देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

सुरक्षित जच्चा-बच्चा सरकार की प्राथमिकता, गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित हो रही हैं अनेक योजनाएं

सरकार द्वारा पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना है और प्रसव के तुरंत बाद बच्चे की उचित देखभाल के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम संचालित किये जा रहें हैं। यदि किसी कारणवश मां की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है तो मातृ मृत्यु की समीक्षा भी होती है।

हुज़ैफ़ा अबरार
April 11 2022 Updated: April 11 2022 02:11
0 108703
सुरक्षित जच्चा-बच्चा सरकार की प्राथमिकता, गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित हो रही हैं अनेक योजनाएं प्रतीकात्मक

लखनऊ। मातृत्व स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग का पूरा जोर है। इसके तहत हर जरूरी बिन्दुओं का खास ख्याल रखते हुए जच्चा-बच्चा को सुरक्षित बनाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर (maternal and child mortality rate) को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके। समुदाय में इस बारे में पर्याप्त जागरूकता लाने और इसके लिए मौजूद हर सुविधाओं का लाभ उठाने के बारे में जागरूकता के लिए ही हर साल 11 अप्रैल को सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है।

संयुक्त निदेशक-मातृत्व स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजरी टंडन का कहना है कि गर्भवती (pregnant) की प्रसव पूर्व मुफ्त जांच के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष आयोजन होता है। जहाँ एमबीबीएस (MBBS) चिकित्सक द्वारा गर्भवती की सम्पूर्ण जांच नि:शुल्क (free check up) की जाती है और कोई जटिलता नजर आती है तो उन महिलाओं को चिन्हित कर उन पर खास नजर रखी जाती है, ताकि जच्चा-बच्चा को सुरक्षित बनाया जा सके। 

(संयुक्त निदेशक-मातृत्व स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजरी टंडन)

इसके अलावा पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) के तहत सही पोषण और उचित स्वास्थ्य देखभाल के लिए तीन किश्तों में 5000 रूपये दिए जाते हैं । 

इसके अलावा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना (Janani Suraksha Yojana) है, जिसके तहत सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रूपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपये दिए जाते हैं । 

प्रसव के तुरंत बाद बच्चे की उचित देखभाल के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (Janani Shishu Suraksha Program) है तो यदि किसी कारणवश मां की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है तो मातृ मृत्यु की समीक्षा भी होती है। सुरक्षित प्रसव के लिए समय से घर से अस्पताल पहुँचाने और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की सेवा भी उपलब्ध है । 

 जटिलता वाली गर्भवती (एचआरपी) की पहचान :

  • दो या उससे अधिक बार बच्चा गिर गया हो या एबार्शन हुआ हो
  • बच्चे की पेट में मृत्यु हो गयी हो या पैदा होते ही मृत्यु हो गयी हो
  • कोई विकृति वाला बच्चा पैदा हुआ हो
  • प्रसव के दौरान या बाद में अत्यधिक रक्तस्राव हुआ हो
  • पहला प्रसव बड़े आपरेशन से हुआ हो

गर्भवती को पहले से कोई बीमारी हो:

  • हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) या मधुमेह (डायबीटीज)
  • दिल की या गुर्दे की बीमारी , टीबी या मिर्गी की बीमारी
  • पीलिया, लीवर की बीमारी या हाईपो थायराइड

वर्तमान गर्भावस्था में यह दिक्कत तो नहीं :

  • गंभीर एनीमिया- सात ग्राम से कम हीमोग्लोबिन
  • ब्लड प्रेशर 140/90 से अधिक
  • गर्भ में आड़ा/तिरछा या उल्टा बच्चा
  • चौथे महीने के बाद खून जाना
  • गर्भावस्था में डायबिटीज का पता चलना
  • एचआईवी या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित होना

क्या कहते हैं विशेषज्ञ:

