफ्ट साइड की मुख्य कोरोनरी धमनी (coronary artery) में ब्लाकेज है। कार्डियोथोरेसिक सर्जन ( Cardiothoracic surgeon) डा विशाल श्रीवास्तव व कार्डियोलॉजिस्ट डॉ धीरज सिंह ने मरीज की विधिवत जांच करके पहले इन्टरा एरोटिक ब्लून पंप ( IABP) डालकर आईएबीपी के द्वारा मरीज की स्थिति नियंत्रित की। तत्पश्चात बाईपास सर्जरी सफलतापूर्वक सम्पन्न की।
चिकित्सक ने बताया कि अमुमन सही समय पर डायग्नोसिस न होने से यह बीमारी छुपी रह जाती है और ऐसे केसेज में मरीज को अचानक कार्डियक अटैक (cardiac attack) आने का खतरा रहता है। मरीज व उसके परिजन सफल इलाज पाकर संतुष्ट थे व उन्होंने यहां की व्यवस्था व मैनेजमेंट (management) का धन्यवाद दिया।
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