देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है पेशाब आने में अनियमितता की शुरुआती। 

ज्यादातर मामूली लक्षणों में लोगों को किसी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन जीवनशैली में उन्हें बदलाव लाने के लिए कहा जाता है। लेकिन लक्षण यदि गंभीर हो जाएं तो इससे नींद खराब होने लगती है और रोजाना की दिनचर्या बाधित होने लगती है।

लेख विभाग
December 11 2021 Updated: December 11 2021 03:40
0 37410
प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है पेशाब आने में अनियमितता की शुरुआती।  प्रतीकात्मक

पश्चिमी देशों के मुकाबले भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले 25 गुना कम हैं लेकिन इसके बावजूद भारत में यह मृत्यु और बीमारी का 12वां बड़ा कारण है। पुरुषों के इस अंग के बारे में अक्सर सुना जाता है कि उम्र बढ़ने (खासकर 50 साल की उम्र के बाद) के साथ प्रोस्टेटग्लैंड (prostate gland) बढ़ने लगता है और पेशाब प्रवाह में रुकावट आने लगती है।इस ग्रंथि के सुचारु रूप से काम करते रहने के महत्व के बारे में जानकारी बढ़ाना बहुत जरूरी है और यदि किसी व्यक्ति को सामान्य रूप से पेशाब करने (urination) में दिक्कत आने लगती है तो उन्हें किसी यूरोलॉजिस्ट (urologist) से जरूर राय लेनी चाहिए। 

फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम (Fortis Hospial Gurugram) में यूरोलॉजी (urology) एंड किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) के कार्यकारी निदेशक डॉ. अनिल मंधानी ने बताया, 'कुछ मरीजों को दवाइयां लेते रहने के बावजूद पेशाब में खून आना, यूरिनरी ट्रैक्टइंफेक्शन (UTI) या किडनी पर होने वाले दबाव में बदलाव जैसे लक्षण बढ़ते जाते हैं और ऐसे लोगों के लिए प्रोस्टेट सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। यह सर्जरी प्रोस्टेट कैंस (prostate cancer) के इलाज में होने वाली सर्जरी से अलग होती है। इसमें मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) के जरिये एंडोस्कोप डालकर एंडोस्कोपिक सर्जरी की जाती है, एक ट्यूब पेशाब के रास्ते से अंदर डाली जाती है और टुकड़ों में प्रोस्टेट को निकाल लिया जाता है। प्रोस्टेट को टुकड़ों में करने के लिए इलेक्ट्रिक करंट से लेकर लेजरएनर्जी तक का इस्तेमाल किया जाता है और यह प्रक्रिया एनेस्थेसिया (anastheia) के तहत अपनाई जाती है। इसके लिए मरीज को 2 से 3 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है।'

यूरोलॉजिस्ट आपके लक्षणों के मुताबिक पेशाब की जांच (urine examination), अल्ट्रासाउंड (ultrasound), यूरोफ्लेमेंट्री तथा प्रोस्टेट विशेष एंटीजन (PSA) जैसी कुछ जांच कराने की सलाह देंगे।

ज्यादातर मामूली लक्षणों में लोगों को किसी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन जीवनशैली में उन्हें बदलाव लाने के लिए कहा जाता है। लेकिन लक्षण यदि गंभीर हो जाएं तो इससे नींद खराब होने लगती है और रोजाना की दिनचर्या बाधित होने लगती है। ऐसे में कुछ दवाइयों से लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। पहली खेप की दवाइयां मांसपेशियों के बाहरी हिस्से को ठीक करने में मदद करती हैं और दूसरी खेप में दी जाने वाली दवाइयां प्रोस्टेट का आकार कम करती हैं।प्रोस्टेट से जुड़ी दूसरी सामान्य समस्या कैंसर की होती है। 15 फीसदी पुरुषों में बढ़ती उम्र (80 साल की उम्र के बाद) के साथ प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने की संभावना रहती है। इसमें आनुवांशिक स्थिति की कोई भूमिका नहीं होती है। ऐसे मामलों में रोग धीमे से लेकर उच्च दर से बढ़ता है जबकि प्रोस्टेट कैंसर जीनम्यूटेशन के कारण बढ़ता है।

