देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

मौसम का बदलता मिजाज इन मरीजों की बढ़ा सकता है परेशानी

यह एलर्जी स्किन के अलावा सांस की भी हो सकती हैं। सांस की बीमारियों से निपटने के लिए समय रहते अवेयर होने की जरूरत है हैं। यदि परेशानी अधिक बढ़ जाए तो सांस का अटैक जान पर भारी पड़ सकता है। इस बदलते मौसम में होने वाली सांस की बीमारियों पर आज हम बात करते हैं ।

आरती तिवारी
October 28 2022 Updated: October 28 2022 13:57
0 22003
मौसम का बदलता मिजाज इन मरीजों की बढ़ा सकता है परेशानी सांकेतिक चित्र

मौसम बदल रहा है हैं। सांस की परेशानियां बॉडी में घर करने लगी हैं। कुछ लोग इतने एलर्जिक होते हैं कि उन्हें धूल, धुएं या फिर किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है। यह एलर्जी स्किन के अलावा सांस की भी हो सकती हैं। सांस की बीमारियों से निपटने के लिए समय रहते अवेयर होने की जरूरत है हैं। यदि परेशानी अधिक बढ़ जाए तो सांस का अटैक जान पर भारी पड़ सकता है। इस बदलते मौसम में होने वाली सांस की बीमारियों पर आज हम बात करते हैं ।

कोरोना (Corona)

पिछले दो साल कोरोना के रहे हैं. कोविड ने इम्यून सिस्टम कमजोर वाले लोगों के फेफड़ों पर अटैक कर उन्हें बीमार बनाया। जिनके फेफड़े वायरस की मार नहीं झेल पाए। उनकी डेथ तक हो गई। यह वायरस फेफड़ों में पहुंचकर कोष्ठ बना लेता है। इनमें पानी भर जाता है। धीरे धीरे प्रभावित फेफड़ें रिकवर नहीं हो पाते और काम करना बंदकर देते हैं। इससे मरीज की मौत तक हो जाती है। हालांकि काफी रिकवर भी हो जाते हैं।

 

न्यूमोनिया (Pneumonia)

यह भी एक तरह का इन्फेक्शन है। इसमें फेफड़ों में पानी या अन्य तरल पदार्थ भर जाता है। मरीज की नाक से पानी बहता रहता है। सांस नली में गंभीर सूजन आ जाती है। इस बीमारी में फेफड़ों की काम करने की क्षमता काफी प्रभावित होती है। वायरल, बैक्टीरिया, फंगस समेत अन्य वजह से निमोनिया हो सकता है। समय पर इलाज न मिलने पर व्यक्ति की जान तक जा सकती है।

 

अस्थमा (Asthma)

इस कंडीशन में भी श्वसनमार्ग में सूजन आ जाती है। किसी विशेष एलर्जी के कारण यह मार्ग बहुत छोटा हो जाता है। इसलिए रोगी चाहकर भी सांस नहीं ले पाता। बॉडी में प्रॉपर ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए फेफड़ों को हवा की जरूरत होती है। इसी वजह से मरीज बॉडी को जरूरी ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए मुंह से तेज सांस खींचने लगता है। एक बार यह बीमारी होने पर इसका पूरी तरह से ठीक होना मुश्किल है। समय पर ध्यान देने पर इस बीमारी पर कापफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

 

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव डल्मोनरी डिजीज (COPD)

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव डल्मोनरी इसमें लंग्स में सूजन आ जाती है। सूजन आ जाने के कारण फेफड़े प्रॉपर काम नहीं कर पाते हैं। व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है। इसमें खांसी, सांस लेने में दिक्कत और घरघराहट जैसी आवाज आ सकती हैं। स्मोकिंग करने वाले लोग इस बीमारी की चपेट में अधिक आते हैं।

 

ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)

ब्रोंकाइटिस सांस नली में होने वाली सूजन होती है। सांस की नली से फेफड़ों तक वायु ले जाने वाली नलियों को श्वसनी कहा जाता है। कई बार श्वसनी की इन दीवारों में इंफेक्शन होने के कारण सूजन आ जाती है। इससे यह कमजोर होकर गुब्बारे जैसी हो जाती हैं. समय से इलाज न होने पर अस्थमा समेत सांस की अन्य बीमारियां हो जाती हैं।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

अंतर्राष्ट्रीय

जापान में कोरोना ने मचाया कोहराम

हे.जा.स. December 25 2022 33932

जापान में सबसे ज्यादा कोरोना के केस सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 1 लाख 73 हजार नए केस मिले हैं। द

स्वास्थ्य

विश्व स्तनपान सप्ताह: महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता पैदा करने का अभियान

लेख विभाग August 02 2022 38627

स्तनपान बच्चे के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने का ये सबसे अच्छा माध्यम है। ये

व्यापार

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण लाएगा बीमा सुगम योजना

रंजीव ठाकुर September 06 2022 69341

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण जल्द ही बीमा सुगम योजना लाने वाली है। पिछले दिनों हेल्थ जागरण

उत्तर प्रदेश

हज हाउस में 255 बिस्तरों का कोविड अस्पताल खुला।

रंजीव ठाकुर May 12 2021 20592

एचएएल-यूपी कोविड अस्पताल के सभी 255 बेड ऑक्सीजन सुविधाओं से सुसज्जित हैं। 130 बेड ऑक्सीजन से लैस हैं

स्वास्थ्य

वजन घटाने के लिए ना करें ये गलती

आरती तिवारी August 28 2022 23736

मोटापा आजकल की एक बड़ी समस्या है इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते है लेकिन आपकी एक गलती से इसके साइ

अंतर्राष्ट्रीय

मां का तटस्थ या अजीब व्यवहार बच्चे के ‘एपिजेनेटिक’ बदलाव को प्रभावित करता है: शोध 

हे.जा.स. March 03 2023 18160

यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के लिए होल्ड्सवर्थ और उनके

राष्ट्रीय

दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के चार अस्पताल, रोगी बच्चों की जान बचा पाने में विफल

एस. के. राणा March 07 2022 27850

दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के चार अस्पतालों में साढ़े छह साल में औसतन करीब 70 बच्चों की हर महीने

राष्ट्रीय

कोविशील्ड प्लांट अग्निकांड से प्रभावित नहीं होगी कोविड-19 टीकों की आपूर्ति। 

January 24 2021 17762

इस अग्निकांड से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। कंपनी ने हर मजदूर के परिजनों को 25-25 लाख रुपये

उत्तर प्रदेश

ओमिक्रॉन के संभावित खतरे पर एम्स गोरखपुर ने कसी कमर, बनेगा 100 बेड का कोविड़ अस्पताल।

हे.जा.स. December 05 2021 29099

एम्स प्रशासन ने फैसला लिया है कि इस बार तीसरी लहर से निपटने के लिए 100 बेड के लेवल-टू और थ्री के अस्

उत्तर प्रदेश

सहारा हास्पिटल में हेपेटाइटिस ‘बी’ व ‘सी’ स्क्रीनिंग शिविर में हुई लोगों की मुफ्त जांच  

हुज़ैफ़ा अबरार July 30 2022 29192

हेपेटाइटिस के कारण पूरी दुनिया में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। लगातार गंभीर हो रही

Login Panel