 स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजरी टंडन का कहना है कि जच्चा-बच्चा को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनायें चल रहीं हैं । इनका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें । आशा कार्यकर्ता इसमें अहम् भूमिका निभा रहीं हैं । उनका कहना है कि मां-बच्चे को सुरक्षित करने का पहला कदम यही होना चाहिए कि गर्भावस्था के तीसरे-चौथे महीने में प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि किसी भी जटिलता का पता चलते ही उसके समाधान का प्रयास किया जा सके । इसके साथ ही गर्भवती खानपान का खास ख्याल रखे और खाने में हरी साग-सब्जी, फल आदि का ज्यादा इस्तेमाल करे, आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन चिकित्सक के बताये अनुसार करे । प्रसव का समय नजदीक आने पर सुरक्षित प्रसव के लिए पहले से ही निकटतम अस्पताल का चयन कर लेना चाहिए और मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, जरूरी कपड़े और एम्बुलेंस का नम्बर याद रखना चाहिए । समय का प्रबन्धन भी अहम् होता है क्योंकि  एम्बुलेंस को सूचित करने में विलम्ब करने और अस्पताल पहुँचने में देरी से खतरा बढ़ सकता  है ।

गर्भावस्था की सच्ची सहेली बनीं आशा:   

आशा कार्यकर्ता गर्भ का पता चलते ही गर्भवती का स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकरण कराने के साथ ही इस दौरान बरती जाने वाली जरूरी सावधानियों के बारे में जागरूक करने में सच्ची सहेली की भूमिका अदा करती हैं । इसके साथ ही प्रसव पूर्व जरूरी जांच कराने में मदद करती हैं । संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करतीं हैं और प्रसव के लिए साथ में अस्पताल तक महिला का साथ निभाती हैं ।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

आगरा के एक अस्पताल में लगी आग, डॉक्टर और बेटा-बेटी समेत तीन की मौत

अबुज़र शेख़ October 05 2022 21897

आग लगने के समय अस्पताल में 4 मरीज़ भर्ती थे जिन्हे एक घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया

सौंदर्य

दीपावली पर 10 ब्यूटी टिप्स आज़माएं और चेहरे पर पाएं खूबसूरत निखार।

सौंदर्या राय November 04 2021 34099

एक टेबलस्पून बेसन में एक टेबलस्पून नींबू का रस और आधा टीस्पून हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। सूख

स्वास्थ्य

शरीर के लिए काफी नुकसानदेह है AC की हवा, जानें क्या-क्या हो सकती है समस्या

admin September 29 2022 25975

अस्थमा वाले मरीजों के लिए AC की हवा और भी हानिकारक होती है। अगर आप AC लगवा रहें हैं तो एक बात हमेशा

अंतर्राष्ट्रीय

कोरोना वैक्सीन: पांच से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर द्वारा विकसित टीके को यूएसएफ़डीए का समर्थन।

हे.जा.स. October 27 2021 21299

फ़ाइज़र को 12 या उससे अधिक उम्र के बच्चों के वैक्सीन के लिए पहले ही मान्यता मिल चुकी है।

उत्तर प्रदेश

कोविड-रोधी टीका पूरी तरह सुरक्षित है, बारी आने पर अवश्य लगवाएं- डॉ सूर्यकांत

हुज़ैफ़ा अबरार February 16 2021 22174

डॉ सूर्यकांत को पहला कोरोना का टीका लगाया था। आज पूरे एक महीने बाद डॉ सूर्यकांत को वैक्सीन की दूसरी

उत्तर प्रदेश

यूनानी पद्धति में कोरोना का सीधा इलाज़ नही।

रंजीव ठाकुर May 30 2021 17612

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति में बहुत से उपाय उपलब्ध हैं और यदि आपकी इम्यूनिटी सिस

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में आज 40 लोगों की डेंगू रिपोर्ट आई पॉजिटिव

श्वेता सिंह November 05 2022 13184

आज लगभग 2225 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और कुल “08” घरों में मच्छरजनि

उत्तर प्रदेश

एम्स नयी दिल्ली से निराश फाइलेरिया के मरीज़ का केजीएमयू में सफल इलाज। 

हुज़ैफ़ा अबरार February 02 2021 87804

एम्स दिल्ली में 2 महीने इलाज कराने के बाद मरीज ने लखनऊ के कई प्राइवेट अस्पताल से इलाज कराया। फायदा न

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी 8 अक्टूबर को करेंगे मिशन निरामया अभियान की शुरुआत

अबुज़र शेख़ October 06 2022 26130

इसका लाभ सीधे तौर पर नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगा।  इस मिशन के तहत नर्सिंग व पैराम

राष्ट्रीय

देश में खत्म हो रहा कोरोना संक्रमण, बीते 24 घंटे में कोरोना के 1,778 नए मामले आये

एस. के. राणा March 23 2022 18228

देश में कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। देशभर में आज कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को

Login Panel