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाले सभी तरह के कैंसरों में सबसे आम है जो धीरे—धीरे बढ़ता है और शुरुआती चरणों में यह ग्रंथियों तक ही सीमित रहता है। अन्य कैंसरों के मुकाबले प्रोस्टेट कैंसर 50 साल से कम उम्र के पुरुषों में बहुत कम पाया जाता है।  जैसे—जैसे रोग का स्तर बढ़ता जाता है, मरीज की स्थिति बिगड़ती जाती है और इससे हड्डी का फ्रैक्चर होना, स्पाइनल दर्द, पेशाब करने में दिक्कत तथा टांगों में दर्द जैसे लक्षण उभर सकते हैं। ऐसे लक्षणों वालों को पीएसएटेस्ट जरूर कराना चाहिए ताकि प्रोस्टेट कैंसर की आशंका दूर की जा सके और यदि प्रोस्टेट का लेवल अधिक हो जाए तो प्रोस्टेटबायोप्सी के जरिये प्रोस्टेट का एमआरआई कराना चाहिए। प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हो जाने के बाद बोन स्कैन के रूप में इमेजिंग या पीएसएमए पेट सीटी कराई जाती है जिससे यह पता चल जाए कि रोग प्रोस्टेट तक ही सीमित है या शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल चुका है।

डॉ. मंधानी ने कहा, 'कैंसर यदि प्रोस्टेट तक ही सीमित रहता है तो सर्जिकल उपचार ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है, खासकर लक्षण वाले मरीजों के लिए। सर्जरी का विकल्प रेडिएशन और हार्मोनथेरापी ही है। सर्जरी के तहत कैंसरमुक्तप्रोस्टेट के बढ़े हुए हिस्से के लिए चैनलिंग के बजाय पूरा प्रोस्टेट ही निकाल लिया जाता है। प्रोस्टेट निकालने में आसानी के लिए सर्जन रोबोट का इस्तेमाल करते हैं न कि आम धारणा के मुताबिक इसे कोई रोबोट निकालता है। सर्जरी के कारण पुरुष की यौनशक्ति प्रभावित हो सकती है और अस्थायी रूप से पेशाब टपकते रहने की शिकायत आ सकती है जिसके लिए मरीज को दो सप्ताह से 3 महीने तक डायपर लगाना पड़ता है। एक साल बाद पेशाब नियमित हो जाने के बाद 98 फीसदी ठीक हो जाते हैं।'

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 105 नये मामले, रिकवरी रेट 98 प्रतिशत।

रंजीव ठाकुर February 16 2021 22488

18 फरवरी, 2021 को वैक्सीन की डोज फ्रंट लाइन कर्मियों को लगायी जायेगी। उन्होंने बताया कि माह मार्च, 2

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में डेंगू के मरीजो की संख्या बढ़ी, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के पसीने छूटे

श्वेता सिंह November 08 2022 17412

नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा आहयामऊ गांव पहुंचकर वहां की साफ-सफाई, फागिंग, एंटी लार्वा दवा का छिड़काव

इंटरव्यू

पहली सर्जरी करके मरीज के बगल में स्ट्रेचर पर सोया: डॉ नरेश त्रेहन

रंजीव ठाकुर June 04 2022 40237

विश्व विख्यात कार्डियोलॉजिस्ट तथा मेदांता अस्पताल के जनक डॉ नरेश त्रेहन तीसरे इंवेस्टर समिट में भाग

स्वास्थ्य

कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

लेख विभाग December 25 2022 21572

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कोरोना वायरस से ख़ुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण

राष्ट्रीय

मैक्सिको ने कोरोना रोधी टीके देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया, अमेरिका पर कसा तंज।

हे.जा.स. March 16 2021 23583

मैक्सिको में कोरोना वायरस संक्रमण से करीब 1,95,000 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी तक देश में संक्रमण

लेख

चुंबन से भी यौन रोग गोनोरिया का खतरा

हे.जा.स. October 06 2022 92955

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 2,000 से ज्यादा लोगों के बीच हुई एक स्टडी में पता चला कि चुंबन के का

राष्ट्रीय

मेडिकल कॉलेज में लगेगी एमआरआई मशीन

जीतेंद्र कुमार February 17 2023 32668

भरतपुर के 5 मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में अगले वित्तीय वर्ष में जल्दी ही एमआरआई की मशीन लगेगी। राज

उत्तर प्रदेश

30.5 करोड़ कोरोनारोधी लगा कर उप्र देश में पहले स्थान पर: ब्रजेश पाठक

रंजीव ठाकुर April 15 2022 17657

आज सभी 75 जनपदों में आरटीपीसीआर जांच के लिए बीएसएल-2 प्रयोगशाला हैं। प्रदेश में अबतक 10 करोड़ 94 लाख

उत्तर प्रदेश

कुशीनगर में रोटरी क्लब ने रक्तदान शिविर का किया आयोजन

अनिल सिंह March 21 2023 28377

रोटरी क्लब कुशीनगर के द्वारा आयोजित इस शिविर में 105 लोगों ने रक्तदान का एक नया कीर्तिमान स्थापित कि

स्वास्थ्य

चकोतरा के सेवन से बढ़ती है इम्युनिटी।

लेख विभाग August 29 2021 35387

चकोतरे में संतरे की अपेक्षा सिट्रिक अम्ल अधिक तथा शर्करा कम होती है | इसका छिलका पीला तथा अंदर का भा

Login Panel