आगरा। अस्पतालों में दिन प्रति दिन लापरवाही बढ़ती जा रही है। स्वास्थ विभाग (health Department) की टीम बिना लायसेंस के संचालित अस्पताल की जांच करने के लिए शहीद नगर स्थित नया सवेरा अस्पताल में पहुंची। जहां जांच पड़ताल करने पर पता चला कि यह अस्पताल (hospital) सालों से बिना लायसेंस के संचालित है।
इतना ही नहीं यहां जांच करने आए एसीएमओ ने बताया की अस्पताल के पास अग्निशमन NOC है। जबकी मुख्य अग्निशमन अधिकारी डीके सिंह का कहना है कि नया सवेरा हॉस्पिटल ने NOC के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है। ऐसे में साफ है कि यहां किस तरह लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है, और खुलेआम मानकों की अनदेखी की जा रही है।
इस अस्पताल का संचालन (hospital operations) सालों से निरंतर जारी है, लेकिन बड़ी बात यह है की इस अस्पताल के पास स्वास्थ विभाग का लायसेंस ही नहीं है। बता दें कि जब स्वास्थ विभाग की टीम अस्पताल में जांच करने पहुंची तो जांच में लायसेंस नहीं मिला। साथ ही और भी कमियां पाई गई। जिसके बाद टीम ने उन्हें लायसेंस कराने की सलाह देकर छोड़ दिया।
ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कब तक ये अस्पताल खुलेआम स्वास्थ्य विभाग को चुनौती देते रहेंगे। कब तक खुलेआम अनियमिता बरतने वाले और नियमों को चुनौती देने वाले डॉक्टरों और हॉस्पिटल संचालकों (hospital operators) के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। क्योंकि बिना लायसेंस के चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई करने की जगह सलाह देकर छोड़ देना ये स्वास्थ विभाग पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।
नया सवेरा अस्पताल (Naya Savera Hospital) या उसके जेसे कई अस्पताल शहीद नगर आवासीय योजना के लिए बनाए गए भूखंडों में संचालित है। इनके ICU और स्वास्थ सेवाओं को देखकर लगता है की स्वास्थ सेवाओं (health services) के नाम पर स्वास्थ विभाग को यह अस्पताल चुनौती दे रहे हैं, और इन अस्पतालों की लापरवाही को विभाग बर्दाश्त कर रहा है।
यहां कई गंभीर मरीज़ भर्ती हैं। इसके बावजूद जब यहां ICU बनाने की जगह नहीं मिली तब फाइबर की दीवार बनाकर ICU बनाकर काम चलाया जा रहा है और मरीजों से पैसे वसूले जा रहे है। वहीं नया सवेरा अस्पताल में जांच करने गए अधिकारी का कहना है की अस्पताल के पास स्वास्थ विभाग का रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसलिए इन्हें कल तक का समय दिया है और मरीज भर्ती करने पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल के पास फायर NOC है।
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