लखनऊ। केजीएमयू में जहर और दवाओं के ओवरलोड का अब सटीक इलाज (Toxicology Lab) मिल रहा सकेगा। यह संभव होगा फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टेक्सिकोलॉजी विभाग में शुरू हुई टेक्सिकोलॉजी लैब (Toxicology Lab) से। उत्तर भारत की यह पहली प्रयोगशाला है, जहां पर क्लीनिकल उपयोग (clinical use) के लिए जहर और दवाओं के ओवरडोज के जांच की सुविधा है। ट्रॉमा सेंटर (trauma center) और गांधी वार्ड में सैंपल लिए जाएंगे। प्रति सैंपल जांच की फीस करीब 200 रुपये तय की गई।
टेक्सिकोलॉजी लैब इंचार्ज डॉ. शिऊली रठौर बताती हैं कि मेडिसिन विभाग (Department of Medicine) की ओपीडी में अक्सर जहरखुरानी और सर्पदंश (snakebite) के शिकार लोग आते हैं। दवाओं के ओवरडोज और जहर खाने के मामले भी आते रहते हैं। ऐसे में केवल लक्षण के आधार पर ही इलाज किया जाता था। टेक्सिकोलॉजी लैब में जहर से हमें जहर के बारे में पूरी जानकारी होगी।
इसके अलावा डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टेक्सिकोलॉजी विभाग (Department of Forensic Medicine & Toxicology) में टेक्सिकोलॉजी लैब की शुरूआत की गई है। जांच की फीस भी निर्धारित कर दी गई है। इससे मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। अब तक लक्षण के आधार पर जहर (poison) का इलाज होता था, जांच रिपोर्ट से समय रहते उसकी काट वाली एटीडोज दी जा सकेगी।
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