लखनऊ। पीजी कोर्स करने वालों छात्रों के लिए नया नियम लागू किया गया है। सरकारी संस्थानों में पीजी कोर्स (PG course) करने वाले डॉक्टर अब 3 महिने जिला अस्पतालों में अनिवार्य सेवाएं देंगे। इसके बाद ही उन्हें फाइनल ईयर की परीक्षा में बैठने के लिए एलिजिबल माना जाएगा। वहीं इन चिकित्सकों को मरीजों के बेसिक इलाज से जुड़ी बारिकियां सिखाई जाएंगी। केजीएमयू (KGMU) , लोहिया-पीजीआई (PGI) जैसे सरीखे संस्थान में पीजी कोर्स करने वाले डॉक्टरों को अब तीन माह सरकारी अस्पताल में सेवा देना होगा।
अस्पताल प्रभारियों का कहना है एमडी-एमएस करने वाले डॉक्टर अस्पताल में ज्वांइन करना शुरू किया है। इन डॉक्टरों की सेवाएं ओपीडी (OPD), इमरजेंसी समेत अन्य जगह पर ली जाएंगी। डिस्टिक रेजीडेंसी प्रोग्राम के तहत डॉक्टर अस्पतालों में आएंगे। यहां पर मरीजों के इलाज संग अन्य सेवाओं को परखेंगे। बता दें कि इस बारे में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (Medical Council of India) के बोर्ड ऑफ गर्वनेंस ने यह फैसला लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है।
बलरामपुर- सिविल अस्पताल (civil hospital) और लोकबंधु, रामसागर मिश्रा, बीकेटी साढ़ामऊ समेत दूसरे सरकारी अस्पतालों में बैच आना शुरू हो गया है। सभी अस्पतालों में पीजी करने वाले डॉक्टरों के बैच ने ज्वांइन करना शुरू कर दिया है। इससे मरीजों को सुपर स्पेशिलियटी इलाज (super specialty treatment) की सुविधा मिलेगी। बता दें कि महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. दीपा त्यागी ने बताया पीजी करने वाले डॉक्टरों को तीन माह अस्पताल में प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 44499
सौंदर्या राय March 09 2023 0 51779
सौंदर्या राय March 03 2023 0 50133
admin January 04 2023 0 49407
सौंदर्या राय December 27 2022 0 40011
सौंदर्या राय December 08 2022 0 31801
आयशा खातून December 05 2022 0 83028
लेख विभाग November 15 2022 0 52948
श्वेता सिंह November 10 2022 0 50562
श्वेता सिंह November 07 2022 0 48275
लेख विभाग October 23 2022 0 38939
लेख विभाग October 24 2022 0 37715
लेख विभाग October 22 2022 0 47877
श्वेता सिंह October 15 2022 0 48825
श्वेता सिंह October 16 2022 0 51491
रिपोर्ट दर्शाती है कि हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है, फिर भी गुणवत्
डॉक्टर अजय शंकर त्रिपाठी बताते हैं कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए अलग अलग वार्ड और ऑ
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 31 मार्च को अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान डिप्टी सीएम को खराब
हम सभी जानते हैं कि देर तक पानी में रहने या नहाने के बाद हाथ और पैर की त्वचा सिकुड़ जाती है लेकिन शा
सीएमओ ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि 15 दिनों में आवेदन नहीं आए, तो स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से नि
डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है। यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या म
रोजाना इस क्रीम का इस्तेमाल करने से आपके हाथ हवा से मॉइश्चर को अवशोषित करने लगते हैं। मॉइश्चर अवशोष
भरवारा एसटीपी की कार्यदायी संस्था सुएज इंडिया के प्लांट इंचार्ज राजेश देशराज ने छात्रों को सीवेज ट्र
सुल्तानपुर जिले में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। जबकि बीते दिन फिर दो मरीज सामने आए जिन्हें मेडि
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। ऐसे ग
COMMENTS