लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेस, भारत (एन.ए.एम.एस.) द्वारा ‘डा. आर वी राजम ओरेशन’ से सम्मनित किया गया ।
इस अवार्ड की स्थापना वर्ष 1977 में डा. आर.वी.राजम के 80वें जन्म समारोह के अवसर पर की गई थी । यह व्याख्यान प्रख्यात चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य वैज्ञानिकों को उनके चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया जाता है ।
डा. सूर्यकान्त इस अवार्ड को पाने वाले देश के 10वें चिकित्सक हैं । नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (भारत) एक अनूठी संस्था है जो चिकित्सा और सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अकादमिक उत्कृष्टता को अपने संसाधन में बढ़ावा देती है ।
इससे पहले डा. सूर्यकान्त को 10 और ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है । ज्ञात रहे उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 145 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है । यह पुरस्कार उनके द्वारा श्वास रोग से संबन्धित बीमारियों जैसे - टी.बी. जैसी बीमारी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने एवं कोरोना के दौरान चिकित्सकीय क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान, समाज को जागरूक करने एवं समाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है।
डा. सूर्यकान्त ने टी.बी. पर चार पुस्तकें लिखी हैं और वह उप्र के टी.बी. उन्मूलन के स्टेट टास्ट फोर्स के चेयरमैन हैं । इसके साथ ही टी.बी. मुक्त लखनऊ के संयोजक भी हैं । उन्होंने उप्र का पहला गांव व स्लम एरिया भी टी.बी. मुक्त अभियान के अन्तर्गत गोद लिया हुआ है और उप्र की राज्यपाल के आह्वान पर टी.बी. ग्रसित 50 से अधिक बच्चों को भी गोद ले रखा है ।
डा. सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर हैं । इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है। वह आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमैन हैं एवं आईएमए लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं ।
इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 17 किताबें भी लिख चुके है तथा एलर्जी, अस्थ्मा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। वह पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियो के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थमा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे है एवं इस महामारी काल में जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी से न्यूज चैनल, यूट्यूब, रेडियों एवं अखबार के द्वारा जागरूक कर उन्हें बचा रहें हैं | इसके साथ ही अपने संस्थान में कोरोना पीड़ितों को भी स्वस्थ कर जीवनदान दे रहें हैं ।
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